For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रवि भसीन 'शाहिद'
  • Male
  • Ferozepur, Punjab
  • India
Share on Facebook MySpace

रवि भसीन 'शाहिद''s Friends

  • Vinay Prakash Tiwari (VP)
  • सालिक गणवीर
  • अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी
  • Samar kabeer
  • लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
  • Dr Ashutosh Mishra
  • योगराज प्रभाकर
 

रवि भसीन 'शाहिद''s Page

Latest Activity

रवि भसीन 'शाहिद' replied to Admin's discussion खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...
"उस्ताद-ए-मुहतरम, आदाब। आपको अपनी कुल्लियात के प्रकाशन पर ढेरों बधाई एवं शुभकामनाएँ।"
Jan 2, 2023
रवि भसीन 'शाहिद' commented on रवि भसीन 'शाहिद''s blog post हुस्न-ए-ग़ज़ल (नज़्म)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' साहिब!"
Nov 5, 2022
रवि भसीन 'शाहिद' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल
"नहीं नहीं जनाब-ए-'आली, ऐसी बात नहीं है। बस इसी तरह इस्लाह करने वालों से और अपने शोध और अध्ययन से एक एक लफ़्ज़ का वज़्न पता चलता जाता है। किसी लफ़्ज़ के वज़्न या इस्तेमाल में शक हो तो rekhta dictionary से चैक कीजिये। आपकी शायरी में जो उर्दू और हिंदी…"
Nov 2, 2022
रवि भसीन 'शाहिद' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल
"आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' साहिब, सादर अभिवादन। जनाब 'ख़्वाह-मख़ाह' को 21121 के वज़्न पर लेना पड़ेगा।"
Nov 2, 2022
रवि भसीन 'शाहिद' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल
"आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' साहिब, बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही है आपने, इस पर आपको दाद और मुबारकबाद पेश करता हूँ। जनाब छटे शे'र के सानी में 'बे-वजह' दरअसल 'बे-वज्ह' है, 221 के वज़्न पर होना चाहिये। इस मिस्रे को यूँ कर सकते हैं:…"
Nov 1, 2022
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on रवि भसीन 'शाहिद''s blog post हुस्न-ए-ग़ज़ल (नज़्म)
"वाह वाह आदरणीय रवि जी...क्या ही शानदार माला पिरोई है..."
Nov 1, 2022
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on रवि भसीन 'शाहिद''s blog post हूँ किसके ग़म का सताया न पूछिये साहिब (ग़ज़ल)
"बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है आदरणीय रवि जी..."
Nov 1, 2022
vijay nikore commented on रवि भसीन 'शाहिद''s blog post हूँ किसके ग़म का सताया न पूछिये साहिब (ग़ज़ल)
"कमाल की गज़ल लिखी है, रवि भसीन शाहिद जी। हार्दिक बधाई।"
Nov 1, 2022
रवि भसीन 'शाहिद' commented on Zaif's blog post ग़ज़ल - यूँ मुहब्बत हो गई है
"आदरणीय जैफ़ साहिब, आदाब। छोटी बह्र में आपने बहुत उम्द: ग़ज़ल कही है, इस पर दाद और मुबारकबाद क़ुबूल कीजिये!"
Oct 31, 2022
रवि भसीन 'शाहिद' commented on रवि भसीन 'शाहिद''s blog post हूँ किसके ग़म का सताया न पूछिये साहिब (ग़ज़ल)
"आदरणीय जैफ़ साहिब, सुख़न-नवाज़ी और हौसला-अफ़ज़ाई के लिए आपका बहुत शुक्रिय:!"
Oct 31, 2022
Zaif commented on रवि भसीन 'शाहिद''s blog post हूँ किसके ग़म का सताया न पूछिये साहिब (ग़ज़ल)
"बेहतरीन ग़ज़ल हुई है, सर। अगरचे जब मैं चला था तो हाथ ख़ाली थे सफ़र में क्या है गँवाया न पूछिये साहिब।"
Oct 30, 2022
रवि भसीन 'शाहिद' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-148
"आदरणीय सुरेंद्र इन्साँ साहिब, तरही मिस्रे पर ग़ज़ल का बढ़िया प्रयास हुआ है, आपको बधाई और शुभकामनाएँ पेश करता हूँ।"
Oct 29, 2022
रवि भसीन 'शाहिद' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-148
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' साहिब, आदाब। हालाँकि किसी मुस्तनद शाइर का शे'र तो नहीं ढूँढ पाया हूँ, लेकिन नस्र में ये इज़ाफ़त देखी है, जैसे कि:"भारत के मैच जीतने की ख़बर आते ही 'अवाम में ख़ुशी-ओ-मसर्रत की लहर दौड़ गई।"इसलिए मेरा…"
Oct 29, 2022
रवि भसीन 'शाहिद' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-148
"आदरणीय नादिर ख़ान भाई, आपकी मुहब्बत, सुख़न-नवाज़ी और हौसला-अफ़ज़ाई के लिए तह-ए-दिल से आपका शुक्रिय: अदा करता हूँ।"
Oct 29, 2022
रवि भसीन 'शाहिद' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-148
"आदरणीय संजय शुक्ला जी, बढ़िया ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Oct 29, 2022
रवि भसीन 'शाहिद' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-148
"आदरणीय संजय शुक्ल जी, हौसला-अफ़ज़ाई के लिए आपका हार्दिक आभार।"
Oct 29, 2022

Profile Information

Gender
Male
City State
Punjab
Native Place
Ferozepur
Profession
Teacher
About me
Passionate about Urdu poetry and music, an English and IELTS trainer by profession, author of a book of short stories 'And That's the Whole Story'

रवि भसीन 'शाहिद''s Blog

हुस्न-ए-ग़ज़ल (नज़्म)

हुस्न-ए-ग़ज़ल

2 1 2 2  /  1 2 1 2  /  2 2

है ग़ज़लगोई यार की बातें

शे'र सुनना ख़ुमार की बातें

शे'र पढ़ना हसीं तरन्नुम में

जैसे हों लालाज़ार की बातें…

Continue

Posted on October 19, 2022 at 12:11am — 11 Comments

हूँ किसके ग़म का सताया न पूछिये साहिब (ग़ज़ल)

1212 / 1122 / 1212 / 22(112)

हूँ किसके ग़म का सताया न पूछिये साहिब

जफ़ा-ए-इश्क़ का क़िस्सा न पूछिये साहिब [1]

तमाम उम्र उसे दूर से ही देख के बस

सुकून कितना है पाया न पूछिये साहिब [2]

लहू भी थम सा गया दर्द को भी राहत…

Continue

Posted on October 16, 2022 at 1:06pm — 13 Comments

हर तरफ़ रौशनी के डेरे हैं (ग़ज़ल)

2122  /  1212  /  22

हर तरफ़ रौशनी के डेरे हैं

मेरी क़िस्मत में क्यूँ अँधेरे हैं [1]

एक अर्सा हुआ उन्हें खोये

अब भी कहता है दिल वो मेरे हैं [2]

और कुछ देर हौसला रखिये

शब के…

Continue

Posted on October 7, 2022 at 11:30am — 12 Comments

एक नया दस्तूर (ग़ज़ल - शाहिद फिरोज़पुरी)

22 / 22 / 22 / 22 / 22 / 22

एक नया दस्तूर चलाया जा सकता है

ग़म को भी महबूब बनाया जा सकता है [1]

अपने आप को यूँ तड़पाया जा सकता है

बीती बातों पर पछताया जा सकता है [2]

यार की बाँहों में अब दम घुटता है मेरा

जन्नत से भी तो उकताया जा सकता है [3]

आशिक़ सा मासूम कहाँ पाओगे जिस से

अपना कह कर सब मनवाया जा सकता है [4]

पहली बार महब्बत छूती है जब दिल को

उस लम्हे को कैसे भुलाया जा सकता है [5]

जीत…

Continue

Posted on August 9, 2020 at 12:42pm — 17 Comments

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 5:13pm on March 1, 2020,
प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर
said…

आपकी ज़र्रानवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया मोहतरम जनाब रवि भसीन 'शाहिद' साहिब. 

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
4 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
4 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
4 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
4 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
4 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
5 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
6 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
6 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
6 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
8 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service