गोपाल की बीवी राधा सुबह से रट लगाये थी ,” शाम को जल्दी दुकान बंद कर के आ जाना!संकट मोचन चलेंगे!आपको जब पीलिया हुआ था तब मैंने मन्नत बोली थी कि आपके स्वस्थ होने पर सात कन्याओं को जिमाऊंगी, पर अभी हाथ थोडा तंग है,बीमारी में ज़्यादा खर्चा हो गया, फ़िर कभी देखेंगे! अभी तो एक सौ एक रुपये का प्रसाद चढाकर काम चला लेते हैं”!
गोपाल के आते ही दौनों स्कूटर पर मंदिर पहुंच गये!
दर्शन कर बाहर निकले तो राधा की नयी चप्पल गायब और गोपाल की ज़ेब से पर्स नदारद ! गनीमत थी कि राधा के पर्स में हज़ार दो…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on January 28, 2016 at 6:30pm — 12 Comments
विद्या दान – ( लघुकथा ) –
सारे शहर में इश्तिहार लगे थे कि शास्त्रीय संगीत की प्रख्यात गायिका पदमश्री सुमित्रा देवी गंधर्व की सोलह वर्षीय सुपुत्री एवम शिष्या संगीतिका गंधर्व के जीवन का प्रथम गायकी कार्य क्रम शाम को सात बजे टैगोर भवन में होगा!
इस क्षेत्र के जाने माने एवम मशहूर लोग स्तब्ध थे क्योंकि सुमित्रा देवी ने संगीत के प्रति अपनी अटूट आस्था के चलते शपथ ली थी कि ना तो वह कभी विवाह करेंगी और ना कभी किसी को शिष्य बनायेंगी!
नियत समय पर कार्य क्रम शुरु हुआ!सर्व प्रथम…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on January 24, 2016 at 8:02pm — 12 Comments
एक फ़ौज़ी की मौत – ( लघुकथा ) –
"क्या हुआ नत्थी राम, किस बात पर कर ली आत्म हत्या तुम्हारे लडके ने,कोई चिट्ठी छोडी क्या"!
"थानेदार साब,वह आत्म हत्या नहीं कर सकता,वह तो एक फ़ौज़ी था,उसे मारा गया है"!
"पर उसका शरीर तो गॉव के बाहर पेड पर लटका मिला था"!
"यह सब साज़िश है,उसे मार कर लटका दिया गया"!
" ऐसा कैसे कह रहे हो, क्या तुम्हारी दुश्मनी थी किसी से "!
"दरोगा जी, मैं तो सीधा सादा आदमी हूं! मेरा बेटा शादी के लिये तीस दिन की छुट्टी ले कर आया था!जिस दिन वह…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on January 21, 2016 at 6:39pm — 10 Comments
प्रतिशोध - ( लघुकथा ) –
"प्रधान जी, यह क्या देख रहा हूं!आज तो आप पंडित होकर भी ,अपने जानी दुश्मन, हरिज़न विधायक गंगा राम के बेटे को शराब और क़बाब की दावत दे रहे थे और बराबर में साथ बैठा कर तीन पत्ती भी खिला रहे थे"!
"बाबूलाल, यह राजनीति है,तुम्हारी समझ में नहीं आयेगी"!
"कोई काम करवाना है क्या विधायक जी से"!
"मैं उस कुत्ते की शक्ल भी देखना पसंद नहीं करता, उसकी वज़ह से तो मेरी विधायकी की सीट छिन गयी"!
"तो फ़िर इस दावत का क्या राज़ है"!
"इस राज़ को…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on January 18, 2016 at 10:26pm — 14 Comments
कुल्टा कौन – ( लघुकथा ) –
सीमा जब से ब्याह के आई थी,कभी भी उसकी सासुजी ने सीधे मुंह बात नहीं की!चलो कोई बात नहीं!यह तो सदियों से चली आ रही रिवाज़ का हिस्सा है!पर सीमा को जो बात अखरती थी ,वह थी सासुजी का बार बार उसे “क़ुल्टा” कह कर पुकारना!उसने एक दो बार सासूजी को समझाने का प्रयास भी किया,
"मॉ जी,आप यह शब्द बोलती हो,इसका अर्थ जानती हो,कोई बाहर वाला सुनेगा तो आप के परिवार की ही बदनामी होगी"!
सासु जी ने फ़लस्वरूप ,सीमा का बाहर जाना भी बंद कर दिया!
सासुजी को अचानक…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on January 17, 2016 at 5:13pm — 8 Comments
दकियानूस - ( लघुकथा ) –
मनोहर की मृत्यु को आज तेरह दिन हो गये थे!उसके कर्मों का लेखा जोखा देख कर उसे स्वर्ग में ही एक सीट मिल गयी थी!यमराज़ उसकी डायरी देख बेहद प्रभावित थे!यमराज़ ने मनोहर की पीठ थपथपा कर शाबाशी दे डाली!मनोहर रोमांचित हो गया!यमराज़ का अच्छा मूड देख कर मनोहर ने एक इच्छा ज़ाहिर कर दी,
"आज मेरी तेरहवीं हो रही होगी,आपकी इज़ाज़त हो तो क्या मैं एक बार उस मौके को देख कर आ सकता हूं, थोडी तसल्ली कर लेना चाहता हूं कि कितने ज़ोर शोर से मेरा तेरहवॉ हो रहा है! "!
"देख भाई…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on January 14, 2016 at 6:43pm — 10 Comments
गुल्लक - (लघुकथा ) –
"क्या कमला,तूने तो परेशान करके रख दिया!आज तीन दिन बाद शक्ल दिखाई है"!
"मैम साब, मैं क्या करूं,आप ही बताओ,मेरा बेटा अस्पताल में भर्ती है,मुझे दो हज़ार रुपये चाहिये"!
"कमला,तू पहले ही दो महीने की पगार एड्वांस ले चुकी है"!
" एक एक पैसा चुका दूंगी ,मैम साब"!
"कमला, इस बार तो तू मुझे माफ़ कर दे, मेरे पास नहीं है इतने पैसे"!
सुनीता की सात साल की बेटी मिनी यह वार्तालाप सुनकर अपने कमरे में से बाहर निकली,
"कमला काकी, यह लो सत्रह सौ…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on January 13, 2016 at 8:47am — 8 Comments
नेताजी – ( लघुकथा )
"दादीजी, आज सारे गॉव की गलियों में सफ़ाई और पानी का छिड्काव हो रहा है!पंचायत घर में भी लाउड्स्पीकर बज रहा है!लोग वहां फ़ूलों की मालायें लिये खडे हैं!कोई नेताजी आ रहे हैं क्या"!
"हां मेरी बच्ची, भविष्य के नेताजी आ रहे हैं"!
“भविष्य के नेताजी, दादीजी, मैं कुछ समझी नहीं"!
"प्रधान जी का बेटा आरहा है शहर से,इस बार वही प्रधानी का चुनाव लडेगा, इसलिये इतना प्रचार किया जा रहा है"!
"यह तो अच्छी बात है,नया खून आगे आयेगा तो विकास तेज़…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on January 11, 2016 at 10:38am — 20 Comments
सत्तर वर्षीय राजेश जी के इकलौते बेटे किशोर की मृत्यु पिछले साल एक कार दुर्घटना में हो गयी थी!पत्नी की मृत्यु किशोर की शादी से पहले ही हो चुकी थी! अब परिवार के नाम पर राजेश जी और उनकी जवान पुत्र बधु सीमा थी!वह भी बैंक में कार्यरत थी! जवान किशोर की मौत के सदमे ने दौनों को लगभग मूक बना दिया था!दौनों में से कोई किसी से बात चीत नहीं करते थे!वश यंत्र वत अपने अपने कार्य करते रहते थे! किशोर की बरसी की रस्म पूरी होते ही राजेश जी ने सीमा को समझाया,"सीमा तुम पढी लिखी, सुंदर, जवान और कामकाजी महिला हो!…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on January 4, 2016 at 6:30pm — 16 Comments
"निर्मला, कुछ सुना तूने,दौनों देशों में समझौता हुआ है! छब्बीस जनवरी को सारे कैदियों की अदला बदली होगी!तेरा भाई छुट्टन भी वापस आ जायेगा"!
"ताई सुना तो है,पर जब तक छोटू को सामने नहीं देख लेती, मुझे किसी पर भरोसा नहीं "!
"निम्मो,मुझे सब पता है! तुझे क्या क्या पापड बेलने पडे ! छुट्टू तो बेचारा सात साल की उम्र में इनके चुंगुल में फ़ंस गयाथा ! दोस्तों के उकसावे में अपनी गैंद लाने सरहद पार चला गया था "!
"ताई, छुट्टू के साथ साथ फ़ंसा तो हमारा पूरा परिवार ही था, इन ज़ालिमों की…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on January 3, 2016 at 4:00pm — 13 Comments
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