Added by Rahila on November 17, 2015 at 3:36pm — 16 Comments
Added by Rahila on November 12, 2015 at 4:24pm — 11 Comments
पिताजी!उस कमजोर बकरी को जल्दी हृष्ठ-पुष्ट देखने की चाह में स्नेहवश बागीचे से अलग-अलग किस्म की पत्तियां लाकर लगभग जबरन खिलाने की कोशिश कर रहे थे।लेकिन वो ढीठ की बच्ची भूख शांत होने के बाद किसी चींज को मुंह तक ना लगा रही थी।ये देख वे खीज गये और बोले:
"अरी खा ले कम्बख्त!इतने किस्म की पत्तियां मुफ़्त में मिल रही हैं और तू भाव खा रही है ।"
"अजी!गुस्सा क्यों होते हो जी ! मुफ़्त माल है!वो क्या जाने?जानवर है जानवर, इंसान नहीं है "मां कनखियों से देख, छेड़ लेकर बोली।
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मौलिक…
Added by Rahila on November 9, 2015 at 6:00pm — 18 Comments
मॉल से दीवाली की ढेर सारी खरीदारी करके जैसे ही कार से गेट के बाहर निकले,एक गुब्बारे बेचने वाला कम उम्र का लड़का दौड़कर आया और गुब्बारे खरीदने की इल्तिज़ा करने लगा।
"अरे नहीं चाहिये भैया !"
"ले लो ना बीबी जी! "
"हां मम्मा ! ले लो ना मुझे चाहिये "
"अरे नहीं बेटा! क्या करोगे?अभी इतने सारे खिलौनें खरीदे है ना।"
"जाओ भैया!हमें जरूरत नहीं ।"उसने झिड़कने के अंदाज में कहा ।
लड़का थोड़ा हताश हुआ और बोला -
"कुछ चीजें जरूरी तो नहीं जब जरूरत हो तभी खरीदी जाए बीबी…
Added by Rahila on November 3, 2015 at 12:30pm — 11 Comments
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