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लफ़्ज़ों को हथियार बना
फिर उसमें तू धार बना
छोड़ तवज़्ज़ो का रोना
अपना इक मेयार बना
लंबा वृक्ष बना ख़ुद को
लेकिन छायादार बना
बेवकूफ़ियाँ बढ़ती गयीं
जितना बशर हुश्यार बना
शिकवा गुलों से है न तुझे?
तो कांटों को यार बना
जिसने दिखाई राह नई
वो दुनिया का शिकार बना
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
Posted on July 9, 2024 at 7:53pm — 4 Comments
221 2121 1221 212
ख़ुशबू, चमन, बहार से आगे की चीज़ है।
जो ज़िंदगी है, प्यार से आगे की चीज़ है।
जारी है एक जंग जो ग़म और ख़ुशी के बीच,
यह जंग जीत-हार से आगे की चीज़ है।
अक्सर उफ़ुक़ को देख के आता है ये ख़याल,
कुछ है जो इस हिसार से आगे की चीज़ है।
कैसे बताऊं किस पे टिकी है मेरी निगाह,
मंज़िल से, रहगुज़ार से आगे की चीज़ है।
हद्द-ए-निगाह से भी परे है कोई वजूद,
इक वह्म ऐतबार से आगे की चीज़…
Posted on September 15, 2022 at 10:30am — 7 Comments
2122 1212 22
जितना बढ़ते गए गगन की ओर
उतना उन्मुख हुए पतन की ओर
साज-श्रृंगार व्यर्थ है तेरा
दृष्टि मेरी है तेरे मन की ओर
फल परिश्रम का तब मधुर होगा
देखना छोड़िए थकन की ओर
मन को वैराग्य चाहिए, लेकिन
तन खिंचा जाता है भुवन की ओर
"जय" भी एकांतवास-प्रेमी है
इसलिए आ गया सुख़न की ओर
(मौलिक व अप्रकाशित)
Posted on September 4, 2022 at 1:25am — 7 Comments
221 2121 1221 212
क़ीमत ज़बान की है जहाँ बढ़के जान से
है वास्ता हमारा उसी ख़ानदान से
चढ़ना है गर शिखर पे, रखो पाँव ध्यान से
खाई में जा गिरोगे जो फिसले ढलान से
पल - पल झुलस रही है ज़मीं तापमान से
मुकरे हैं सारे अब्र अब अपनी ज़बान से
काली घटाएँ रास्ता रोकेंगी कब तलक?
निकलेगा आफ़ताब इसी आसमान से
ये दौलतों के ढेर मुबारक तुम्हीं को हों
हम जी रहे हैं अपनी फ़क़ीरी में शान से
क्या-क्या न हमसे छीन…
ContinuePosted on August 25, 2018 at 11:03am — 8 Comments
आदरणीय जयनित जी जन्म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं
बेहद गर्व का पल ! बहुत -बहुत बधाई आपको आदरणीय जयनित जी "महीने का सक्रिय सदस्य" बनने हेतु।
आदरणीय
जयनित कुमार मेहता जी,
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में विगत माह आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें | प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
सादर ।
आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
जयनित जी जन्म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं
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