97 members
121 members
91 members
74 members
119 members
एक महान राजा के राज्य में एक भिखारीनुमा आदमी सड़क पर मरा पाया गया। बात राजा तक पहुंची तो उसने इस घटना को बहुत गम्भीर मानते हुए पूरी जांच कराए जाने का हुक्म दिया।
सबसे बड़े मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई जिसने गहन जांच कर अपनी रिपोर्ट पेश की। राजा ने उस लंबी-चौड़ी रिपोर्ट को देखा और आंखें छोटी कर संजीदा स्वर में कहा, "एक लाइन में बताओ कि वह क्यों मरा?"
सबसे बड़े मंत्री ने अत्यंत विनम्र शब्दों में उत्तर दिया, "हुज़ूर, क्योंकि वह भूखा था।"
सुनते ही राजा की आंखें चौड़ी…
ContinuePosted on June 22, 2020 at 12:30pm — 5 Comments
जिस रास्ते जाना नहीं
हर राही से उस रास्ते के बारे में पूछता जाता हूँ।
मैं अपनी अहमियत ऐसे ही बढ़ाता हूँ।
जिस घर का स्थापत्य पसंद नहीं
उस घर के दरवाज़े की घंटी बजाता हूँ।
मैं अपनी अहमियत ऐसे ही बढ़ाता हूँ।
कभी जो मैं करता हूं वह बेहतरीन है
वही कोई और करे - मूर्ख है - कह देता हूँ।
मैं अपनी अहमियत ऐसे ही बढ़ाता हूँ।
मुझे गर्व है अपने पर और अपने ही साथियों पर
कोई और हो उसे तो नीचा ही दिखाता…
ContinuePosted on February 25, 2020 at 12:40pm — 2 Comments
कुछ ख्वाबों के बीज लाकर
मैंने दिल के गमले में बोये थे।
पसीने का पानी पिलाकर
पौधे भी उगा दिये।
वो बात और है कि
गमले की मिट्टी मेरे दिल में भर गई।
और दिल भर देख भी नहीं…
ContinuePosted on February 13, 2020 at 1:38pm — 6 Comments
"मैं केक नहीं काटूँगी।" उसने यह शब्द कहे तो थे सहज अंदाज में, लेकिन सुनते ही पूरे घर में झिलमिलाती रोशनी ज्यों गतिहीन सी हो गयी। उसका अठारहवाँ जन्मदिन मना रहे परिवारजनों, दोस्तों, आस-पड़ौसियों और नाते-रिश्तेदारों की आँखें अंगदी पैर की तरह ताज्जुब से उसके चेहरे पर स्थित हो गयीं थी।
वह सहज स्वर में ही आगे बोली, "अब मैं बड़ी हो गयी हूँ, इसलिए सॉलिड वर्ड्स में यह कह सकती हूँ कि अब से यह केक मैं नहीं मेरी मॉम काटेगी।" कहते हुए उसके होठों पर मुस्कुराहट तैर गयी।
वहाँ खड़े अन्य सभी के…
ContinuePosted on July 8, 2019 at 1:00pm — 3 Comments
आदाब।
आपकी अद्वितीय लघुकथा ''सत्यव्रत" भी मंच पर "फ़ीचर" किये जाने पर तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब डॉ. चन्द्रेश कुमार छतलानी साहिब।
आपका स्वागत है मित्र
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
Switch to the Mobile Optimized View
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |