कल मैंने अपनी अप्रकाशित
कविताओं का एक बण्डल
नुक्कड़ के कोने पर बैठने वाले
छोले बेचने वाले को सौंप दिया
उसने इसे मुँह बंद करके हँसते हुए…
ContinuePosted on March 30, 2013 at 10:31am — 6 Comments
तनहा कट गया जिन्दगी का सफ़र कई साल का
चंद अल्फाज कह भी डालिए अजी मेरे हाल पर
मौसम है बादलों की बरसात हो ही…
ContinuePosted on April 9, 2012 at 8:30am — 7 Comments
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आदरणीय राजिव जी, वर्तमान व्यवस्था के तहत आप किसी ब्लॉग पर बने टिप्पणी बॉक्स में लिखकर अपनी टिप्पणी पोस्ट कर सकते है, जैसा की आप अभी कर भी रहे है, फोरम में ठीक टिप्पणी के नीचे ही तीप्नी लिखने हेतु सुविधा है, सुझाव और शिकायत नीचे दिए लिंक पर जाकर दे सकते है ।
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आदरणीय राजीव जी, सादर अभिवादन , आपके स्नेह का ही फल है. धन्यवाद. स्नेह बनाये रखिये.
आपका हार्दिक धन्यवाद... आभारी हूँ...
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
aapne mitra banaya hai , dhanyavad. nibhaunga. sadar abhivadan.
स्वागत है आपका...आपको मेरी कविताये
पसंद आई .. ..हार्दिक आभार ...