1222 1222 122
बड़ी मुद्दत से टाला जा रहा है ।
किसी का जुल्म पाला जा रहा है ।। 1
मुझे मालूम है वह बेख़ता थी ।
किया बेशक हलाला जा रहा है ।।2
लगीं हैं बोलियां फिर जिस्म पर क्यूँ ।
यहाँ सिक्का उछाला जा रहा है ।।3
कहीं मैं खो न जाऊं तीरगी में ।
मेरे घर से उजाला जा रहा है ।।4…
Added by Naveen Mani Tripathi on April 29, 2018 at 4:30pm — 7 Comments
221 2121 1221 212
बेबस पे और जुल्म न ढाने की बात कर।
गर हो सके तो होश में आने की बात कर ।।
.
क्या ढूढ़ता है अब तलक उजड़े दयार में ।
बेघर हुए हैं लोग बसाने की बात कर ।।
.
खुदगर्ज हो गया है यहां आदमी बहुत ।
दिल से कभी तो हाथ मिलाने की बात कर ।।
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मुश्किल से दिल मिले हैं बड़ी मिन्नतों के बाद ।
जब हो गया है प्यार निभाने की बात कर…
Added by Naveen Mani Tripathi on April 28, 2018 at 9:00am — 5 Comments
2122-1122-1122-22
टूटकर ख्वाब ज़माने में बिखर जाते हैं ।
आज़माने में बहुत लोग मुकर जाते है ।।
वो जलाता ही रहा हमको बड़ी शिद्दत से ।
हम तो सोने की तरह और निखर जाते हैं ।।
हुस्न वालों के गुनाहों पे न पर्दा डालो ।
क्यूँ भले लोग यहां इश्क से डर जाते हैं ।।
मुन्तजिर दिल है यहां एक शिकायत लेकर ।
आप चुप चाप गली से जो गुज़र जाते हैं ।।
कुछ उड़ानों की तमन्ना को लिए था जिन्दा ।
क्या हुआ…
Added by Naveen Mani Tripathi on April 16, 2018 at 1:33pm — 18 Comments
11212 11212 11212 11212
तेरी रहमतों पे सवाल था तुझे याद हो के न याद हो ।
मुझे हो गया था मुगालता तुझे याद के न याद हो ।।1
तेरे इश्क़ में जो करार था तुझे याद हो के न याद हो ।
जो मिला था मुझको वो फ़लसफ़ा तुझे याद हो के न याद हो ।।2
वो गुरुर था तेरे हुस्न का जो नज़र से तेरी छलक गया ।
मेरे रास्ते का वो फ़ासला तुझे याद हो के न याद हो ।।3
वहां दफ़्न है तेरी याद सुन ,वो शजर भी कब से गवाह है ।
है मेरी वफ़ा का वो मकबरा तुझे याद हो…
Added by Naveen Mani Tripathi on April 14, 2018 at 2:50pm — 9 Comments
2122 1212 22
जाम छलका है पास आ जाओ ।
ले के खाली गिलास आ जाओ ।।
जिंदगी फिर बुला रही है तुझे ।
लब पे आई है प्यास आ जाओ ।।
हिज्र के बाद चैन मिलता कब ।
मन अगर है उदास आ जाओ ।।
तीरगी बेहिसाब कायम है ।
चाहिए अब उजास आ जाओ ।।
कोई बैठा है मुन्तजिर होकर ।
मत लगाओ कयास आ जाओ ।।
आ रहे हैं तमाम भौरे अब ।
गंध में है मिठास आ जाओ…
ContinueAdded by Naveen Mani Tripathi on April 11, 2018 at 10:03pm — 7 Comments
221 2121 1221 212
जिस दिन वो मुझसे प्यार का इजहार कर दिया ।
इस जिंदगी को और भी दुस्वार कर दिया ।।
चिंगारियों से खेलने पे कुछ सबक मिला ।
घर को जला के मैंने भी अंगार कर दिया ।।
उठने लगीं हैं उंगलियां उस पर हजार बार ।
मुझको वो जब से हुस्न का हकदार कर दिया ।।
शायद पड़ी दरार है रिश्तों की नींव में ।
किसने दिलों के बीच मे दीवार कर दिया ।।
मांगा था मैंने एक तबस्सुम भरी नज़र…
ContinueAdded by Naveen Mani Tripathi on April 11, 2018 at 12:05am — 13 Comments
221 2121 1221 212
अन्याय के विरोध में जाने से डर लगा ।।
भारत का संविधान बताने से डर लगा ।।
यूँ ही बिखर न जाये कहीं मुल्क आपका ।
कोटे पे आज बात चलाने से डर लगा ।।
घोला है ज़ह्र अपने गुलशन में इस तरह ।
अब जिंदगी को और बचाने से डर लगा ।।
फर्जी रपट लिखा के वो अंदर करा गया ।
मैं बे गुनाह था ये बताने से डर लगा ।।
शोषित हुआ सवर्ण करे भी तो क्या करे ।
उसको तो अपना ज़ख्म दिखाने से डर लगा…
ContinueAdded by Naveen Mani Tripathi on April 7, 2018 at 1:04am — 8 Comments
212 212 212 212
रूह से मेरे अब तक जुदा तू नहीं ।
बात सच है सनम बेवफा तू नहीं ।।1
कर रहा एक मुद्दत से सज़दा तेरा ।
कह दिया किसने तुझको खुदा तू नहीं ।।2
जिंदगी से मेरे जा रहा है कहाँ ।
इस तरह अब नजर से गिरा तू नहीं ।।3
मेरे कूचे से निकला न कर बेसबब ।
दिल हमारा अभी से जला तू नहीं ।।4
वार कर मत निगाहों से मुझ पर अभी ।
सब्र मेरा यहाँ आजमा तू नहीं ।।5
लोग अनजान हैं कत्ल के…
ContinueAdded by Naveen Mani Tripathi on April 2, 2018 at 6:57pm — 9 Comments
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