For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

Views: 72803

Reply to This

Replies to This Discussion

जान में जान आई सर...

बजा फ़रमाया ।

अलविदा महिमा जी

महिमाश्री जी को मैं एक संवेदनशील रचनाकार के रूप में जानता था, उनसे मेरी पहचान ओबीओ पर ही हुई थी। वे बेहद संवेदनशील रचनाकार थीं, वो अपनी खुशी दूसरों से साझा करना चाहती थी पर शायद तकलीफ नहीं, इसलिए उन्होंने शुरू में शायद यह ज़ाहिर नहीं किया कि उन्हें कैंसर जैसी दुःसाध्य बीमारी ने जकड़ लिया है। मगर मैं इस सोच में था कि वह इसके विरुद्ध जंग जीतकर लौट आई हैं। आज अचानक उनके निधन का बेहद दुःखद समाचार सुनकर स्तब्ध हूँ, जो मुझे फेसबुक पर आदरणीया कल्पना भट्ट दीदी की पोस्ट से मिला।

सादर श्रद्धांजलि महिमाश्री जी

विनम्र श्रद्धांजलि ।

विनम्र श्रद्धांजलि प्रिय महिमा श्री | यूं ऐसे कोई जाता है क्या भला? 

महिमा श्री शायद २००७ के लगभग जागरण जंक्शन पर साथ-साथ ब्लॉग लिखने से परिचय में आयी. लगभग एक साथ ही ओ बी ओ से जुड़ीं. २०१४ में हल्द्वानी में हुए ओ बी ओ के प्रथम कार्यक्रम में उससे मुलाक़ात का अवसर मिला था. गद्य लेखन उसे अधिक प्रिय था. अपनी कुछ कवितायेँ और कल्लोलिनी में समीक्षा के लिए पुस्तक भेजने पर व्हाट्स अप के अनुसार १६ अप्रेल को उससे अंतिम बार चर्चा हुई. ज़रा भी ऐसा नहीं लगता था कि यह आखिरी बार बात हो रही है. किन्तु ईश्वर की मर्जी के आगे किसकी चली है. मन बहुत खिन्न है. विनम्र श्रृद्धांजलि.

विनम्र श्रद्धांजलि

दुःखद ख़बर....भावपूर्ण  श्रद्धांजलि 

बेहद दुखद।विनम्र श्रद्धांजलि 

आदरणीया कल्पना भट्ट जी की पोस्ट से ज्ञात हुआ कि ओपेनबुक्स ओ लाइन की एक समय की सक्रिय सदस्य युवा कवयित्री नहीं रहीं। अत्यंत ही दुःखद समाचार है। ओबीओ के बैनरतले प्राची सिंह जी के संयोजन में हल्द्वानी में आयोजित समारोह में महिमा जी से मुलाकात हुई थी। वीनस केसरी जी द्वारा इलाहाबाद में आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में भी उनसे मुलाकात हुईथी। वीनस केसरी जी द्वारा लखनऊ में आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में भी हम मिले थे। वह खुशमिजाज सदस्य थी। महिमा जी को विनम्र श्रद्धांजलि। 

अलबेला खत्री जी, संजय मिश्रा हबीब जी, अरुण अनंत जी और अब महिमाश्री....अल्प समय में ही, अल्पायु में ही इनका जाना हृदय को पीड़ा दे रहा है। 

विनम्र श्रद्धांजलि।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-114
"आदाब।‌ बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब तेजवीर सिंह साहिब।"
Monday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-114
"हार्दिक बधाई आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी।"
Monday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-114
"हार्दिक आभार आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी। आपकी सार गर्भित टिप्पणी मेरे लेखन को उत्साहित करती…"
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-114
"नमस्कार। अधूरे ख़्वाब को एक अहम कोण से लेते हुए समय-चक्र की विडम्बना पिरोती 'टॉफी से सिगरेट तक…"
Sunday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-114
"काल चक्र - लघुकथा -  "आइये रमेश बाबू, आज कैसे हमारी दुकान का रास्ता भूल गये? बचपन में तो…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-114
"ख़्वाबों के मुकाम (लघुकथा) : "क्यूॅं री सम्मो, तू झाड़ू लगाने में इतना टाइम क्यों लगा देती है?…"
Sep 29
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-114
"स्वागतम"
Sep 29
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"//5वें शेर — हुक्म भी था और इल्तिजा भी थी — इसमें 2122 के बजाय आपने 21222 कर दिया है या…"
Sep 28
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय संजय शुक्ला जी, बहुत अच्छी ग़ज़ल है आपकी। इस हेतु बधाई स्वीकार करे। एक शंका है मेरी —…"
Sep 28
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"धन्यवाद आ. चेतन जी"
Sep 28
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय ग़ज़ल पर बधाई स्वीकारें गुणीजनों की इस्लाह से और बेहतर हो जायेगी"
Sep 28
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बधाई स्वीकार करें आदरणीय अच्छी ग़ज़ल हुई गुणीजनों की इस्लाह से और बेहतरीन हो जायेगी"
Sep 28

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service