2212 1222 2222 12
 ...
 चाहा जिसे था दिल के बंद दरवाजे ही मिले ,
 वो दोस्ती में मुझको बस अजमाते ही मिले |
 
 ज़ब्रो ज़फ़ा गरीबों पर जिस-जिस ने की अगर,  
 हर जुर्म खुद खुदा को वो लिखवाते ही मिले |
 
 बदनाम वो शहर में पर, काबे का था मरीज़, 
 हर चोट भी ख़ुशी से सब बतियाते ही मिले |
 
 वो यार था अजीजों सा, दुश्मन भी था मगर,
 हर राज-ए-दिल उसे पर हम बतलाते ही मिले |
 इस दौर में जिधर भी देखो गम ही गम हुए, 
 ऐ ‘हर्ष’ ज़िन्दगी में वो भी आधे ही…
Added by Harash Mahajan on August 26, 2015 at 10:09pm — 8 Comments
Added by Harash Mahajan on August 21, 2015 at 5:28pm — 13 Comments
2212       1221      2212     12
 
 दिल चाहता है तुझसे कभी, ना गिला करूँ,
 इस ज़िन्दगी में तुझसे यही सिलसिला करूँ | 
 
 दिन भर शराब पी के हुआ,था मैं दरबदर, 
 अब ढूंढता हूँ चादर ग़मों की सिला करूँ |
 
 नफरत थी जिन दिलों में, भुलाया नहीं मुझे,
 दिल में बता खुदा, उनके, कैसे खिला करूँ | 
 
 अमन-ओ-अमां के साये ही जिनसे नसीब हो,
 ऐसे चमन  जमी दर ज़मीं  काफिला करूँ |
 
 तन्हा है सब सफ़र और तनहा हैं रास्ते, 
 अब सोचता हूँ तुझसे यहाँ ही मिला…
Added by Harash Mahajan on August 6, 2015 at 6:03pm — 13 Comments
2122 2122 2122 212
 
 बन गया मैं यूँ खुदा, सूली पे चढ़ जाने के बाद, 
 पत्थरों में पूजे मुझको, अब सितम ढाने के बाद |
 
 बनके पत्थर देखता हूँ,  इंतिहा बुत परस्ती की, 
 फूल बरसाए है दुनियां, चोट बरसाने के बाद |
  
 मैं था पागल इश्क में, उसको न जाने क्या हुआ,
 लौ बुझा दी इस दीये की, इतना समझाने के बाद |
 
 बे-वफाई छेदती है, नर्म दिल की परतों को,
 हूर रुख्सत हो कभी दिल में वो बस जाने के बाद |
 
 इतना रोया हूँ, मगर अब, अश्क आँखों में…
Added by Harash Mahajan on August 3, 2015 at 1:30pm — 9 Comments
2122 2122 2122 212
 किस तरह नादानियों में हम मुहब्बत कर गए,
 दी सजा दुनियां ने हमको सारे अरमां मर गए |
 
 कब तलक खारिज ये होगी हक परस्तों की ज़मीं,
 महके गुलशन तो समझना कातिलों के सर गए |
 
 बंदिशें अब बेटियों पर, आसमां को छू रहीं,
 किस तरह बदला ज़माना, बरसों पीछे घर गए |
 
 प्यार की, हर पाँव से, अब बेड़ियाँ कटने लगीं,
 नफरतों में, जुल्फों से, अब फूल सारे झर गए |
लुट रही अस्मत चमन की, कागज़ी घोड़े यहाँ,…
Added by Harash Mahajan on August 1, 2015 at 1:00pm — 13 Comments
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