हाइकू.
Added by AVINASH S BAGDE on January 27, 2012 at 7:03pm — 5 Comments
उठो साथियों!
Added by AVINASH S BAGDE on January 25, 2012 at 11:41pm — 3 Comments
पेंच जो लड़ी......
चढ़ी पतंगे डोर पे,छूने को आकाश.
होड़ मची है काट की,उड़े पास ही पास.
उड़े पास ही पास,उमंगें नभ को छूती.
वो...काट की बोल रही,होंठों पे तूती.
कहता है अविनाश पेंच जो लड़ी,
कटी पतंगें कहलाती ,दम्भी और नकचढ़ी.
अविनाश बागडे.
Added by AVINASH S BAGDE on January 13, 2012 at 11:07am — 3 Comments
Added by AVINASH S BAGDE on January 7, 2012 at 7:00pm — 2 Comments
कमर-तोड़ महंगाई पे,बारम्बार चुनाव!
Added by AVINASH S BAGDE on January 6, 2012 at 7:58pm — 15 Comments
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