तेरी सूरत का नज़ारा ढूँढ़ता है दिल मेरा ।
बस धड़कने का सहारा ढूँढ़ता है दिल मेरा ।
बेवफाई कि खिजां में खो गया था जो कभी ,
प्यार का मौसम दुबारा ढूँढ़ता है दिल मेरा ।
जिनकी कातिल सी अदा पर मर मिटा था ये कभी ,
उन निगाहों का इशारा ढूँढ़ता है दिल मेरा ।
रहनुमाँ उस आसमाँ से मांगने को एक दुआ ,
आज फिर टूटा सितारा ढूँढ़ता है दिल मेरा ।
भूलकर दुनिया के सारे आशियाँ और मकाँ ,
तेरे आँचल में गुज़ारा ढूँढ़ता है दिल मेरा…
ContinueAdded by Neeraj Nishchal on December 30, 2013 at 2:30pm — 18 Comments
प्रेम करो प्रकृति द्वारा
सृजित जीवन से
तो ही जान सकोगे
जीवन के गर्भ में
छुपे अनगिनत रहस्यों को
प्रेम से खुलेंगे
जीवन के वो द्वार
जिनके लिए जन्मों जन्मों
से भटकते रहे तुम
जिनसे अब तक
अन्जान रहे तुम
प्रेम से होगी यह प्रकृति
तुम्हे समर्पित
खोल कर रख देगी
सारे राज तुम्हारे सामने
जैसे गिरा देती है प्रेयसी
परदे अपने प्रेमी के सामने ।
मौलिक व अप्रकाशित
नीरज 'प्रेम '
Added by Neeraj Nishchal on December 8, 2013 at 12:51pm — 19 Comments
कैसे सुनाएँ दास्ताँ तरसी निगाह की ।
दौरे ग़मों में किस तरह हमने पनाह की ।
दर्दे सितम प्यार में मिलते रहे हमे ,
चुपचाप सह गए कभी हमने न आह की ।
बीती फकत जो ज़िन्दगी हमने किया नही ,
हमें सजा भी मिल गयी ऐसे गुनाह की ।
एक एक करके हसरतें दम तोड़ती गयीं ,
हमको मिला वही कभी जिसकी न चाह की ।
तूफाँ कभी न आया शायद मेरी डगर ,
उसकी डगर में ज़िन्दगी हमने तबाह की ।
हाले बयान ये जो महफ़िल में कर…
ContinueAdded by Neeraj Nishchal on December 6, 2013 at 2:30pm — 17 Comments
कन्हैया यूँ न मुस्काओ दीवाना होश खो देगा ।
कि खुद डूबेगा मस्ती में वो तुमको भी डुबो देगा ।
दीवाने को नही मालुम तेरी मुस्कान का जादू ।
जो देखेगा छटा मुख की तो हो जाये न बेकाबू ।
फिर तो होके वो पागल तुम्हारे पीछे दौड़ेगा ।
कन्हैया यूँ न मुस्काओ दीवाना होश खो देगा ।
ये करुणा से भरी आँखें पिलाती प्रेम का प्याला ।
के उस पर माधुरी तेरी घोल दे कौन सी हाला ।
गिरेगा लड़खड़ाकर जब तुम्हें बदनाम कर देगा ।
कन्हैया यूँ…
Added by Neeraj Nishchal on December 4, 2013 at 6:26am — 18 Comments
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