खुशियाँ लाया तीज है , गाएं गीत मल्हार
आंगन पींगों से सजे , झूलें कर श्रृंगार||
झूलें कर श्रृंगार ,ओढ के लाल चुनरिया
चूड़ियाँ हरी लाल , पहन झूमती गुजरिया||
आया श्रावण माह ,माँ ने पीहर बुलाया
मिले प्रेम उपहार, तीज है खुशियाँ लाया||
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मौलिक व अप्रकाशित
Added by Sarita Bhatia on July 31, 2013 at 9:30pm — 9 Comments
बहर में लिखने का प्रथम प्रयास
2 1 2 2 1 2 2 1 2 2 1 2
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जिंदगी में तुम्हारी कमी रह गई
प्यास मेरी अधूरी यही रह गई
आशियाने बहे ना डगर ही मिली
सूचना आसमानी धरी रह गई
घोर तांडव हुआ खैर पा ना सके
फूल तोडा गया बस कली रह गई
ये कयामत चली लेखनी की तरह
ख़्वाब टूटे मगर चोट भी रह गई
ये ख़ुशी नागवारी खुदा को हुई
तो अकड़ आदमी की धरी रह गई
पेड़ काटे अगर तो सही त्रासदी
पेड़ रोपे…
Added by Sarita Bhatia on July 25, 2013 at 7:30pm — 15 Comments
सार छंद / ललित छंद [प्रथम प्रयास]
छन्न पकैया छन्न पकैया के स्थान पर
गुरु का आओ सम्मान करें
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गुरु का आओ सम्मान करें , 'गुरु' मतलब समझाएं
'गु' से होता अज्ञान तिमिर का, 'रु' से उसको हटाएँ
गुरु का आओ सम्मान करें ,गुरु पूर्णिमा आई
अज्ञान तिमिर का जो हर रहे ,सबके मन का भाई
गुरु का आओ सम्मान करें, अँधेरा दूर हटाएँ
गुरु दक्षिणा आज उसे देवें, ज्ञान प्रकाश…
Added by Sarita Bhatia on July 22, 2013 at 8:00pm — 7 Comments
सावन आया झूम के,देखो लाया तीज
रंगबिरंगी ओढ़नी, पहन रही है रीझ
पहन रही है रीझ, हार कंगन झाँझरिया
जुत्ती तिल्लेदार, आज लाये साँवरिया
उड़ती जाय पतंग, लगे अम्बर मनभावन…
Added by Sarita Bhatia on July 18, 2013 at 10:30am — 6 Comments
अबला नारी को कहें, उनको मूर्ख जान |
नारी से है जग बढ़ा ,नारी नर की खान ||
नारी नर की खान , प्यार बलिदान दिया है |
नारी नहिं असहाय , मर्म ने विवश किया है
पाकर अनुपम स्नेह ,नारी बनेगी सबला |
नर जो ना दे घाव ,तो क्यों रहे वह अबला||
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मौलिक व अप्रकाशित
Added by Sarita Bhatia on July 15, 2013 at 10:30am — 8 Comments
बरखा रानी आ गई ,लेकर बदरा श्याम |
धरा आज है पी रही ,भर भर घट के जाम||
भर भर घट के जाम ,हो रही धरा है तृप्त |
पानी हुआ तुषार, हो रही ग्रीष्म है लुप्त ||
लोग हुए खुशहाल ,चला जीवन का चरखा |
बच्चे ख़ुशी मनात , मेघा ले आय बरखा ||
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मौलिक व अप्रकाशित
Added by Sarita Bhatia on July 10, 2013 at 9:00am — 17 Comments
सुबह सुहानी आ गई ,लेकर शुभ सौगात |
अधर पर मुस्कान लिए, प्यार बसे दिन रात||
पूरे हों सपने सभी ,रहो न उनसे दूर |
गम का ना हो सामना ,ख़ुशी मिले भरपूर||
तारे सारे छुप गए ,आई प्यारी भोर |
आँगन खुशिओं से भरे ,मनवा नाचे मोर||
सुखद सन्देश जो मिले ,अधर आय मुस्कान|
खुशिओं से हो वास्ता ,मिले हमेशा मान||
पुष्प सी मुस्कान लिए ,रहो हमेशा पास |
होना ना उदास कभी क्योंकि आप हो ख़ास||
रविवार का दिवस अभी ,करलो…
ContinueAdded by Sarita Bhatia on July 4, 2013 at 4:00pm — 11 Comments
सुप्रभात दोहों से मैं, करती हूँ आगाज |
अधर पर मुस्कान लिए,सरिता बोले आज||
नई सवेर ले आए ,रोज सुखद सन्देश |
पूरी हो हर कामना ,संकट हरे गणेश||
आये कोई विघ्न ना ,सर पर रखना हाथ|
पूरी करना कामना ,हे नाथों के नाथ||
चूम उठाया भोर ने ,ख़ुशी से झूमा दिल|
सुबह संदेश आपका ,गया जैसे ही मिल||
बन जायेंगे आपके, सारे बिगड़े काम |
थके बिन बढते रहना, मन में धारे राम||
सुबह सुहानी ले आई बरसात की फुहार |…
Added by Sarita Bhatia on July 3, 2013 at 3:30pm — 9 Comments
बरखा छम छम आ गई ,लेकर सुखद फुहार
सावन के झूले पड़े ,कोयल करे पुकार
कोयल करे पुकार ,सबहीं का चित चुराए
मीठे मीठे आम ,सभी के मन को भाए
सखि न झूला सोहै ,ना ही चलत है चरखा
आय न सजन हमार,ना भाए रूत बरखा
........मौलिक व…
ContinueAdded by Sarita Bhatia on July 1, 2013 at 1:00pm — 9 Comments
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