212 1222 212 1222
तेरे प्यार में दिल को बेक़रार करते हैं
रात - रात भर तेरा इंतज़ार करते हैं
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तुमको प्यार करते थे तुमको प्यार करते हैं
जाँ निसार करते थे जाँ निसार करते हैं
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ख़ुश रहे हमेशा तू हर ख़ुशी मुबारक हो
ये दुआ खुदा से हम बार - बार करते हैं
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उँगलियाँ उठाते हैं लोग दोस्तों पर भी
हम तो दुश्मनों पर भी ऐतबार करते हैं
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वादा उसका सच्चा है लौट के वो आएगा
इस उमीद पर अब भी इंतज़ार करते…
ContinueAdded by SALIM RAZA REWA on November 22, 2017 at 8:30am — 6 Comments
212 212 212 212
छोड़कर दर तेरा हम किधर जाएँगे
बिन तेरे आह भर-भर के मर जाएँगे
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चाँद भी देख कर उनको शरमाएगा
मेरे महबूब जिस दम संवर…
Added by SALIM RAZA REWA on November 20, 2017 at 10:00am — 15 Comments
2122 2122 2122 212
चांद का टुकड़ा है या कोई परी या हूर है
उसके चहरे पे चमकता हर घड़ी इक नूर है
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हुस्न पर तो नाज़ उसको ख़ूब था पहले से ही …
Added by SALIM RAZA REWA on November 17, 2017 at 10:30am — 14 Comments
212 212 212 212, 212 212 212 212
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जब तुम्हारी महब्बत में खो जाएंगे बिगड़ी क़िस्मत भी इक दिन संवर जाएगी /
लब तुम्हारी महब्बत में खो…
Added by SALIM RAZA REWA on November 15, 2017 at 9:00am — 21 Comments
2122 1122 1122 22
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मुझसे रूठा है कोई उसको मनाना होगा
भूल कर शिकवे-गिले दिल से लगाना होगा
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जिन चराग़ों से ज़माने में उजाला फैले
उन चराग़ों को हवाओ से बचाना…
Added by SALIM RAZA REWA on November 13, 2017 at 11:00am — 24 Comments
Added by SALIM RAZA REWA on November 12, 2017 at 10:00am — 28 Comments
221 2121 1221 212
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नाराज़गी है कैसी भला ज़िन्दगी के साथ.
रहते हैं ग़म हमेशा ही यारों खुशी के साथ
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नाज़-ओ-अदा के साथ कभी बे-रुख़ी के साथ.
दिल में उतर गया वो बड़ी सादगी के साथ
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माना कि लोग जीते हैं हर पल खुशी के साथ.
शामिल है जिंदगी में मगर ग़म सभी के साथ
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आएगा मुश्किलों में भी जीने का फ़न तुझे.
कूछ दिन गुज़ार ले तू मेरी जिंदगी के साथ
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ख़ून-ए- जिगर निचोड़ के रखते हैं शेर में.
यूँ ही नहीं है प्यार हमें शायरी के…
Added by SALIM RAZA REWA on November 8, 2017 at 3:30pm — 16 Comments
जैसे चमन को फूल कली ताज़गी मिले-
वैसे ही जिंदगी तुम्हें महकी हुई मिले
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ये है दुआ तुम्हारा मुकद्दर बुलंद …
Added by SALIM RAZA REWA on November 6, 2017 at 11:00am — 8 Comments
1222 1222 1222 1222
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जिधर देखो उधर मिहनत कशों की ऐसी हालत है-
ग़रीबों की जमा अत पर अमीरों की क़यादत…
ContinueAdded by SALIM RAZA REWA on November 1, 2017 at 9:30am — 15 Comments
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