1.बरसों के बाद खुद को यूँ पहचान तो गया
सीने में दफ्न इश्क जुनूं जान तो गया
2.बीती तमाम उम्र तेरी आरज़ू में बस
चाहत भरा सफ़र हो ये अरमान तो गया
3.हमको कहाँ खबर थी कि दिल हार जाएगें
छो़ड़ो चलो कि दिल तेरे कुर्बान तो गया
4.मांगा खुदा से जिसको था सजदों में बारहा
मुझको वो मेरे नाम से पहचान तो गया
5. हमसे न हो सके थे जमाने के चोंचले
सब खुश हुए कि दौड़ से नादान तो गया
यह भी…
ContinueAdded by MAHIMA SHREE on March 31, 2015 at 2:00pm — 14 Comments
बहर-
2122 1212 22
खुशनुमा ये सफ़र है क्या कहिये
साथ मेरे वो गर है क्या कहिये
आ गई जान पर है क्या कहिये
चाक मेरा जिगर है क्या कहिये
इश्क में जीत कुछ नहीं होती…
ContinueAdded by MAHIMA SHREE on March 1, 2015 at 11:30am — 29 Comments
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