(१ )
क्रोध बड़ा उसका जहरीला
मुखड़ा होता नीला पीला
छेड़ूँ तो दिखलाता दर्प
क्या सखि साजन
ना सखि सर्प
(२ )
झूम झूम कर मुझे रिझाता
अपनी ताकत सदा दिखाता
प्यार करूँ तो बनता साथी
क्या सखि साजन
ना सखि हाथी
(३ )
हाय मूढ़ की अजब कहानी
काटे तो माँगू ना पानी
क्रोघ करे तो भागे पिच्छू
क्या सखि साजन
ना सखि बिच्छू
(४ )
हर दम पानी पीता रहता
एक जगह पर…
ContinueAdded by rajesh kumari on June 25, 2015 at 11:15am — 21 Comments
कुछ कहा भी नहीं कुछ सुना भी नहीं
वास्ता बीच अब कुछ रहा भी नहीं
वक्त मेरा समझिये हुआ है फ़िजूल,
प्यार उनकी नज़र में दिखा भी नहीं
कौन कहता यहाँ लोग मासूम हैं,
बात करते नहीं कायदा भी नहीं
है पड़ोसी मगर हाल तो देखिये
,बोलता भी नहीं जानता भी नहीं
फ़लसफ़े जिन्दगी के अजीबो गरीब,
अब कहो क्या लिखें कुछ नया भी नहीं
मुफ़लिसी से हुआ बेअसर ये सबू ,
जाम पर जाम पीकर नशा भी…
ContinueAdded by rajesh kumari on June 21, 2015 at 10:00am — 12 Comments
२१२२ २१२२ २१२
चाँद को जो गुनगुनाना आ गया
चाँदनी को मुस्कुराना आ गया
दीप राहों में जले कुछ इस कदर
याद इक मंजर पुराना आ गया
देख कर अठखेलियाँ वो अब्र की
पंछियों को चहचहाना आ गया
मौतं से भी हो गई थी आशिकी
, जंग में जब जाँ लुटाना आ गया
पड़ गई कुछ जान उस मासूम में,
पेट में जब एक दाना आ गया
जिंदगी की देखकर जद्दोजहद ,
जोश हमको आजमाना…
ContinueAdded by rajesh kumari on June 17, 2015 at 10:30am — 18 Comments
१२२ १२२ १२२ १२
मिला कीमती वक़्त जाया न कर
बुरी बात होंठों पे लाया न कर
बड़ी जितनी चादर उसी में सिमट
तू ये नाज़ नखरे दिखाया न कर
कभी वो तेरा हाथ देंगे मरोड़
किसी को तू ऊँगली दिखाया न कर
अदब से कहेगा सुनेंगे सभी
सुलगती जुबाँ से सुनाया न कर
तवा गर्म है सब्र से काम ले
इन हाथों को अपने जलाया न कर
सही है अगर तू दिखा तो सबूत
हवा में यूँ तोते उड़ाया न…
ContinueAdded by rajesh kumari on June 14, 2015 at 9:40am — 30 Comments
“जज साहब, पहले ही मैं उस पहिये के नटबोल्ट टाईट करके रखता तो आज तलाक तक नौबत नहीं आती और गाड़ी सही चलती.. गलती मेरी ही है” “तुम पेशे से मकेनिक हो क्या”?जजसाहब ने चुटकी ली| “जी साहब,मेरा गैरेज है”|
अगला केस ...
“आपको ये तो पता ही होगा मैडम कि पति पत्नी गाड़ी के दो पहियों के समान”...”जी जी अच्छे से पता है पर जंग लगे स्क्रू फिट हों पहिये में तो धोखा तो देंगे ही न!! पहले ही उसके स्क्रू टेस्ट कर लेती तो आज नौबत तलाक तक न पँहुचती और जब पहिया कंडम हो जाता है तो बदलना भी पड़ता…
ContinueAdded by rajesh kumari on June 10, 2015 at 12:30pm — 8 Comments
२२२२ २२२२ २२२२
दुनिया ने तो काँटे बोये कैसे कैसे
चुन-चुन कर हम कितना रोये कैसे कैसे
काँटों तक ही दर्द नहीं सीमित था अपना
बातों- बातों तीर चुभोये कैसे कैसे
तुमको देखा तो जाने क्यों आया जाला
मल-मल कर आँखों को…
ContinueAdded by rajesh kumari on June 6, 2015 at 6:00pm — 27 Comments
“मिस मिस ! नीरज इस टॉकिंग इन हिंदी अगेन”.मनीष ने चुगली लगाते हुए टीचर से कहा .... चटाक !!!! और शिक्षाविभाग के मंत्री नीरज श्रीवास्तव जी का हाथ अचानक गाल पर पँहुचा फिर वर्तमान के धरातल पर लौट कर सामान्य होते हुए तेवरी स्वर में बोले
“कई बार चेतावनी देने के बाद आँकड़ों के अनुसार तुम्हारे विभाग में कुल २० प्रतिशत हिंदी में काम होता है मनीष जी,आय एम् टॉकिंग अगेन इन हिंदी... तुम्हारे निलंबन के आदेश दो दिन में पँहुच जायेंगे” मनीष का कद मानो यकायक छोटा हो गया.
(मौलिक एवं…
ContinueAdded by rajesh kumari on June 4, 2015 at 10:00am — 22 Comments
१२२२ १२२२ १२२२ १२
तेरी तहरीर में हर्फ़े वफ़ा है क्या नहीं
कहीं दिल में मेरी कोई जगा (जगह )है क्या नहीं
पँहुचते ही नहीं मुझ तक कभी तेरे ख़ुतूत
लिखा उन पर मेरे घर…
ContinueAdded by rajesh kumari on June 1, 2015 at 9:30pm — 21 Comments
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