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धार्मिक साहित्य Discussions (167)

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श्रीकृष्ण-स्तुति-गीत(आधार छंद-चौपाई)

मोर-मुकुटधारी-अवतारी। हे नट-नर्तक -कृष्ण-मुरारी।। नयन-कंज तन नीलनलिन नव। वक्ष वृहद उर करुणा-गृह तव।। कानों मे मकराकृत कुंडल। अधर सुधा-मुरल…

Started by रामबली गुप्ता

1 Aug 28, 2017
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

तुम्ही हो खेवइयाँ सबकी

दरबार सजा भक्तो से माँ, दर्शन आस जगाऊ मै। तेरे बिन माँ कौन सहारा, तुझमे आश्रय पाऊ मै। डूब रही पतवार हमारी, माया के भवसागर में। मोह पाश में…

Started by नाथ सोनांचली

1 Aug 28, 2017
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

सदस्य टीम प्रबंधन

मकर-संक्रान्ति पर विशेष

  भारत वस्तुतः गाँवों का देश है. यहाँ के गाँव प्रकृति और प्राकृतिक परिवर्त्तनों से अधिक प्रभावित होते हैं, बनिस्पत अन्य भौतिक कारणों से. च…

Started by Saurabh Pandey

31 May 4, 2016
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

गणेश वंदन (त्रिभंगी छंद)

हे गौरी नंदन, प्रभु सुख कंदन, हे विघ्न हरण, भगवंता ।गजबदन विनायक, शुभ मति दायक, हे प्रथम पूज्य, इक दंता ।।हे आदि अनंता, प्रिय भगवंता, रिद्…

Started by रमेश कुमार चौहान

0 Aug 13, 2015

दोहा -वंशी

दोहा -----मुरली धर मुरली बजा , गोकुल होत अधीर। राधा रानी चल पड़ीं , पहुँचत यमुना तीर । । भौरे फुस फुस कर रहे , फूलों डारे कान । राधा रानी आ…

Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

0 Jul 14, 2015

शिव की पूजा करले प्राणी

शिव की पूजा करले प्राणी  शिव ही सृष्टि निर्माता है शिव लेते है उसी भाव को भाव जो मन में आता है |   सती, पार्वती, गौरी, माता शिव  के  हर  दम…

Started by sakhi singh

0 Dec 10, 2014

आये न श्याम !

                  आये न श्याम  !     कैसे करूं मनुहार                                  सखी, थके नैना पंथ निहार                             …

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

0 Nov 3, 2014

माँ के चरणों में - २

छन्न पैकैंया छन्न पकैंया जाना है बड़ी दूर |चलते-चलते पांव थक गये, मंजिल है बड़ी दूर || छन्न पैकैंया छन्न पकैंया, माँ बैठी चोटी पर |दर्शन को त…

Started by Meena Pathak

2 Oct 6, 2014
Reply by Meena Pathak

नव दुर्गा

नव दुर्गा भक्ति नवधा से समाहित, शुद्ध हो आराधना।  योग शुभ नवरात्रि मन की, पूर्ण करता कामना। ।  माँ बड़ी कल्याणकारी, यह जगत अवधारना।  आज आओ…

Started by Satyanarayan Singh

0 Oct 2, 2014

सदस्य कार्यकारिणी

नवरात्रे दोहे

दिव्य स्वरूपी संस्थिता ,इष्ट अलौकिक शक्ति|  शारदीय नवरात्र में ,शैल सुता की भक्ति||   ब्रह्मलोक संचालिका ,ब्रह्मचारिणी मात्र| ध्यान ज्ञान आ…

Started by rajesh kumari

0 Oct 1, 2014

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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
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रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
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रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
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Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
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Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
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Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
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