तेरी आहट मेरे कानों को लगती है ग़ज़ल..
तेरी खुशबु मेरी साँसों में महकती सी ग़ज़ल..
तेरी बातों का सुकूँ रूह में बसती सी ग़ज़ल..
तेरा यकीं मुझे रौशनी देती सी…
Added by Lata R.Ojha on February 12, 2011 at 7:30pm — 3 Comments
ग़ज़ल :- कितने गडबड झाले हैं
कितने गडबड झाले हैं ,
और हम बैठे ठाले हैं |
तेल खेल ताबूत तोप में ,
घोटाले घोटाले हैं |
राजनीति अब शिवबरात है ,
नेताजी मतवाले हैं |
कलम की पैनी धार कुंद है ,
बाजारू रिसाले हैं |
बिकता नहीं साहित्य आजकल…
ContinueAdded by Abhinav Arun on February 12, 2011 at 7:30am — 5 Comments
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के धौड़ाई के पास माहराबेड़ा से यात्री बस को रोककर गणतंत्र दिवस के ठीक, एक दिन पहले 25 जनवरी को 5 जवानों तथा एक स्थानीय युवक को मुखबिरी के शक में नक्सली अगवा कर ले गए थे। बाद में युवक को नक्सलियों ने छोड़ दिया। इसके बाद अगवा किए गए जवानों के परिजन, नक्सलियों से लगातार गुहार लगा रहे थे, लेकिन नक्सली अपनी कुछ मांगों पर अड़े रहे। इस बीच मीडिया द्वारा मामले को कव्हरेज दिया जाता रहा। यहां बताना यह आवश्यक है कि जब से जवान अगवा किए गए थे, उसके बाद विपक्ष भी सरकार पर दबाव बनाया…
ContinueAdded by rajkumar sahu on February 11, 2011 at 11:48pm — No Comments
Added by ASHVANI KUMAR SHARMA on February 11, 2011 at 10:39pm — No Comments
Added by Veerendra Jain on February 11, 2011 at 7:17pm — 5 Comments
रिपोर्ट :- आचार्य का बाण भट्ट काशी में
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का 'रंगमंडल' इन दिनों काशी में है | ०९ और १० फरवरी २०११ को एम.के.रैना के निर्देशन में "बाण भट्ट की आत्मकथा "का मंचन किया गया | नागरी नाटक मंडली के प्रेक्षागृह में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की इस कालजयी रचना को कलाकारों ने जीवंत कर…
ContinueAdded by Abhinav Arun on February 11, 2011 at 1:23pm — 6 Comments
Added by ASHVANI KUMAR SHARMA on February 9, 2011 at 11:30pm — No Comments
Added by neeraj tripathi on February 9, 2011 at 4:33pm — No Comments
बड़े सामान्य से दिन हैं ....
बेमौसम बारिशें हैं,
और सांझ की बयार में ख्वाहिशें हैं,
वही सहमी सी धूप है,
और कहीं इसमें गुमसुम,
छांव का इक रूप है,
वही चंचल से वृक्ष हैं,
और बहती हवा के साथ निष्पक्ष हैं,
वही हैं चेहरे....जाने पहचाने,
और छुपे हुए उनमे रंग,
कितने अनजाने,
वही हैं मुरादें अब भी....मन में,
और जानता है मस्तिष्क,
नहीं होंगी ये पूरी,
इस जीवन में.
बड़े सामान्य से दिन हैं ....
Added by neeraj tripathi on February 9, 2011 at 4:31pm — 1 Comment
Added by neeraj tripathi on February 9, 2011 at 4:28pm — No Comments
Added by neeraj tripathi on February 9, 2011 at 11:16am — 1 Comment
Added by neeraj tripathi on February 9, 2011 at 11:14am — 1 Comment
रिपोर्ट :- 'हीरे जैसी धार' बनाम कथ्य शिल्प -०४
कथ्य शिल्प की चौथी मासिक कवि गोष्ठी दिनांक ०८ फरवरी २०११ को काशी के पराडकर भवन में आयोजित की गयी | अध्यक्षता पंडित श्रीकृष्ण तिवारी ने की | विशिष्ट अतिथि…
ContinueAdded by Abhinav Arun on February 9, 2011 at 9:46am — 2 Comments
ग़ज़ल :- ग़ज़ल मेरी में कोई छल नही है
ग़ज़ल मेरी में कोई छल नहीं है ,
समस्याएं बहुत हैं हल नहीं है |
तुम्हारी फाइलें नोटों से तर हैं ,
पियासे गांव में एक नल नहीं हैं |
तरक्की के नए आयाम देखो…
ContinueAdded by Abhinav Arun on February 9, 2011 at 8:31am — 6 Comments
अंक १ आज का दिन कोई विशेष बदलाव आपकी स्थिति में नहीं होगा/परन्तु आज नव निवेश न कर व अपने सहचर की किसी प्रकार की अवहेलना न केरे,अन्यथा पेरशानी का सामना करना पड़ेगा/
अंक २
आज अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें/आहार और सेहत पर भी विशेष ध्यान दें/
सोंदर्य प्रसाधन विक्रेता,चोकोलेट,कोफी
,चमड़े के उत्पादों के व्यवसायी ,फैशन व ग्लैमर की गतिविधियों से जुड़े लोगों के लिए अनुकूल दिन है/
अंक ३
ग्रहस्थ व् व्यवसाय,नौकरी की जिम्मेवारियां सहजता से निभा …
ContinueAdded by rajni chhabra on February 8, 2011 at 10:20pm — No Comments
Added by aleem azmi on February 8, 2011 at 2:13pm — No Comments
Added by Dr Nutan on February 8, 2011 at 6:00am — 15 Comments
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