क्षण-प्रतिक्षण,जिंदगी सीखने का नाम
सबक जरूरी नहीं,गुरु ही सिखाए
जिससे शिक्षा मिले वही गुरु कहलाये
जीवंत पर्यन्त गुरुओं से रहता सरोकार
हमेशा करना चाहिए जिनका आदर-सत्कार
प्रथम पाठशाला की गुरु माँ बनी …
ContinueAdded by babitagupta on July 27, 2018 at 1:00pm — 2 Comments
बहुत देख ली आडंबरी दुनिया के झरोखों से
बहुत उकेर लिए मुझे कहानी क़िस्सागोई में
लद गए वो दिन, कैद थी परम्पराओं के पिंजरे में
भटकती थी अपने आपको तलाशने में
उलझती थी, अपने सवालों के जबाव ढूँढने में
तमन्ना थी बंद मुट्ठी के सपनों को पूरा करने की
उतावली,आतुर हकीकत की दुनिया जीने की
दासता की जंजीरों को तोड़
,लालायित हूँ मुक्त आकाश में उड़ने को
लेकिन अब उठ गए इन्क्लाबी कदम
बेखौफ हूँ,कोइ…
ContinueAdded by babitagupta on July 26, 2018 at 6:00pm — 4 Comments
काव्य मंचों के अपरिहार्य ,नैसर्गिक प्रतिभा के धनी,प्रख्यात गीतकार ,पद्मभूषण से सम्मानित,जीवन दर्शन के रचनाकार,साहित्य की लम्बी यात्रा के पथिक रहे,नीरज जी का जन्म उत्तर प्रदेश के जिला इटावा के पुरावली गांव में श्री ब्रज किशोर सक्सेना जी के घर ४ जनवरी,१९२५ को हुआ था.गरीब परिवार में जन्मे नीरज जी की जिंदगी का संघर्ष उनके गीतों में झलकता हैं.युग के महान कवि नीरज जी को राष्ट्र कवि दिनकर जी 'हिंदी की वीणा' कहते थे. मुनब्बर राना जी कहते हैं-हिंदी और उर्दू के बीच एक पल की तरह काम करने वाले नीरज जी…
ContinueAdded by babitagupta on July 22, 2018 at 9:20pm — 7 Comments
तड़के सुबह से ही रिश्तेदारों का आगमन हो रहा था.आज निशा की माँ कमला की पुण्यतिथि थी. फैक्ट्री के मुख्यद्वार से लेकर अंदर तक सजावट की गई थी.कुछ समय पश्चात मूर्ति का कमला के पति,महेश के हाथो अनावरण किया गया.
कमला की मूर्ति को सोने के जेवरों से सजाया गया था.एकत्र हुए रिश्तेदार समाज के लोग मूर्ति देख विस्मय से तारीफ़ महेश से किये जा रहे थे. …
ContinueAdded by babitagupta on July 10, 2018 at 8:00pm — 7 Comments
हँसमुखी चेहरे पर ये कोलगेट की मुस्कान,
बिखरी रहे ये हँसी,दमकता रहे हमेशा चेहरा,
दामन तेरा खुशियों से भरा रहे,
सपनों की दुनियां आबाद बनी रहे,
हँसती हुई आँखें कभी नम न पड़े,
कालजयी जमाना कभी आँख मिचौली न खेले,…
ContinueAdded by babitagupta on July 8, 2018 at 5:00pm — 9 Comments
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