For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Meena Pathak's Blog – January 2014 Archive (4)

अब तो प्रभु दर्शन दे दो ......

तरसे दरशन को ये नैना

थकी राह निहार दिन रैना,

तुम बिन इक पल मिले न चैना

अब तो प्रभु दर्शन दे दो

बीती जाये उमरिया ||



हृदय दीप सांसों की बाती

ज्योति जलाय निहारूँ झाँकी

असुअन पुष्प चढ़े दिन राती

अब तो प्रभु दर्शन दे दो

बीती जाये उमरिया ||



प्रीत तेरी रम गई ऐसी

सुधि न रही अब तन,मन,धन की

लाज शरम तजि हुई बावरिया ||

अब तो प्रभु दर्शन दे दो

बीती जाये उमरिया ||



टेर-टेर विकल भई काया …

Continue

Added by Meena Pathak on January 31, 2014 at 2:30pm — 20 Comments

समृद्ध महिला - (लघुकथा )

आज कुन्ती के पाँव जमीन पर नही पड़ रहे थे | खुशी इतनी थी कि उसका मन भर-भर आ रहा था | अपने पति के प्रति अथाह आदर भाव और प्रेम तो पहले से ही था उसके हृदय में, आज वो कई गुना और बढ़ गया था | उसका दिल खुशी से धाड़-धाड़ धड़क रहा था खुशी की अधिकता के कारण वो काँप रही थी | किसी तरह वो तैयार हो कर आईने के सामने खड़ी हो कर खुद को निहारने लगी | हल्के गुलाबी रंग की रेशमी साड़ी में वो कितनी जंच रही थी जो इसी विशेष अवसर के लिए पति ने खरीद कर तैयार करवाई थी | स्टूल पर बैठ कर कुन्ती सिर पर पल्लू रख कर अपनी मांग में…

Continue

Added by Meena Pathak on January 27, 2014 at 2:30pm — 34 Comments

वंदना

वंदना

हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

विद्द्या का मुझको भी वरदान दे माँ

करूँ मै भी सेवा तेरी उम्र भर

मुझमे भी ऐसा कोई ‘भाव’ दे माँ

हे शारदे माँ , .......

चलूँ मै भी हरदम सत्यपथ पर

कभी भी न मुझसे कोई चूक हो माँ

हे शारदे माँ ,...........

दिखें जो दुखी-दीन आगे मेरे

कुछ सेवा उनकी भी मै कर सकूं माँ

हे शारदे माँ ,...............

जिह्वा जो खोलूँ तू वाँणी मे हो

चले जो कलम तो तू शब्द दे माँ

हे शारदे…

Continue

Added by Meena Pathak on January 15, 2014 at 5:00pm — 13 Comments

आने वाले साल का हर दिन हो शुभ !

मुट्ठी से रेत की तरह

फिसल गया ये साल भी

पिछले साल की तरह,

वही तल्खियाँ, रुसवाइयाँ,

आरोप, प्रत्यारोप,बिलबिलाते दिन

लिजलिजाती रातें, दर्द, कराहें

दे गया सौगात में |



सोचा था पिछले साल भी

होगा खुशहाल, बेमिशाल

लाजवाब आने वाला साल,

भर लूँगी खुशियों से दामन

महकेगा फूलों से घर आँगन

खुले केशों से बूँदें टपकेंगी

दूँगी तुलसी के चौरा में पानी

बन के रहूँगी राजा की रानी |



हो गया फिर से आत्मा का चीरहरण…

Continue

Added by Meena Pathak on January 7, 2014 at 1:15pm — 31 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Jul 10
Admin posted discussions
Jul 8
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service