देखते ही देखते दिन रात बदल जाते है
पल में लोग अपनी बात बदल जाते है
यूँ बदल गई आब-ओ-हवा मेरे शहर की
घर देख कर यहाँ अब ताल्लुकात बदल जाते हैं
न कर गुरुर बन्दे मेयार-ए-ख़ुद पर
कौन जाने कब किसके हालत बदल जाते हैं
रह गई है मौहब्बत की इतनी ही हकीक़त
रोज आशिको के अब जज्बात बदल जाते हैं
होती है आरजू-ए-मुकतला यहाँ सभी को
तकदीरे कभी तो कभी ख्वाहिशात बदल जाते है
क्या करें जहाँ में ऐतबार अब किसी का
जब…
Added by Sonam Saini on October 19, 2012 at 9:34am — 13 Comments
वो कॉलेज की दुनिया
दोस्तों का फ़साना
बड़ा याद आता है
कॉलेज का जमाना .........
सब दोस्तों का इंतजार करना
थोडा लेट होने पर भी
कितना झगड़ना
सुबह- सुबह पहली क्लास में
सबसे आगे पहली बेंच पर बैठना
कितना याद आता है
लास्ट लेक्चर में थ्योरी सुनते- सुनते
चुपके से सो जाना .........
वो कॉलेज की दुनिया
दोस्तों का फ़साना ..............
वो मोटी-मोटी सी किताबे
अकाउन्ट्स की भाषा
आँखों में पलते बड़े बड़े सपने
मगर फिर…
Added by Sonam Saini on October 4, 2012 at 10:44am — 10 Comments
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