For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Naval Kishor Soni
  • Male
  • Jaipur, Rajasthan
  • India
Share on Facebook MySpace

Naval Kishor Soni's Friends

  • पीयूष द्विवेदी भारत
  • PHOOL SINGH
  • सूबे सिंह सुजान
  • seema agrawal
  • deepti sharma
  • Albela Khatri
  • Yogi Saraswat
  • Rekha Joshi
  • SANDEEP KUMAR PATEL
  • Dr.Prachi Singh
  • Ashok Kumar Raktale
  • rajesh kumari
  • VISHAAL CHARCHCHIT
  • AVINASH S BAGDE
  • Er. Ambarish Srivastava
 

Naval Kishor Soni's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
jaipur, Rajasthan
Native Place
Baran, Rajasthan
Profession
District Manager, Educate Girls
About me
I live at my present and enjoy every movments

Naval Kishor Soni's Photos

  • Add Photos
  • View All

Naval Kishor Soni's Blog

फिर आएंगे नेता मेरे गांव में |

फिर आएंगे नेता मेरे गांव में |

अबके लूँगा सबको अपने दाव में |

पूछूँगा सड़क क्यों बनी नहीं ?

हैण्ड पम्प क्यों  लगा नहीं ?

क्यों बिजली नहीं आई मेरे गांव में…

Continue

Posted on October 8, 2018 at 5:00pm — 4 Comments

अब तुम नहीं हो इस दुनिया में-------

बेहद तेजी से प्रोफेशनल तरक्‍की

के रास्‍ते पर हो दोस्त,

बुन ली है तुमने अपने

आस पास एक ऐसी दुनिया,

जिसमें ना प्रवेश कर सकते  हैं  हम

और ना ही तुम आ सकते हो हम तक !

नहीं बची  है दूसरों के लिए करुणा,

प्रेम, स्‍नेह और आत्‍मीयता की कोई जगह,

तुम्हारी इस दुनिया में !

हंसना, मुस्‍कुराना तो कभी का

हो चुका था बंद,जब भी मिले,मिले…

Continue

Posted on August 21, 2018 at 12:00pm — 6 Comments

तेरी-मेरी कहाँ सियासत ?

जुमले बाजी का नाम सियासत |

मक्कारों का काम सियासत |

जाति,धर्म पर लड़वाने में

सबसे आगे आज सियासत |

रोजगार के ख्वाब  दिखाकर

लूटे सरे आम  सियासत |

घोटालों में लिप्त है नेता

बेमानी का नाम सियासत |

बेटियों की लुटती  आबरू

चुप बैठी है  आज सियासत |

 लाज-शर्म को गिरवी रखकर

करती नंगा नाच सियासत |

भाई-भतीजावाद है हावी

तेरी-मेरी कहाँ सियासत ?

"मौलिक एवं…

Continue

Posted on July 10, 2018 at 5:00pm — 11 Comments

इन्सान रहने दो इन्सान को !

कभी सोचता हूँ यदि ईश्वर-अल्लाह इत्यादि एक ही है

तो हम सबको अलग-अलग पैदा क्यों किया ?

इस बारे में क्या सोचते है आप ?

और माना कि पैदा  किया  भी तो फिर बीच में

कहाँ से आ टपके हमारे माँ-बाप ?

और पर्वत-पहाड़ नदियाँ तो बनते बिगड़ते है अपने आप

फिर इन सबको भी ऊपर वाले ने बनाया क्यों कहते है आप ?

और कभी सड़क पर आपको ड्राईवर टक्कर से बचा भी दें

तो आप पूरा श्रेय देते हैं भगवान को !

और मर गए तो आफत आती है ड्राईवर की जान को !

थोडा  सोचो…

Continue

Posted on February 27, 2018 at 12:30pm — 3 Comments

Comment Wall (5 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 7:59am on August 29, 2012, सूबे सिंह सुजान said…

मित्रता के लिये धन्यवाद भाई साहब

At 1:42pm on August 28, 2012, SANDEEP KUMAR PATEL said…

स्वागत है आपका साहब

At 7:43pm on September 14, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 8:45pm on September 9, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 10:39am on September 7, 2011, Admin said…

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
18 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
yesterday
Admin posted discussions
Monday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service