For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

PHOOL SINGH's Blog – February 2023 Archive (5)

सब खैरियत

कहाँ रहते वो कैसे रहते

उनसे न होती अपनी बात

वैर भाव की बात नही ये, अब उनसे न कोई दुआ-सलाम।।

 

खैरियत भी वो नहीं पूछते

क्या प्रेमभाव की करूँ मैं बात

अच्छे-खासे रिश्ते उनसे, न जानें क्यूँ वो रहते नाराज।।

 

हसी-मजाक, टिटौली चलती

हमारी कौन सी लगी उन्हें बुरी बात

कल तक थे जो अपनों से बढ़कर, है आज उसने दूरी खास।।

 

आना-जाना लगा रहता था

मिलजुल कर पहले रहते…

Continue

Added by PHOOL SINGH on February 21, 2023 at 9:38am — 4 Comments

14 फरवरी

प्यार-शहादत का दिन ये

क्यूं जज़्बात से किसी के खेले

एक ओर है पुलवामा की घटना

उधर, ले प्रेमियों के दिल हिचकोले।।

कितनों के सुहाग उजड़ गए

दुनियाँ, कितनों के लाल थे छोड़े

भाई बिन कितनी बहनें रोती

कितने, पिता की याद में रोते।।

कोई खुश है प्रेम को पाकर

कोई इंतजार में इत-उत डोले

रात-दिन है कोई जागता

कुछ प्रेमी की याद में रोते।।

बड़ा है दिन ये दोनों का ही

क्यूं अहमियत न इसकी समझें

श्रृद्धा-सुमन तू…

Continue

Added by PHOOL SINGH on February 14, 2023 at 9:30am — No Comments

शांति दूत श्री कृष्ण

अज्ञातवास जब समाप्त हुआ

पांडवों में साहस भरा

कनक सदृश तप कर आए

उनमें प्रखर उत्साह का तेज बड़ा।।

कायर दहलता विपत्ति में अक्सर

शूरमा विचलित न कभी हुआ

गले लगाकर हर दुःख-विध्न को

धीरज से उसका तेज हरा।।

कांटो भरी राह पर चलकर

उफ्फ तक न वो कभी किया

धूल के गहने पहन चरण में

साहस के सहारे बढ़ता गया।।

उद्योग निरत नित करता रहता

उसने सब सुख-सुविधाओ का त्याग किया

शूलों के सदा समूल विनाश को

राह स्वयं के विकास की…

Continue

Added by PHOOL SINGH on February 12, 2023 at 8:29am — 2 Comments

भगवान परशुराम और कर्ण

हवन की अग्नि बुझ चुकी थी

शिक्षा प्राप्ति की आई बात

गुरू द्रोण ने जब इंकार किया तो

भगवान परशुराम की आई याद।।

नीड़ो में था कोलाहल जारी

फूलों से महका उपवन

ज्ञान की जिज्ञासा थी मन में भड़की

निकला खोज में जिसकी कर्ण।।

द्वार तृण-कुटी पर परशु भारी

आभाशाली-भीषण जो भारी भरकम

धनुष-बाण एक ओर टंगे थे

पालाश, कमंडलू, अर्ध अंशुमाली एक पड़ा लौह-दंड।।

अचरज की थी बात निराली

तपोवन में किसनें वीरता पाली

धनुष-कुठार…

Continue

Added by PHOOL SINGH on February 11, 2023 at 7:21am — No Comments

अंगराज कर्ण

सूर्य कहलाएं पिता थे जिसके

माता सती कुमारी

जननी का क्षीर चखा न जिसने

वो वीर अद्भुत धनुर्धारी।।

 

निज समाधि में निरत रहा जो

स्वयं विकास किया था भारी

पालना बनी थी आब की धारा

बिछौना बनी पिटारी।।

 

ज्ञानी-ध्यानी, प्रतापी-तपस्वी

जिसका पौरुष था अभिमानी

कोलाहल से दूर नगर के

जो सम्यक अभ्यास का था पुजारी।।

 

नतमस्त्क करता प्रतिबल को

लगाता घात विजय की खूब दिखा

प्रचंडतम धूमकेतु-सा…

Continue

Added by PHOOL SINGH on February 10, 2023 at 11:00am — No Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. सौरभ सर,होठों को शहद, रस, जाम आदि तो कई बार देखा सुना था लेकिन पहली बार होंठ पे गमले देखने का…"
13 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आभार आ. शिज्जू भाई..मंच पर इसी तरह की चर्चा ही उर्जा भर्ती है आभार "
13 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. सौरभ सर,आपने मुझे मज़ाक मज़ाक में अब्दुल रज़ाक कर दिया 🤣😂🤣😂🤣😂"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on दिनेश कुमार's blog post ग़ज़ल दिनेश कुमार -- अंधेरा चार सू फैला दमे-सहर कैसा
"बहुत खूब, आदरणीय दिनेश कुमार जी. वाह वाह  इस अच्छे प्रयास पर हार्दिक बधाई स्वीकार…"
13 hours ago
Sushil is now a member of Open Books Online
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"क्या खूब कहा आदरणीय निलेश भाई सादर बधाई,   “जो गुज़रेगा इस रचना से ‘नक्की’…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"हा हा हा.. कमाल-कमाल कर जवाब दिये हैं आप, आदरणीय नीलेश भाई.  //व्यावहारिक रूप में तो चाँद…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तमन्नाओं को फिर रोका गया है
"धन्यवाद आ. रवि जी ..बस दो -ढाई साल का विलम्ब रहा आप की टिप्पणी तक आने में .क्षमा सहित..आभार "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"आ. अजय जी इस बहर में लय में अटकाव (चाहे वो शब्दों के संयोजन के कारण हो) खल जाता है.जब टूट चुका…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. सौरभ सर .ग़ज़ल तक आने और उत्साहवर्धन करने का आभार ...//जैसे, समुन्दर को लेकर छोटी-मोटी जगह…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।  अब हम पर तो पोस्ट…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. भाई शिज्जू 'शकूर' जी, सादर अभिवादन। खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service