Added by योगराज प्रभाकर on June 4, 2011 at 8:30am — 5 Comments
(1)
(भ्रूण हत्या)
जैसे बेटा पैदा होना, इक वरदान कहा,
घर में न बेटी होना, एक बड़ा श्राप है !
होती न जो बेटियां तो, होते कैसे बेटे भला
इन्ही की वजह से तो, शिवा है - प्रताप है !
पैदा ही न होने देना, कोख में ही मार देना,
हर मज़हब में ये, घोर महापाप है !
महामृत्युंजय सम, वंश के लिए जो बेटा,
उसी तरह कन्या भी, गायत्री का जाप है…
ContinueAdded by योगराज प्रभाकर on May 30, 2011 at 9:20pm — 20 Comments
"क्या यह बात सच है कि कल तुम्हारी बेटी से बलात्कार किया गया ?"
"हाँ साहब, कल शाम खेतों से लौटते हुए मेरी बेटी की इज्ज़त लूटी गई !"
"क्या तुम जानते हो कि दोषी कौन है !?"
"मैं ही नही साहब, सारा गाँव जानता है उस पापी को जिसने मेरी बेटी को बर्बाद किया है !"
"मगर इतनी बड़ी बात होने के बावजूद भी तुमने थाने जाकर रिपोर्ट क्यों नहीं लिखवाई ?"
"क्योंकि मैं अपनी बेटी का सामूहिक बलात्कार नही चाहता था ! "
Added by योगराज प्रभाकर on December 21, 2010 at 4:30pm — 24 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on November 19, 2010 at 2:49pm — 35 Comments
सूरज ने फक्कड़ से कहा:
"मुझे झुक कर सलाम कर !"
"तुझे सलाम करूं ? मगर क्यों?"
"ये दुनिया का दस्तूर है, चढ़ते सूरज को सभी सलाम करते हैं !"
"करते होंगे, मगर मैं तेरे आगे सिर नहीं झुकऊँगा !"
"मगर क्यों ?"
"क्योंकि तू बहुत कमज़ोर और निर्बल है, जिस दिन सबल हो जाएगा मैं तेरे आगे सर ज़रूर झुकाऊंगा !"
"कमज़ोर और निर्बल ? और वो भी मैं ?"
"हाँ !"
"तो अगर मैं ये साबित कर दूं कि मैं सबल हूँ, तो क्या तुम मुझे सलाम करोगे?"
"एक बार नही सौ सौ बार सिर झुकाकर सलाम…
Added by योगराज प्रभाकर on October 28, 2010 at 9:30am — 42 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on October 16, 2010 at 7:20pm — 18 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on October 16, 2010 at 7:00pm — 23 Comments
मुलजिम को संबोधित करते हुए न्यायधीश ने कहा:
"तुम पर आरोप है कि तुम सीमा पार से ५ लाख रुपये की जाली करंसी, १० लाख रुपये ने नशीले पदार्थ और भारी मात्रा में गोला बारूद लाते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किए गए हो ! इस से पहले कि अदालत कोई निर्णय सुनाये, क्या तुम अपनी सफाई में कुछ कहना चाहोगे?"
दोनों हाथ जोड़ कर मुलजिम ने जवाब दिया,
"केवल एक सवाल पूछने की इजाज़त चाहूँगा हुज़ूर !"
"इजाज़त है", न्यायधीश ने कहा
"जाली करंसी, नशीले पदार्थ और हथियारों का ज़िक्र तो आपने कर दिया, मगर मुझ से…
Added by योगराज प्रभाकर on October 16, 2010 at 7:00pm — 7 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on October 8, 2010 at 10:30am — 1 Comment
Added by योगराज प्रभाकर on September 23, 2010 at 10:30am — 11 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on September 23, 2010 at 10:30am — 2 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on September 22, 2010 at 12:30pm — 1 Comment
Added by योगराज प्रभाकर on September 22, 2010 at 12:29pm — 2 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on September 7, 2010 at 10:00am — 21 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on August 23, 2010 at 11:30pm — 10 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on August 12, 2010 at 12:30am — 11 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on August 2, 2010 at 9:00pm — 7 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on July 16, 2010 at 9:00pm — 5 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on July 4, 2010 at 11:30pm — 10 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on May 10, 2010 at 10:30am — 13 Comments
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