For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

vandana
  • Female
  • सीकर राजस्थान
  • India
Share on Facebook MySpace

Vandana's Friends

  • Kalipad Prasad Mandal
  • सुरेश कुमार 'कल्याण'
  • seemahari sharma
  • atul kushwah
  • vinay tiwari
  • Madan Mohan saxena
  • शिज्जु "शकूर"
  • Priyanka singh
  • annapurna bajpai
  • anand murthy
  • Dr Ashutosh Mishra
  • वेदिका
  • Abid ali mansoori
  • aman kumar
 

vandana's Page

Latest Activity

vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह आदरणीया बहुत सुंदर भावों पर आधारित छंद रचना बहुत बहुत बधाई"
Sep 20, 2021
vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"सही कहा आदरणीय , आत्मीयता पर व्याकरण भारी नहीं होना चाहिए। ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय। "
Sep 19, 2021
vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"जी जरूर, चर्चा जरूरी है।"
Sep 19, 2021
vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण जी"
Sep 19, 2021
vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"  जी आदरणीय    हिंदी में आधा अक्षर पहले वर्ण के साथ जुड़ता है अतः कि (1),किश् (2),ती (2)। इस संबंध में आदरणीय आशीष जी ने , आदरणीय लक्ष्मण जी की पोस्ट पर विस्तृत चर्चा की है"
Sep 19, 2021
vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय संबंधवाचक "की" हमेशा बड़ा होता है जैसे किस की , उस की, शिक्षा की नगरी आदि और जब हम बात आगे जारी रखते हैं तो "कि" का प्रयोग होता है । उदाहरण - जैसे कि, मैंने कहा कि, क्यों कि आदि  सादर निवेदित।"
Sep 19, 2021
vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"रचना पर आपकी सहृदय उपस्थिति के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय  संपूर्ण आयोजन में एक ही छंद को आधार बनाया गया है, इसीलिए शीर्षक पर दर्शाने की आवश्यकता महसूस नहीं हुई।अन्य भी बहुत से लोगों ने नहीं दर्शाया तो ध्यान भी नहीं गया।"
Sep 19, 2021
vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"जी सर इसी मंच का यह link देखिएगा http://openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/5170231:Topic:994331 बहुत अच्छी तरह बताया गया है"
Sep 19, 2021
vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय एडमिन से निवेदन दूसरे पैराग्राफ में तुकांत अशुद्धि को देखते हुए निम्नलिखित परिवर्तन करना चाहती हूं- ज़माना कहेगा जिसे मां भवानी अनूठी रहे याद ऐसी निशानी पढूंगी बढूंगी रुकूंगी कभी ना बनूं प्रेरणा मैं लिखूं वो कहानी खिलें यत्न मेरे चली मैं…"
Sep 19, 2021
vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"बहुत सुंदर भावयुक्त छंद रचना आदरणीय किंतु ग़ज़ल की बहर और छंद की मात्रा गणना के भेद पर थोड़ा सा ध्यान आकर्षित करना चाहूंगी  बारिश , समंदर , बवंडर ,निरंतर, तुम्हें ,यदि की मात्रा गणना हिंदी के अनुसार अलग तरीके से होगी। आदरणीय गुणी जन इस पर बेहतर…"
Sep 19, 2021
vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"बहुत सुंदर छंद हुए हैं आदरणीय कृपया "शिक्षा की"  या "शिक्षा कि" को देखिएगा भाव अनुसार तो शिक्षा की सहेली होना चाहिए "
Sep 19, 2021
vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"बहुत सुंदर भाव हैं आदरणीया "
Sep 19, 2021
vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"बहुत बहुत आभार आदरणीय"
Sep 19, 2021
vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"बहुत बहुत आभार आदरणीय"
Sep 19, 2021
vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"प्रणाम आदरणीय, रूहानी को रुहानी लिखना वाकई मेरी गलती है इस पंक्ति को  इस प्रकार रखना चाहूंगी-  "मिली शक्ति कोई मुझे आसमानी" बहुत बहुत आभार आपका"
Sep 19, 2021
vandana replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 125 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह बहुत सुंदर आदरणीय"
Sep 19, 2021

Profile Information

Gender
Female
City State
sikar rajasthan
Native Place
sikar
Profession
teacher
About me
keen interest in literature

vandana's Photos

  • Add Photos
  • View All

Vandana's Blog

दीप दान की थाती

नेह रचित इक बाती रखना

दीप दान की थाती रखना

 

जग के  अंकगणित में उलझे

कुछ सुलझे से कुछ अनसुलझे

गठबंधन कर संबंधों की

स्नेहिल परिमल पाती रखना

 

कुछ सहमी सी कुछ सकुचाई

जिनकी किस्मत थी धुंधलाई

मलिन बस्तियों के होठों पर

कलियाँ कुछ मुस्काती रखना

 

बंद खिडकियों को खुलवाकर

दहलीजों पर रंग सजाकर

जगमग बिजली की लड़ियों से

दीपमाल बतियाती रखना

 

मधुरिम मधुरिम अपनेपन…

Continue

Posted on October 14, 2017 at 9:30pm — 8 Comments

तरही ग़ज़ल -वंदना

सभी विद्वजनों से इस्लाह के लिए -

वज्न 2122   /   2122   /   2122   /   212  (2121)

कोई तुझसा होगा भी क्या इस जहाँ में कारसाज

डर कबूतर को सिखाने रच दिए हैं तूने बाज

 

तीरगी के करते सौदे छुपछुपा जो रात - दिन

कर रहे हैं वो दिखावा ढूँढते फिरते सिराज

 

ज्यादती पाले की सह लें तो बिफर जाती है धूप

कर्ज पहले से ही सिर था और गिर पड़ती है गाज

   

जो ज़मीं से जुड़ के रहना मानते हैं फ़र्ज़-ए-जाँ

वो ही काँधे को झुकाए बन…

Continue

Posted on February 1, 2014 at 7:30am — 25 Comments

तरही ग़ज़ल -वंदना

मंच पर सभी विद्वजनों से इस्लाह के लिए

२१२२  १२१२  २२१ 

पैरवी मेरी कर न पाई चोट                                                          

पास रहकर रही पराई चोट

फलसफे अनगिनत सिखा ही देगी

असल में करती रहनुमाई चोट

महके चन्दन पिसे भी सिल पर तो

रोता कब है कि मैनें खाई चोट

सब्र का ही तो मिला सिला हमको

सहते रहकर मिली सवाई चोट

तन्हा ढ़ोता है दर्द हर इंसां

क्यूँ तू रिश्ते बढ़ा न पाई  चोट…

Continue

Posted on January 2, 2014 at 8:00am — 22 Comments

भागीरथ के देश में ( लघुकथा )

प्राचार्य जी के साथ विद्यालय से निकल के कुछ दूर चले ही थे कि मुखिया जी ने पुकार लिया | बैठक में काफी लोग चर्चामग्न थे | बढती बेरोजगारी और आतंकवाद के परस्पर सम्बन्धों  से लेकर शिक्षित लोगों के ग्राम पलायन तक अनेक मुद्दों पर सार्थक विचार गंगा बह रही थी |कुछ देर बाद जब अधिकांश लोग उठकर चले गए तो मुखिया जी ने प्राचार्य जी से कहा –

“वो रामदीन के नवीं कक्षा वाले छोरे को पूरक क्यों दे दी ?”…

Continue

Posted on October 8, 2013 at 7:30am — 15 Comments

Comment Wall (8 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 6:54pm on January 30, 2014, NEERAJ KHARE said…
VANDNA JI LAGHU KATHA PASAND AAI ...BAHUT BAHUT DHANYVAD
At 12:15pm on December 10, 2013, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

वंदना जी

आपकी भावनाओ का  समादर  i

शुभ कामनाओ सहित  i

At 9:50pm on December 7, 2013, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

आदरणीय वन्दना जी

सर्व श्रेष्ठ रचनाकार होना कोई हंसी खेल नही है i

आपको यह गौरव  मिला  i  आपको कोटि-कोटि बधाइयाँ i

ईश्वर आपको ऐसे ही  गौरवान्वित करे i

सादर i

At 2:34pm on December 7, 2013, Ayub Khan "BismiL" said…

bahut bahut mubarak ho Vandna Sahiba Aapko 

At 10:54am on December 7, 2013, Dr Ashutosh Mishra said…

आदरणीया वंदना जी ..आपकी बेहतरीन ग़ज़ल को इस माह की सर्वश श्रेष्ठ  रचना चुने जाने पर मेरी तरफ से हार्दिक बधाई ..सादर 

At 6:52am on December 7, 2013, Nilesh Shevgaonkar said…

आप की रचना को सर्वश्रेष्ठ रचना चुने जाने पर बधाइयाँ ..अभिनन्दन 

At 10:43pm on December 6, 2013,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीया वंदना जी,
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी प्रस्तुति  तरही ग़ज़ल (ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा अंक-41) को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना पुरस्कार के रूप मे सम्मानित किया गया है, तथा आप की छाया चित्र को ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |

आपको पुरस्कार राशि रु 1100 /- और प्रसस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस नामित कृपया आप अपना नाम (चेक / ड्राफ्ट निर्गत हेतु), तथा पत्राचार का पता व् फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |


शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी

संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक 

ओपन बुक्स ऑनलाइन

At 12:02pm on July 1, 2013, DR SHRI KRISHAN NARANG said…

Vandana ji, open books main aapka swagat hai. Aap bhi kuch likhati hain ya nahi?

Dr Shri Krishan Narang, Ph.D(IISc)

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
14 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
19 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और सुख़न नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सम्माननीय ऋचा जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल तकआने व हौसला बढ़ाने हेतु शुक्रियः।"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"//मशाल शब्द के प्रयोग को लेकर आश्वस्त नहीं हूँ। इसे आपने 121 के वज्न में बांधा है। जहाँ तक मैं…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है हर शेर क़ाबिले तारीफ़ है गिरह ख़ूब हुई सादर"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. भाई महेन्द्र जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई। गुणीजनो की सलाह से यह और…"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service