निर्जला व्रत -लघुकथा -
सूरज तीन महीने बाद अमेरिका से लौटा तो सामान पटक कर सीधा अपने बचपन के मित्र रघु को सरप्राइज़ देने उसके घर जा धमका। रघु की शादी में वह विदेश दौरे के कारण शामिल नहीं हो सका था। इसलिये माफ़ी भी माँगनी थी।बदले में दोनों को ढेर सारे उपहार भी देने थे।
लेकिन यह क्या सूरज तो खुद चकित हो गया जब रघु का लटका हुआ उदास चेहरा देखा।"क्या हुआ दोस्त, क्या शादी रास नहीं आई।"
"छोड़ यार तू सुना, कब आया, कैसा रहा टूर?"
"यार बात को घुमा मत। भाभी कहाँ है?"
"छोड़…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on October 29, 2018 at 11:08am — 14 Comments
परख - लघुकथा -
नीना जैसे ही चाय की ट्रे लेकर, उसे देखने आये लड़के वालों के परिवार की एक मात्र महिला को चाय देने बढ़ी, उस महिला को देख कर नीना के होश उड़ गये। उसे लगा वह अभी चक्कर खा कर गिर जायेगी। अब उसे निश्चित लग रहा था कि यह रिश्ता भी नहीं होने वाला। माँ बापू को आज फिर तगड़ा झटका लगेगा।
हालांकि नीना एक बड़ी कंपनी में इंजीनियर थी। बस खूबसूरती में औसत थी। रंग भी थोड़ा दबा हुआ था। अतः रिश्ते होते होते रह जाते थे।
नीना के सामने कालेज की वह घटना चल चित्र की तरह घूम गयी। जब वह…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on October 25, 2018 at 3:20pm — 12 Comments
मुआवज़ा - लघुकथा -
देश भक्त पार्टी के एक नामी नेता रेल हादसे पर विरोध जताने अपने समर्थकों की भारी भीड़ लेकर डी एम साहब के दफ़्तर पहुंच गये और जम कर नारेबाज़ी शुरू कर दी। थोड़ी देर में साहब ने नेताजी को दफ़्तर में बुला लिया।
"क्या हुआ भैया जी, इतना शोरगुल किसलिये। हम लोग तो खुद ही रात दिन इसी काम में लगे हुए हैं।"
"जनाब, हम जन प्रतिनिधि हैं।लोगों को सब जानकारी देनी पड़ती है कि प्रशासन क्या कर रहा है। इतना समय हो गया, आप लोगों की ओर से कोई पुख्ता खबर नहीं आई मीडिया…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on October 23, 2018 at 10:59am — 8 Comments
माँ - लघुकथा -
"माँ, बापू ने तुम्हें क्यों छोड़ दिया था ?"
"गुड्डो , जब छोटी पेट में थी। तेरे बापू गर्भ गिरवाना चाहते थे। मैंने मना किया तो मुझे धक्के मार कर घर से निकाल दिया ।"
"मैंने तो सुना कि वे तो माँ दुर्गा के कट्टर भक्त थे।फिर एक देवी उपासक भ्रूण हत्या जैसा पाप और एक औरत का ऐसा अपमान कैसे कर सकता है?"
"अधिकतर अंध भक्त दोगली ज़िंदगी जीते हैं। इनकी कथनी और करनी में बहुत फर्क होता है।"
"माँ, मौसी तो कह रही थी कि तुम काली थीं और सुंदर भी नहीं थी।इसलिये…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on October 20, 2018 at 11:13am — 5 Comments
यू टू (you too ) - लघुकथा -
मेरी छोटी बहिन कुसुम आठवीँ कक्षा में थी। उम्र चौदह साल होगी।
उस दिन वह छत पर कागज के जहाज बना कर उड़ा रही थी। उसी वक्त पिताजी का घर आना हुआ और कुसुम का उड़ाया हुआ जहाज पिताजी से टकराया। पिताजी ने उस कागज के जहाज को उठा लिया। खोल कर देखा तो वह एक प्रेम पत्र था।लेकिन उस पर किसी का नाम नहीं था, ना पाने वाले का ना भेजने वाले का। "प्रिय" से शुरू किया था और "तुम्हारी" से अंत किया था।
पिताजी ने छत पर कुसुम को देखा तो उनका गुस्सा सातवें…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on October 17, 2018 at 11:52am — 4 Comments
अस्त व्यस्त -लघुकथा -
पैतीस वर्षीय गल्ला व्यापारी राजेश्वर को दिल का दौरा पड़ा।आनन फानन में चिकित्सालय पहुँचाया गया।
विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा गहन परीक्षण और उचित चिकित्सा के बाद घर भेज दिया मगर बहुत सारी हिदायतों के साथ।
उनके अनुसार दिल का दौरा हल्का था और समय पर चिकित्सा मिलने से खतरा टल गया है लेकिन जीवन भर सावधानी रखनी होगी।
सगे संबंधी, रिश्तेदार, मोहल्ले के लोग,मित्रों एवम व्यापारियों का ताँता लग गया।
हाल चाल जानने राजेश्वर के सत्तर वर्षीय नानाजी भी…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on October 11, 2018 at 1:26pm — 10 Comments
दोस्ती - लघुकथा -
श्रद्धा एक मध्यम वर्गीय परिवार की मेधावी छात्रा थी।वह इस साल एम एस सी जीव विज्ञान की फ़ाइनल में थी। शिक्षा का उसका पिछला रिकार्ड श्रेष्ठतम था।इस बार भी उसका इरादा यूनीवर्सिटी में अब्बल आने का था।
मगर इंसान की मेहनत और इरादे से भी ऊपर एक चीज़ होती है भाग्य।जिस पर ईश्वर के अलावा किसी अन्य का जोर नहीं चलता। श्रद्धा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।
वह उस दिन क्लास रूम से बाहर निकल रही थी कि चक्कर खाकर गिर गयी।अफ़रा तफ़री मच गयी। सभी साथी सहपाठी चिंतित और परेशान हो…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on October 9, 2018 at 8:06pm — 12 Comments
राजा चोर है - लघुकथा –
"आचार्य,इस चोर राजा के शासन से मुक्ति का कोई तो उपाय बताइये। प्रजा त्राहि त्राहि कर रही है।"
"वत्स, सर्वप्रथम तो अपनी वाणी को नियंत्रित करो।"
"गुरू जी, आपका आशय क्या है।"
"जब तक राजा का अपराध प्रमाणित नहीं होता, उसे सम्मान देना अनिवार्य है।"
"राजा का अपराध कैसे प्रमाणित होगा?"
"यह जाँच द्वारा सुनिश्चित करना दंडाधिकारी का कार्य है, जो कि विधि द्वारा स्थापित न्याय प्रणाली के तहत कार्य करता है।"
"दंडाधिकारी यह जाँच…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on October 2, 2018 at 8:30pm — 16 Comments
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