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Mohan Sethi 'इंतज़ार''s Blog – June 2015 Archive (3)

भांग का पौधा ........इंतज़ार

ये मेरे दिल में जो तूने

एक भांग का पौधा 

बो दिया था

अब वो बड़ा हो गया है

और लत लग गई है मुझे

रोज़ दो पत्ती खाने की...

प्यार के नशे में तेरे

डूबना बड़ा अच्छा लगता है

कहते हैं कि नशा गुनाह है

मगर यहाँ किसे परवाह है

अगर मैं मुजरिम हूँ

तो सिर्फ़ तेरा

तू चाहे जो सज़ा दे दे

मंज़ूर है सब

मगर शर्त ये है कि

कभी कभी इसे सींच देना

अपने एहसासों की बौछार से…

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Added by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on June 6, 2015 at 5:46am — 20 Comments

बेहिसाब बरसो ......इंतज़ार

मेरे जीवन में तुम आके बरसो

आसमानी बादल बन के ना बरसो

पास आ सैलाब बन के बरसो

पुरवाई का झोंका बन के ना बरसो

प्यार की अंगार बन के बरसो

मिलन की आस बन के ना बरसो

बोसों की बौछार बनके बरसो

चांदनी बन के ना बरसो

चकोरी की प्यास बन के बरसो

उमंगों के आकाश से

एहसासों की बारात बन के बरसो

तनहाइयाँ बहुत हुईं

एक मिलन की रात बन के बरसो

अब जैसे भी बरसो ....

मगर कुछ ऐसे बरसो

कि बेहिसाब हो के बरसो…

Continue

Added by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on June 5, 2015 at 6:19am — 10 Comments

अधूरी कहानी ...(अगज़ल) ...इंतज़ार

पल्लू लहरा देते हैं वो हवा का रूख़ देख कर

बीमार हो जाते हैं हम भी हसीं दवा देख कर ! 

यूँ तो हम तुम्हारे सिवा किसी और पे मरते नहीं

महफ़िल हसीनाओं की हो तो शिरकत से डरते नहीं ! 

तूने अगर दिल में अपने मुझे घर दिया होता

तन्हाईओं की बारिशों से मैं ना गल गया होता ! 

सुना है मिजाज़ गर्म और नज़र तिरछी है उनकी

'इंतज़ार' हम कहाँ मरते हैं हसीं बद दुआओं से उनकी ! 

तुम बिन ख़त्म हो जायेगी तिलस्मी दुनियाँ मेरी

अधभरे पन्नों में…

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Added by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on June 2, 2015 at 11:30am — 19 Comments

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