Added by Samar kabeer on February 15, 2015 at 10:30pm — 16 Comments
Added by Samar kabeer on February 10, 2015 at 10:42pm — 11 Comments
Added by Samar kabeer on February 7, 2015 at 3:30pm — 23 Comments
Added by Samar kabeer on February 2, 2015 at 4:04pm — 17 Comments
Added by Samar kabeer on January 25, 2015 at 6:12pm — 19 Comments
कर नहीं सकता मैं करतब क्या करूँ
हो गई ताज़ा ग़ज़ल अब क्या करुँ
कोई ना पूछे तो लब ख़ामोश हैं
और जो कोई पूछ ले तब क्या करुँ
तेरी ना अहली पे जब उठठे सवाल
मेरे कहने का है मतलब क्या करुँ
फिर जिहालत का अँधेरा छा गया
तू ही बतलादे मेंरे रब क्या करुँ
अपनी मर्ज़ी से तो जी सकता नहीं
मुझको लिखकर दीजिये कब क्या करुँ
आख़िरत में सुर्ख़रू करना मुझे
लेके इस दुनिया का मनसब क्या…
ContinueAdded by Samar kabeer on January 21, 2015 at 2:00pm — 23 Comments
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