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“अरे बिटिया यह क्या..? पूरे कमरे में पैकिंग वाले कागजों का कचरा फैला रखा है..”
“मम्मी!! वो क्या है कि मुझे एक-दो दिन हो गये , मेरा टाईम आये. आप कहती थी, न. कि ऐसे समय में पति की बहुत जरुरत होती है, हर नवविवाहिता को. तो मैं उनके पास जाने की तैयारी कर रही थी.."
“हाँ..बिटिया ! आदमी को तो रोज औरत चाहिए, और औरत का बस यही टाईम मजबूर करता है . बस! तू एक बार उसे, संयुक्त परिवार से निकाल ले. क्यूंकि मैं अपनी तरह तुझे भी, खुश देखना चाहती हूँ. तू अभी जा, फिर मैं बुला लूंगी किसी…
ContinuePosted on August 25, 2015 at 3:30am — 3 Comments
“सुन बेटा!! बारिश तो ठीक हुई और खेतों में नमी पर्याप्त है, बस बीज को सही नमी और शुष्कता के बीच में ही बोना, अंकुरण का प्रतिशत अच्छा रहेगा. ज्यादा गहरी नमी में मत उतार देना, वरना सड जायगा..” रमेश ने अपने बेटे को खेत में बोनी करने से पहले समझाते हुए कहा
“ जी पिताजी.. मैं आपकी बात समझ गया, सब संभाल लूँगा. आप घर जा रहे हो, अगर हो सके तो छोटू के खाते में कुछ पैसे जमा कर आना. कल उसका फोन आया था. वहां शहर में गर्मी बहुत है पंखे से काम नहीं चलता, तो कूलर का कह रहा था..” बेटे ने काम…
ContinuePosted on July 13, 2015 at 11:02am — 5 Comments
"सुनो! आजकल न्यूज चैनल पर अदालती कार्यवाही की खबर सुनकर, यूँ लगता है कि क़ानून तेज और सबसे ऊपर है"
"हाँ! बिलकुल सही कह रही हो. यार! रिमोर्ट कहाँ है..? थोड़ा वाल्यूम कम करना, वकील साहब का फोन आ रहा है "
"नमस्ते वकील साहब! कहाँ तक पहुंचा मामला..? अगली तारीख कब है..? "
"उन लोगों ने कहीं से कुछ साक्ष्य प्रस्तुत किये है हम कमजोर पड़ सकते हैं. और अगली तारीख इसी माह है..?
"इसी माह्ह्ह.. वकील साहब! इतनी गर्मी पड़ रही है. मेरा परिवार के साथ सैर-सपाटे पर जाने का प्लान है. आप…
ContinuePosted on June 7, 2015 at 3:30am — 19 Comments
“ओय! रितु.. अब बता कैसी लग रही हूँ...?” सोनिया ने पूरा ट्रडिशनल श्रृंगार करके, अपनी फ्रेंड से पूछा
“अरे! सोनिया. तू तो बिलकुल अबला लग रही है यार. भारतीय नारी..हा हा हा हा”
“हाँ! यार..अबला ही तो दिखना होगा. ऐसा मेरे वकील का कहना है, ताकि कल कोर्ट में जज सहानुभूति के तौर पर जल्दी से मेंटेनेंस बना देगा तो मुझे अपने हसबेंड के घिसे-पिटे विचारों और बूढ़े सास-ससुर की खांसी-खुजली से छुटकारा मिल जाएगा.”
"उफ्फ!! बड़ी दूर की सोच होती है यार, वकीलों की.. अब चल ये पकड़ तेरे जींस-टॉप,…
ContinuePosted on May 18, 2015 at 9:30am — 26 Comments
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Comment Wall (31 comments)
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शुभकामनाओं के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय जितेन्द्र जी।
जीतू भाई
आपकी दुर्घटना के बारे में जानकार दुःख हुआ i ईश्वर आपको शीघ्र ही स्वस्थ करे i हम सब आपकी प्रतीक्षा इस मंच पर कर रहे हैं i सादर i
आपको सपरिवार ज्योति पर्व की हार्दिक एवं मंगलमय शुभकामनाएं...
आदरणीय जितेन्द्र जी,
"दस्तख़त" -- अच्छी लघु कथा, संदेशपरक; साधुवाद एवं सद्भावनाएँ !
जीतू जी
आपके मित्र बनाने से मेरे गौरव में बृद्धि हुयी है i सादर i
शुक्रिया आदरणीय श्री जितेन्द्र जी !!
गीत जी
आपका बहुत बहुत आभार i
सादर i
आदरणीय जितेन्द्र जी मैं आपकी मित्रता का हार्दिक स्वागत करती हूँ।
सादर
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