जैसे ही मैंने दरवाजा खोला …
ContinueAdded by rajesh kumari on May 30, 2012 at 9:30am — 22 Comments
चश्मे तो हमने राह में पाये हैं बेशुमार
तेरी ही तिश्नगी में आये हैं बार- बार
प्यार से बिठाया और खुशियाँ लूट ली
धोखे यूँ जिंदगी में खाये हैं कई हजार
सीमाएं मेरे दर्द की वो नाप के गए
अश्क जब काँधे पे बहाये हैं ज़ार-ज़ार
बता गमजदा दिल अब कैसे ढकें बदन
खुशियों के पैरहन कर लाये हैं तार-तार
वादियों में बुलबुलें अब चहकती नहीं
जब दर्द…
ContinueAdded by rajesh kumari on May 25, 2012 at 3:00pm — 26 Comments
Added by rajesh kumari on May 21, 2012 at 1:00pm — 27 Comments
जिंदगी रूठ के मुझसे कहीं खोई होगी
तकिये में मुंह छिपाकर रोई होगी
जल गई थी जो अरमानों की फसल
यंकी नहीं कि फिर से बोई होगी
बढ़ गई होंगी जब दिल की बेताबियाँ
टूटी मेरी तस्वीर फिर संजोई होगी
मैं जानता हूँ हाल इस वक़्त भी उसका
शबनम ओढ़ के पलकों पे सोई होगी
*****
Added by rajesh kumari on May 19, 2012 at 6:21pm — 25 Comments
Added by rajesh kumari on May 16, 2012 at 10:30am — 38 Comments
(1)
कई दिनों से
सफ़ेद चादर के फंदे ने
गला घोंट रखा था
आज धूप से गले मिलकर
खुल के रोये चिनार
(2)
हाथी दांत की चूड़ियाँ
बाजार में देखी तो ख़याल आया
कि कहीं कल इंसान
की अस्थियों के लाकेट
तो नहीं आ जायेंगे बाजार में
(3)
तेरी इस ग़ज़ल के कुछ शब्दों से
लहू रिस रहा है
लगता है कहीं से बहुत बड़ी
चोट खाकर आये हैं
तभी तो दर्द से बरखे
यूँ फडफडा रहे…
ContinueAdded by rajesh kumari on May 14, 2012 at 10:49am — 23 Comments
कितना जोश और ख़ुशी
थी तुम्हारी आवाज में
जब तुमने मुझे फोन पर बताया
की माँ तुम्हारे दामाद ने
आज पांच आतंकवादियों
को मार गिराया
तुम लगातार ख़ुशी से बता
रही थी और मेरा मन
कंहीं दूर किसी धुंधलके
की तरफ खिंचता जा रहा था
तुम्हारी आवाज दूर होती जा रही थी
कुछ क्षण बाद वापस आती हूँ तो सोचती हूँ
की तुम कितनी बहादुर हो
बिलकुल अपने
जांबाज पति की तरह
मुझे गर्व है तुमपर
मेरी…
ContinueAdded by rajesh kumari on May 12, 2012 at 12:47pm — 5 Comments
Added by rajesh kumari on May 10, 2012 at 1:45pm — 17 Comments
खोल दिए पट श्यामल अभ्रपारों ने
मुक्त का दिए वारि बंधन
नहा गए उन्नत शिखर
धुल गई बदन की मलिनता …
ContinueAdded by rajesh kumari on May 4, 2012 at 10:30am — 20 Comments
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |