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212 212 212 212
साल बारह का अब है हुआ ओबीओ
उम्र तरुणाई की पा गया ओबीओ
शाइरी गीत कविता कहानी ग़ज़ल
के अमिय नीर का है पता ओबीओ
संस्कार औ अदब का यहाँ मोल है
लेखनी के नियम पर टिका ओबीओ
गर है साहित्य संसार का आइना
तब तो दर्पण ही है दुनिया का ओबीओ
सीखने व सिखाने की है झील तू
ये भी पंकज तुझी में खिला ओबीओ
मौलिक अप्रकाशित
Posted on April 3, 2022 at 11:30am — 16 Comments
212 212 212 212
जब कभी दर्द हद से गुज़रने लगा
शाइरी का हुनर तब निखरने लगा
ज़ख़्म जब भी लगा दिल से दरिया कोई
हर्फ़ बन कागज़ों पर बिखरने लगा
तन के भीतर जो उस आइने में उतर
कौन ऐसा है जो अब सँवरने लगा
बेवफ़ाई का ऐसा हुआ है असर
एक सन्नाटा दिल में पसरने लगा
रँग बदलने की आदत तेरी गिरगिटी
सो जहाँ तू नज़र से उतरने लगा
मौलिक अप्रकाशित
Posted on April 3, 2022 at 11:00am — 8 Comments
2122 1122 1122 22
फिर खुला याद के कमरे का ज्यूँ रौज़न कोई
त्यों ही फिर दौड़ पड़ा याद का तौसन कोई
शेर में ज़िक्र है कोचिंग व घने कुहरे का
चाहता हूँ किसी रिक्शे पे चले मन कोई
मैंने कुछ शेर केमिस्ट्री के कहे हैं, जिससे
मेरे महबूब के दिल में हो रिएक्शन कोई
किस तरह मैंने सजाया है मेरे दिलबर को
आके देखे मेरी ग़ज़लों का ये गुलशन कोई
शायरी गीत सभी कुछ जो लिखा है मैंने
जान तेरा है असर मेरा नहीं फ़न…
ContinuePosted on January 14, 2021 at 2:08pm — 6 Comments
22 22 22 22 22 22 2
ईंटें पत्थर कंकड़ बजरी ले कर आऊँगा
सुन; तेरे शीशे के घर पर सब बरसाऊँगा
फूँक-फाँक कर वर्ग विभाजन वाला हर अध्याय
क्या है सनातन सब को यह अहसास कराऊँगा
जान रहा, जग की रानी है मुद्रा-माया धारी
किन्तु मनुज से प्रीत ज़रूरी रोज़ सिखाऊँगा
मठ अधिपति को पूज रहे, जबकि नहीं हो निर्बल
वायु-अनल से युक्त बली हो, याद धराऊँगा
तीव्र प्रज्ज्वलित शब्द हैं मेरे ताप भयंकर है
किंतु स्वर्ण-मन-शोधन को मैं…
Posted on September 9, 2019 at 11:00am — 2 Comments
स्वागत आपका तहेदिल आदरणीय पंकज जी।
महीने के सक्रीय सदस्य चुने जाने के इस गौरव पल के लिए ढेरों बधाई आपको आदरणीय पंकज जी।
आदरणीय
पंकज कुमार मिश्रा 'वात्स्यायन' जी,
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में विगत माह आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें | प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
सादर ।
आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
स्वागत है पंकज जी आपका
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