Added by Naveen Mani Tripathi on April 30, 2017 at 8:03am — 3 Comments
2212-1212-2212-12
थोड़ी तसल्लियों में मेरा इंतजार हो ।
माना कि आज तुम जियादा बेकरार हो ।
वह मैकदों के पास से गुजरा नहीं कभी ।
गर चाहते हो रिन्द को तो इश्तिहार हो ।।
निकला है आज चाँद शायद मुद्दतों के बाद ।
अब वस्ल पर वो फैसला भी आरपार हो ।।
आया शिकार पर न् वो खुद ही शिकार हो ।
इतना खुदा करे उसे बेगम से प्यार हो ।।
लिख्खा दरख़्त पर किसी पगली ने कोई नाम ।
शायद गरीब दिल की कोई यादगार हो।।
हालात हैं खराब क्यों…
Added by Naveen Mani Tripathi on April 30, 2017 at 7:30am — 4 Comments
2122 1212 22
उसके चेहरे पे कुछ लिखा होगा ।
पढ़ने वालों ने पढ़ लिया होगा ।।
यूँ…
Added by Naveen Mani Tripathi on April 21, 2017 at 10:00am — 8 Comments
Added by Naveen Mani Tripathi on April 15, 2017 at 11:56pm — 5 Comments
Added by Naveen Mani Tripathi on April 15, 2017 at 1:00pm — 8 Comments
Added by Naveen Mani Tripathi on April 13, 2017 at 10:13pm — 11 Comments
2122 2122 212
मैकदों के पास आकर देखिये ।
तिश्नगी थोड़ी बढ़ाकर देखिये ।।
वह नई उल्फ़त या नागन है कोई ।
गौर से चिलमन हटाकर देखिये ।।
सर फरोसी की तमन्ना है अगर ।
बेवफा से दिल लगाकर देखिये ।।
आपकी जुल्फें सवंर जायेगी खुद ।
आशिकों के पास जाकर देखिये ।।
आस्तीनों में सपोले हैं छुपे ।
हाथ दुश्मन से मिलाकर देखिये ।।
जल न् जाऊँ मैं कहीं फिर इश्क़ में ।
इस तरह मत मुस्कुराकर देखिये ।।
होश खोने का…
Added by Naveen Mani Tripathi on April 10, 2017 at 5:30pm — 9 Comments
Added by Naveen Mani Tripathi on April 6, 2017 at 11:14pm — 5 Comments
22 22 22 22 22 2
रंग बदलते रुख़सारों से क्या लेना ।
रोज मुकरते किरदारों से क्या लेना ।।
गंगा को मैली करती हैं सरकारें ।
उनको जग के उद्धारोँ से क्या लेना ।।
खूब कफ़स का जीवन जिसको भाया है ।
उस पंछी को अधिकारों से क्या लेना ।।
जंतर मंतर पर बैठा वह अनसन में ।
राजा को अब लाचारों से क्या लेना ।।
टूट चुका है उसका अंतर मन जब से ।
जग में दिखते मनुहारों से क्या लेना ।।
फुटपाथों पर जिस्म बिक रहा खबरों में…
Added by Naveen Mani Tripathi on April 1, 2017 at 10:30pm — 5 Comments
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