फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फेलुन/फ़इलुन
इसलिये आने से कतराते हैं ईमाँ वाले
तेरे कूचे में उधम करते हैं शैताँ वाले
.
ये किसी ख़तरे की आमद का इशारा तो नहीं
ख़्वाब क्यों मुझको दिखाता है वो तूफ़ाँ वाले
.
और सब कुछ यहाँ तब्दील हुआ है लेकिन
घर में दस्तूर हैं अब तक वही अम्माँ वाले
.
बाग़बाँ ने वो सितम तोड़े हैं इनपर देखो
कितने सहमे हुए रहते हैं गुलिस्ताँ वाले
.
रह्म करना किसी बिस्मिल पे गवारा ही…
ContinueAdded by Samar kabeer on April 6, 2018 at 3:00pm — 27 Comments
फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
मेरी सारी वफ़ा ओबीओ के लिये
काम करता सदा ओबीओ के लिये
दिल यही चाहता है मेरा दोस्तो
जान करदूँ फ़िदा ओबीओ के लिये
आठ क्या,आठ सो साल क़ाइम रहे
है यही इक दुआ ओबीओ के लिये
मेरे दिल में कई साल से दोस्तो
जल रहा इक दिया ओबीओ के लिये…
Added by Samar kabeer on April 2, 2018 at 3:00pm — 40 Comments
फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फेलुन
लोग हैरान थे,रिश्ता सर-ए-महफ़िल बाँधा
उसने जब अपनी रग-ए-जाँ से मेरा दिल बाँधा
हर क़दम राह मलाइक ने दिखाई मुझ को
मैंने जब अज़्म-ए-सफ़र जानिब-ए-मंज़िल बाँधा
जितने हमदर्द थे रोने लगे सुनकर देखो
अपने अशआर में जब मैंने ग़म-ए-दिल बाँधा
जल गये जितने सितारे थे फ़लक पर यारो
अपनी ज़ुल्फ़ों में जब उसने मह-ए-कामिल बाँधा
शुक्र तेरा करें किस मुंह से…
ContinueAdded by Samar kabeer on March 27, 2018 at 12:31pm — 35 Comments
मफ़ऊल मफ़ाईल मफ़ाईल फ़ऊलुम
सोई हुई ख़्वाहिश को जगाना ही नहीं था
ख़्वाबों में मेरे आपको आना ही नहीं था
बाग़ी है अगर तुझ से तो अब कैसी शिकायत
औलाद का हक़ तुझको दबाना ही नहीं था
वो होके पशेमान यही बोल रहे हैं
मासूम पे इल्ज़ाम लगाना ही नहीं था
सब,झूट यही कह के यहाँ बोल रहे थे
सच बोलने वालों का ज़माना ही नहीं था
बहरों की ये बस्ती है "समर" जान गये थे
फिर तुमको यहाँ शोर…
ContinueAdded by Samar kabeer on March 19, 2018 at 2:00pm — 37 Comments
मफ़ऊल फ़ाइलात मफ़ाईल फ़ाइलुन
(हुस्न-ए-मतला और उसके बाद का शे'र क़ित'अ बन्द हैं)
जब इम्तिहान-ए-शौक़-ए- शहादत रखा गया
इनआम उसका दोस्तो जन्नत रखा गया
पहले तो इसमें नूर-ए-सदाक़त रखा गया
फिर इसके बाद जज़्ब-ए- उल्फ़त रखा गया
तकलीफ़ दूसरों की समझ पाएँ इसलिये
दिल में हमारे दर्द-ए-महब्बत रखा गया
कोई भी शय फ़ुज़ूल नहीं इस जहान में
हर एक शय को हस्ब-ए-ज़रूरत रखा गया
लेता नहीं है रोज़ वो आमाल…
ContinueAdded by Samar kabeer on February 25, 2018 at 2:32pm — 22 Comments
मफ़ऊल फ़ाइलातुन मफ़ऊल फ़ाइलातुन
ख़ुशियों का इस जहाँ में फ़ुक़दान हो न जाये
ग़म अपनी ज़िन्दगी का उन्वान हो न जाये
नफ़रत का आज कंकर जो तेरी आँख में है
इक रोज़ बढ़ते बढ़ते चट्टान हो न जाये
मज़लूम की कहानी सुनकर तू हँस रहा है
तेरा भी हाल ऐसा नादान हो न जाये
सारे अदू लगे हैं,यारो इसी जतन में
पूरा हमारे दिल का अरमान हो न जाये
दोनों तरफ़ की फ़ौजें होने लगीं…
ContinueAdded by Samar kabeer on February 20, 2018 at 5:55pm — 17 Comments
फाइलातून फ़ाइलातुन फाइलुन
दुश्मन-ए-जाँ लरज़ह बर अंदाम है
जब तलक ज़िन्दा हमारा नाम है
सोचने की क़ुव्वतें मफ़लूज हैं
मुल्क में सबको हुआ सरसाम है
चूस लेती है बदन का ये लहू
शाइरी भी कितनी ख़ूँँ आशाम है
उसको छूने से भी मुझको डर लगे
इस क़दर नाज़ुक वो गुल अंदाम है
ये तो दीवानों की बस्ती है "समर"
तुम यहां क्यों आ गए क्या काम…
ContinueAdded by Samar kabeer on December 28, 2017 at 11:12am — 27 Comments
Added by Samar kabeer on November 12, 2017 at 3:06pm — 29 Comments
Added by Samar kabeer on November 1, 2017 at 11:44am — 61 Comments
Added by Samar kabeer on October 22, 2017 at 10:56am — 45 Comments
Added by Samar kabeer on August 2, 2017 at 3:00pm — 27 Comments
Added by Samar kabeer on July 24, 2017 at 12:00am — 25 Comments
Added by Samar kabeer on July 18, 2017 at 11:03am — 24 Comments
मफ़ाइलुन फ़इलातुन मफ़ाइलुन फ़ेलुन/फ़इलुन
१२१२ ११२२ १२१२ २२/११२
ख़ुलूस-ओ-प्यार की उनसे उमीद कैसे हो
जो चाहते हैं कि नफ़रत शदीद कैसे हो
छुपा रखे हैं कई राज़ तुमने सीने में
तुम्हारे क़ल्ब की हासिल कलीद् कैसे हो
बुझे बुझे से दरीचे हैं ख़ुश्क आँखों के
शराब इश्क़ की इनसे कशीद् कैसे हो
हमेशा घेर कर कुछ लोग बैठे रहते हैं
अदब पे आपसे गुफ़्त-ओ-शुनीद कैसे हो
इसी जतन में लगे हैं हज़ारहा शाइर
अदब की मुल्क में मिट्टी पलीद कैसे…
Added by Samar kabeer on July 13, 2017 at 11:30am — 57 Comments
Added by Samar kabeer on July 10, 2017 at 12:31am — 26 Comments
Added by Samar kabeer on July 4, 2017 at 12:07am — 39 Comments
Added by Samar kabeer on May 20, 2017 at 12:08am — 25 Comments
Added by Samar kabeer on May 9, 2017 at 11:30pm — 26 Comments
Added by Samar kabeer on May 5, 2017 at 12:00am — 36 Comments
Added by Samar kabeer on April 20, 2017 at 12:04am — 31 Comments
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