1.
सौंधी महक
मिट्टी पड़ी गिरवी
विदेशी चाल ।
2.
बाज़ार भाव
रोज़ की घट-बढ़
है सोची चाल ।
3.
होली दस्तक
अब रंगों में हिंसा
फैला तनाव ।
4.
नंगा बदन
फैशन का कमाल
धन की लूट ।
5.
कहाँ को जाएँ
लूटी हुई है शांति
दिशा बेहाल ।
.
मौलिक एवं अप्रकाशित
Added by Mohammed Arif on February 3, 2017 at 8:30am — 10 Comments
धूल , मिट्टी और गारे से सनी
एक कविता लिखना चाहता हूँ
इस आपाधापी से बचना चाहता हूँ
मिट्टी की सौंधी महक वाली
गोबर से लीपे आँगन वाली
एक कविता लिखना चाहता हूँ
इस आपाधापी से बचना चाहता हूँ
टूटे खाट पर बैठी
जाड़े में धूप सेंकती
सौ बरस की बुढ़िया पर
एक कविता लिखना चाहता हूँ
इस आपाधापी से बचना चाहता हूँ
कुएँ , चौपाल , चरवाहें
खूँटे से बंधे चौपायों पर
एक कविता लिखना चाहता हूँ
इस आपाधापी से बचना चाहता हूँ
आम , इमली , नीम ,…
Added by Mohammed Arif on January 17, 2017 at 10:30pm — 7 Comments
Added by Mohammed Arif on January 5, 2017 at 11:23pm — 13 Comments
नई बहू राधिका को कुछ समय ही ससुराल में बीता था कि राधिका ने देखा कि उसके ससुर देवीप्रसादजी बडे़ शांत स्वभाव वाले, मिलनसार और कर्मठता की जीती-जागती तस्वीर हैं। ससुर जी के इस व्यक्तित्व ने राधिका के ऊपर गहरा प्रभाव डाला। देवीप्रसादजी की उम्र लगभग अस्सी से भी अधिक हो चुकी थी। लेकिन उनका शरीर चुस्ती -स्फूर्ति का बेजोड़ नमूना था। वे हमेशा घर का सारा काम करते, उठा-पटक करते, घर की चीजों को संभालते। दिन-दिन भर बगिया के झाड़- झंखड़ हटाते, पौधों को पानी देते कुल मिलाकर देवीप्रसाद राधिका को हमेशा काम…
ContinueAdded by Mohammed Arif on August 29, 2016 at 6:30pm — 7 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |