For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

Views: 25035

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

वाह मोहतरम मसऊद साहिब, बेहतरीन ग़ज़ल हुई दिली मुबारक़बाद कुबूल फरमाएँ

आद0 हाफिज मसूद जी सादर अभिवादन। आपके हवाले से एक बेहतरीन ग़ज़ल मिली पढ़ने को। शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद कुबूल कीजिये

वाह हाफिज साहब रह वो ऐसी दिखा गया बहुत बेहतरीन गजल बधाई कुबूल कीजिए

आ. भाई हफिज मसूद जी, उम्दा गजल के लिए हार्दिक बधाई ।

आदरणीय हाफ़िज़ मसऊद साहब, अच्छी ग़ज़ल कही है आपने। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। सादर।

दाग़ आने लगे नज़र खुद ही ।

आईना वो दिखा गया है मुझे ।।

बहुत खूब जनाब हाफ़िज़ मसूद साहिब। दाद-ओ-मुबारकबाद क़बूल करें। 

आदरणीय हाफ़िज़ मसूद मुहम्मदाबादी जी, आपकी एक अच्छी ग़ज़ल से आयोजन भी आबाद हुआ. दिली दाद क़बूल करें> 

सादर

मह्मुदाबादी साहब मुबारबाद पेश करता  हूँ बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है |

आदरणीय महमूदाबाद साहब। बेहतरीन गजल के लिए बधाइयाँ।

दाग़ आने लगे नज़र खुद ही ।

आईना वो दिखा गया है मुझे ।।.....इस अशआर पर खास दाद कबूल फरमायें।

//रह वो ऐसी दिखा गया है मुझे।

ढ़ंग जीने का आ गया है मुझे।।//

जनाब हाफ़िज़ साहब, आपकी ग़ज़ल में शेर दर शेर धीरे धीरे उतरता चला गया, अच्छी ग़ज़ल कही है. बहुत बहुत बधाई। तनिक रह को लेकर भ्रम है, क्या राह को रह कहने में कोई विशेष उद्देश्य है क्योंकि राह के साथ भी मिसरा हो सकता था। ..

राह ऐसी दिखा गया है मुझे।

मोहतरम हाफ़िज़ मसऊद साहब ..इस मुरस्सा कलाम के लिए ढेर सारी मुबारकबाद कबूल फरमाइए ..दुसरे शेर में ताकाबुले रदीफ़ का ऐब है ..नज्रेसानी करलें|

दाग़ आने लगे नज़र खुद ही ।

आईना वो दिखा गया है मुझे ।। वाह! वाह!! बहुत ख़ूब ! लाजवाब शे'र ।

                  .शे'र दर शे'र दाद के साथ दिली मुबारकबाद आदरणीय हाफ़िज़ मसूद जी ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . संबंध

दोहा सप्तक. . . . संबंधपति-पत्नी के मध्य क्यों ,बढ़ने लगे तलाक ।थोड़े से टकराव में, रिश्ते होते खाक…See More
42 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"अगर ये ग़ज़ल बेकार है आदरणीय अमित जी तो कुछ सुझाव दे दीजिए आप कुछ सुझाव दे दीजिए सादर"
54 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
1 hour ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
1 hour ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
1 hour ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय Aazi Tamaam जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। २१२२ १२१२ २२ यूँ…"
1 hour ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीया सादर"
1 hour ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
1 hour ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आप कुछ सुझाव दे दीजिए आदरणीय हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
1 hour ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"जी मैं पहले मुशायरे में हर बार आता था थोड़ी बहुत शायरी मैंने यहीं सीखी  लेकिन अब तरही ग़ज़ल नहीं…"
1 hour ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service