साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....
कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें
Tags:
Replies are closed for this discussion.
माननीय,
एड्मिन महोदय,
निवेदन है कि छटे शेर की द्वितीय पंक्ति को इस पंक्ति से प्रतिस्थापित करने की कृपा करें। ...सादर
एक पल में भुला गया है मुझे'
रह वो ऐसी दिखा गया है मुझे।
ढ़ंग जीने का आ गया है मुझे।।
ख्वाब दे कर नए जमाने के।
आज कोई जगा गया है मुझे।।
दुश्मने जाँ भी खूब है मेरा ।
अपना हमदम बना गया है मुझे।।
अब मसायब का ख़ौफ़ क्या होगा।
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"।।
गुम हुआ हूँ उसी की यादों में।
ऐसा नग़मा सुना गया है मुझे ।।
दाग़ आने लगे नज़र खुद ही ।
आईना वो दिखा गया है मुझे ।।
उसका अंदाज़े गुफ़त्गू "मसऊद "।
इक सलीक़ा सिखा गया है मुझे।।
मौलिक अप्रकाशित
वाह। वाह। वाह।
बहुत ही शानदार अशआर।
हर लफ्ज़ गिरफ्त में ले रहा है। पढ़ने को मजबूर कर रहा है। बधाई
बेहतरीन गिरह और मक़ते के साथ बढ़िया ग़ज़ल के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब हाफ़िज़ मसूद मेहमूदाबदी साहिब।
जनाब हफ़ीज़ मसऊद साहिब आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
कुछ वर्तनीय अशुद्धियां देख लें ।
आदरणीय हाफिज भाई बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई शेर दर शेर दाद कबूल कीजिए
जनाब हाफ़िज़ मसूद साहिब,
उम्दा अश्आर दाद हाज़िर है,,
आद० हाफ़िज़ साहब,बहुत अच्छी ग़ज़ल कही है मुबारकबाद पेश करती हुई
वाह वाह आदरणीय , बहुत ही उम्दा ग़ज़ल कही आपने , , दाद क़ुबूल करें जी
जनाब हाफ़िज़ मसूद साहब,
अच्छी ग़ज़ल हुई है .. आप को बहुत बहुत बधाई
दूसरे शेर में तक़ाबुल-ए- रदीफ़ की सूरत है.. देखिएगा
सादर
आदरणीय हाफ़िज़ मसूद साहब, सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति, दिल से दाद और ढेरों मुबारकबाद. सादर
जनाब हाफ़िज़ मसऊद साहिब आदाब ,
उम्दा अशआर के लिए दिली मुबारक बाद पैश करता हूं
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |