For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Featured Blog Posts – September 2015 Archive (4)

'मुखाग्नि'- (लघु कथा)

आज सुबह उस चाय की गुमटी पर गरमा गरम चाय पीते-पीते कुछ मुखों से शब्दों के अग्नि-बाण से निकल रहे थे।

"अरे सुना तुमने, मज़हब की बंदिशें तोड़ ग़रीब दोस्त संतोष को मुस्लिम युवक रज़्ज़ाक ने कल मुखाग्नि दी !"

यह सुनकर एक पंडित जी बड़बड़ाने लगे-

"सारा अंतिम संस्कार अपवित्र हो गया, पता नहीं आत्मा को कैसे शान्ति मिलेगी ?"

इस पर एक शिक्षित युवक बोला-

"अरे ये सब वो धर्मान्तरित मुसलमान हैं जो आज भी अपने मूल धार्मिक कर्मकांड गर्व से करते हैं।"

तभी एक दाढ़ी वाले ने दाढ़ी पर…

Continue

Added by Sheikh Shahzad Usmani on September 21, 2015 at 9:30am — 24 Comments

अस्तित्व

छलछलाई आँखों से 

मुस्कराई आँखों से 

विदा दी देहरी ने 

चल पड़ी मैं......

छलछलाई आँखों से 

मुस्कराई आँखों से 

स्वागत किया देहरी ने 

हंस पड़ी मैं.........

रंगोली सजाने लगी 

वंदनवार लगाने लगी

सज गयी देहरी 

रम गयी मैं........

प्रीत ने बहका दिया 

मीत ने महका दिया

लहरा गया आँचल 

संवर गयी मैं........

ममता ने निखार दिया 

आँचल भी संवार…

Continue

Added by Abha Chandra on September 9, 2015 at 4:00pm — 14 Comments

हस्ताक्षर

उकेर दिया है

समय की रेत पर

अपना हस्ताक्षर.

जानता हूँ

ख़त्म हो जाएगा

रेत के बिखराव से

मेरा वज़ूद.

संभावना यह भी

किसी संकुचन क्रियावश

घनीभूत हो रेत

प्रस्तर बन जाय .

तब देख पाओगे

खंडित होने तक

मेरा हस्ताक्षर.

कुच्छ भी तो नहीं है

अनंत.

(विजय प्रकाश)

मौलिक व अप्रकाशित

Added by Dr.Vijay Prakash Sharma on September 5, 2015 at 1:30pm — 12 Comments


सदस्य कार्यकारिणी
ग़ज़ल - जैसे अपना बयान छोड़ गये ( गिरिराज भंडारी )

2122  1212  112/22

ज़ख़्म  सूखे निशान छोड़ गये

जैसे अपना बयान छोड़ गये

 

लौट के यूँ गये मेरे दिल से

मानो ख़ाली मकान छोड़ गये

 

सारी खुश्बू हवायें ले के गईं  

ये भी सच है कि भान छोड़ गये

 

राग खुशियों के छिन्न भिन्न किये

मित्र, ग़मगीन तान छोड़ गये

 

उड़ गये जब परिंदे बाग़ों से

पीछे सब सून सान छोड़ गये 

 

हाले दिल क्या बयान कर पाते ?

हम से कुछ बे ज़ुबान छोड़ गये

 

खुद चढ़ाई चढ़े…

Continue

Added by गिरिराज भंडारी on September 3, 2015 at 10:54am — 26 Comments

Featured Monthly Archives

2025

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

2012

2011

2010

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
21 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
22 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
22 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service