नानी की कमी जीवन पर्यन्त याद आएगी ,
आंखें मेरी क्षण-क्षण अक्षुओं से भर आएंगी
खाये जिनके बनाये गर्मियों में चांवल और दाल,
छोड़ के हम नाती-पोतों को कब दूर चली जाएगी…
ContinuePosted on April 20, 2021 at 11:00am
मैं इस देश का नेता हूँ, आपसे कुछ ना लेता हूं।
ख्वाब चाँद के दिखलाता हूँ, विभु स्वप्न भेंट कर देता हूं
मैं इस देश का नेता हूँ, आपसे कुछ ना लेता हूं।
पंचवर्ष सेवा में रहकर, सौ वर्ष के ख्वाब दिखाता हूँ
मैं इस देश का नेता हूँ, आपसे कुछ ना लेता हूं।…
Posted on June 5, 2018 at 11:00am — 4 Comments
सिरा है मेरा काला ,
तन है मेरा सफ़ेद |
मोल नहीं कुछ मेरा ,
करूँ अगर रंगों में मेरे भेद |
कोई ना जाने मोल मेरा,
गर रहूँ मैं डिब्बे में बंद |
बाहर निकल कर रगड़ जो खाऊं ,
तब बनु मैं ज्योत अखंड |
रहती हूँ अपनी सहेलियों के सांथ,
काम आती रहेंगी जो आपके ,
मेरे जाने के भी बाद |
लौ के रूप में उत्साह के सांथ हम बाँट लेती हैं एक दूजे का दर्द /``\ /``\
त्योहारों में दिया जलाकर खुशियां भी लाती हूँ |
बीड़ी-सिगरेट को जला कर धूम्रपान भी फैलाती…
Posted on June 27, 2015 at 7:59pm — 7 Comments
वो चार पहियां गाड़ी कहाँ मिलेगी कोई हमें बता दे,
एक हमसफ़र के साथ चलायें जिसे , ऐसी कोई खता दे
जिसमे न खिड़की हो,
जिसमे न दरवाज़ा ,
जो चले ज़रा धीरे-धीरे ,
बादलों को चीरे-चीरे |
वो चार पहियां गाड़ी कहाँ मिलेगी कोई हमें बता दे,
एक हमसफ़र के साथ चलायें जिसे , ऐसी कोई खता दे
पहियां बड़ा…
Posted on June 23, 2015 at 7:30pm — 5 Comments
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स्वागत है मित्र आपका |
स्नेही रोहित जी, शुभ होली. बढ़िया पर्व पर युवक द्वारा एक बुजुर्ग को साथी बनाया है. आभार
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…