अनकही सी अनसुनी सी इक ज़ुरूरी बात थी ।
कह के भी कह ना सके कोई अधूरी बात थी ।
बोलने कि हद पे था प्यार का शैलाब पर ,
ना बोलने की ज़िद पे भी इक गुरुरी बात थी ।
कोशिशें तो की बहुत इज़हारे उल्फत की मगर ,
लफ़्ज़ों में ना आ सकी दिल की पूरी बात थी ।
एकटक देखा उन्हें तो देखता ही रह गया ,
चाँद से चेहरे पे उनके कोहिनूरी बात थी ।
प्यार की खामोशियों में रंग भरने के लिए ,
उन लबों की लालियों में एक सिन्दूरी बात थी…
Added by Neeraj Nishchal on January 26, 2014 at 2:30pm — 7 Comments
हो गये जो निछावर वतन के लिए ,
याद करने की उनको घड़ी आ गयी ।
आज का दिन मनायें उन्हीं के लिए ,
कहने गणतंत्र कि नव सदी आ गयी ।
ये वीरों की धरती हमारा वतन ।
आकाश भी जिसको करता नमन ।
गाँधी नेहरू की जीवन कहानी है ये ।
नेता जी की तो सारी जवानी है ये ।
ऐसे आज़ाद भारत के वासी हैं हम ,
बात मन में यही फक्र की आ गयी ।
लाल हो जिनके कपड़े कफ़न हो गये ।
जो हिमालय कि हिम में दफ़न हो गये ।
मर के भी दुश्मनों को न बढ़ने…
ContinueAdded by Neeraj Nishchal on January 25, 2014 at 3:30pm — 16 Comments
जो पीने को दिल के पैमाने में मिलता है ।
वो जाम मोहब्बत के मैखाने में मिलता है ।
ना होश न खबर कोई मस्ती है खुमारी है ,
ये इल्म फकीरों के अफ़साने में मिलता है ।
सब झूठ ही कहते हैं कि शम्मा जलती है ,
जलने का हुनर फकत परवाने में मिलता है ।
कुछ मज़ा दीवाने को आता है तड़पने में ,
कुछ लुत्फ़ उन्हें भी तो तड़पाने में मिलता है ।
ये समझ ले जो तूने दिल में ही नही पाया ,
वो मन्दिर मस्जिद ना बुतखाने में मिलता है…
Added by Neeraj Nishchal on January 5, 2014 at 9:00pm — 7 Comments
दीवाने भी अज़ब हैं वो जो महफ़िल लूट लेते हैं ।
के सिर कदमों में रखते हैं और दिल लूट लेते हैं ।
कि जिन लहरों के तूफानों ने लूटी कश्तियाँ लाखों ,
उन्हीं लहरों के आवेगों को साहिल लूट लेते हैं ।
शाख से टूटकर अपनी बिखर जाते हैं जो तिनके ,
बनाने को घरौंदे उनको हारिल लूट लेते हैं ।
अदब तो दोस्ती का है पर अदायें दुश्मनों सी हैं ,
के हमारा चैन उनके नैन कातिल लूट लेते हैं ।
मोहब्बत करने वालों का ख़ुशी से वास्ता क्या है…
ContinueAdded by Neeraj Nishchal on January 3, 2014 at 4:30pm — 19 Comments
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