सबको बरसात अच्छी लगती है
किन्तु कब तक ये अच्छी लगती है।
कम दिनों के लिये सुहानी है
थोडी-थोडी पडे तो पानी है
ज्यादा तो मौत की कहानी है
इसकी कुछ बात अच्छी लगती है
सबको बरसात अच्छी लगती है .......।
सब नदी-नाले ये चलाती है
रास्ते भी यही बनाती है
हमको चलना यही सिखाती है
हर मुलाक़ात अच्छी लगती है
सबको बरसात अच्छी लगती है........
पेड-पौधों का सबका कहना है
साथ इसके सभी को रहना…
ContinueAdded by सूबे सिंह सुजान on June 25, 2013 at 11:30pm — 14 Comments
पिता परमात्मा सा होता है
जो जन्म देकर दुनिया में ले आता है
वो दुनिया दिखाने वाला पिता,परमात्मा से कैसे कम है
हमारी आहट से जो सन्न हो जाता है
जिसके भीतर हर पल हमारे पालन की चिन्ता पलती है
जो हमें जन्म देने के बाद,
अपने सारे सुख भूल जाता है।।
दुनिया में हमारे आने के बाद
वो एक राह पर ही चलता है
और अपने पुरातन ताज्य कार्य भी छोड देता है
उसकी दुनिया हमारी आहट से बदल जाती है
वो पिता परमात्मा सा होता…
ContinueAdded by सूबे सिंह सुजान on June 10, 2013 at 4:38pm — 11 Comments
माहिया पंजाब से उपजा है। जो कि शादी-ब्याह में गाया जाता रहा है।
माहिया का छन्द है मात्रायें- तीन चरणों में पहले में 2211222 दूसरे में 211222 तीसरे में 2211222
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माहिया-1.
कजरा ये मुहब्बत का,
तुमने लगाया है,
आँखों में कयामत का।
2.
कजरा तो निशानी है,
अपनी मुहब्बत की,
चर्चा भी सुहानी है।
3.
आँखों से बता देना,
तुमने कंहाँ सीखा,
ये तीर चला…
ContinueAdded by सूबे सिंह सुजान on June 1, 2013 at 10:00pm — 9 Comments
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