1222 1222 1222 1222
झुकी पलकों कि उल्फत का इशारा मिल गया होगा ।
कि सहरा को समंदर का नज़ारा मिल गया होगा ।
अभी था रो रहा बच्चा अभी है खेलता हँसता ,
कि खोया था खिलौना जो दुबारा मिल गया होगा ।
घटाओं की अँधेरी रात में उम्मीद जागी है ,
गगन में टिमटिमाता इक सितारा मिल गया होगा ।
सुखों की ख्वाहिशें जिसने समझ से छोड़ दी होंगी ,
उसे दुःख के भँवर से भी किनारा मिल गया होगा ।
निगाहों ने कहा मुझ से कि सूरत सी…
ContinueAdded by Neeraj Nishchal on August 10, 2014 at 2:00pm — 8 Comments
2122 212 212 2212
हम लिखेंगे ओ सनम इक कहानी प्यार की । ।
दास्ताँ कोई बनेगी ज़िंदगानी प्यार की ।
लाख सदियों से पुराना प्यार फिर भी है नया ,
हर जवाँ दिल में धड़कती है जवानी प्यार की ।
तू खिजां से दोस्ती कर पतझड़ों में रंग भर ,
एक दिन आकर रहेगी ऋतु सुहानी प्यार की ।
ये जुबां वालों कि दुनिया में न हाले दिल सुना ,
कब भला समझी किसी ने बेज़ुबानी प्यार की ।
ये सभी रस्में व कसमें सब रिवाज़ों से परे ,…
Added by Neeraj Nishchal on August 7, 2014 at 7:30pm — 7 Comments
देश की सीमा पर बैठे उन देश के पहरेदारों को ।
बहनो ने राखी भेजी है भारत की आँख के तारों को ।
प्यार भेजतीं हैं तुमको अनमोल पर्व इस पावन का ।
तुम देश की रक्षा करते हो ये धागा रक्षा बंधन का ।
ये डोर रेशमी डोर नही के ताकत है बहन के भाई की ।
जो देश की सेवा हित उठती शोभा है उसी कलाई की ।
जहँ निडर सुरक्षित रह पायें तुमसे वो वतन मांगती हैं ।
इस राखी के बदले बहनें रक्षा का वचन मांगती हैं ।
इस देश की सारी बहनों को हे…
ContinueAdded by Neeraj Nishchal on August 5, 2014 at 11:30am — 1 Comment
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |