क्या लिखूँ अब मैं
सब तो लिख दिया मैंने
अपने दिल की बाते
टूटे ख्वाबों की यादे
सब..............
क्या लिखूँ अब मैं................
सब तो लिख दिया मैंने.............................
जिन्दगी----- कल भी तो ऐसी ही थी
कुछ भी तो नही बदला
कल भी जी रहे थे बिन अपनों के हम
और आज भी तो जी ही रहे है............
कुछ भी तो नही बदला
क्या लिखूँ अब मैं......
सब तो लिख दिया मैंने..............
जब सीखा था अपने दिल को कागज़ पर…
Added by Sonam Saini on September 26, 2012 at 11:00am — 5 Comments
मेरे सपनो का भारत ऐसा तो नहीं था
इतना कमजोर , इतना खोखला
ऐसा देश तो मैंने कभी चाहा ही नही था
बाहर से जितना साफ अंदर से उतना ही गन्दा
मेरे सपनो का भारत ....................
सोचा था मैंने तो कि ये चमन खूब महकेगा
अपने परिंदों के चहकने से खूब चहकेगा
मगर ये क्या --- इसे तो इसके ही फूलो ने कांटे चुभोये
लहू देशभक्तों का बो कर भी गद्दार उगाये
मेरे सपनो का भारत ये तो नहीं था
मेरे सपनो का भारत ऐसा ......................
.
मैंने चाहा…
Added by Sonam Saini on September 10, 2012 at 9:30am — 10 Comments
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