भीनी भीनी मीठी मीठी
मधुर सुगन्ध लिए
साहित्य विहार में बहार देवनागरी
बिखरी अनेकता को
एकता में जोड़ती है
तार तार से जुड़ी सितार देवनागरी
नेताजी,पटेल,लाला
लाजपत राय जैसे
क्रान्तिकारियों की तलवार देवनागरी
तुलसी,कबीर,सूर,
रहीम,बिहारी,मीरा,
रसखान से फूलों का हार देवनागरी
Added by Albela Khatri on June 26, 2012 at 11:00pm — 12 Comments
कितनी महंगी रेल हो गई बाबाजी
पैसेन्जर भी मेल हो गई बाबाजी
आदर्शों को फांसी दे दी दिल्ली ने
नैतिकता को जेल हो गई बाबाजी
सुख के बादल बिखर गये हैं बिन बरसे
दुःख की धक्कमपेल हो गई बाबाजी
नकल हो रही पास आज विद्यालय में
और पढ़ाई फेल हो गई बाबाजी
आई पी एल की हाट में हमने देखा है
खिलाड़ियों की सेल हो गई बाबाजी
खादी वाले खड़े - खड़े खा जाते हैं
भोली जनता भेल हो गई बाबाजी
लोकराज ने लज्जा का…
Added by Albela Khatri on June 25, 2012 at 5:00pm — 41 Comments
हांग कांग की छटा है प्यारी बाबाजी
पर भारत की बात ही न्यारी बाबाजी
प्यार मिला, सम्मान मिला इस महफ़िल में
ओ बी ओ पर मैं बलिहारी बाबाजी
रूपया रोक न पाया ख़ुद को गिरने से
डॉलर ने वो बाज़ी मारी बाबाजी
ममता,ललिता,सुषमा तीनों गायब हैं
तन्हा रह गये अटल बिहारी बाबाजी
कौन बनेगा सदर हमारे भारत का
ये भी संकट है इक भारी बाबाजी
चाट पकौड़ी खाओ, किरपा आएगी
कहते बाबा लीलाधारी बाबाजी
'अलबेला' की इस…
Added by Albela Khatri on June 25, 2012 at 10:00am — 33 Comments
प्यारे मित्रो हमारे लाड़ले बाबाजी आज चार दिन की विदेश यात्रा पर जा रहे हैं इसलिए अगली मुलाक़ात 25 जून को ही होगी, परन्तु जाते जाते भी बाबाजी से रहा नहीं गया . ये आपके समक्ष अपनी नई रचना परोसने के लिए मरे जा रहे हैं . इसलिए ओ बी ओ के मंच पर प्रस्तुत है यह नूतन तुकबंदी :
बड़े…
Added by Albela Khatri on June 21, 2012 at 8:12am — 15 Comments
बांहें दी पसार मैंने,
कर दी पुकार मैंने,
आओ आओ आओ मेरे गले लग जाइए
दामिनी सी चंचल मैं,
फूल जैसी कोमल मैं,
मेरी ओजस्वी आँखों से आँख तो मिलाइए
आज किलकारी हूँ मैं,
कल फुलवारी हूँ मैं,
भारत की नारी हूँ मैं, मेरे पास आइये
वंश को बढ़ाना हो तो,
देश को बचाना हो तो,
भ्रूणहत्या रोक कर, बेटी को बचाइये
___जय हिन्द !
Added by Albela Khatri on June 19, 2012 at 8:30pm — 12 Comments
इस दुनिया में कौन सुखी है बाबाजी
जिसको देखो, वही दु:खी है बाबाजी
तुम तो केवल चखना लेकर आ जाओ
बोतल हमने खोल रखी है बाबाजी
इसकी चन्द्रमुखी है, उसकी सूर्यमुखी
मेरी ही क्यों ज्वालमुखी है बाबाजी
रिश्वत की मदिरा फिर उससे न छूटी
जिसने भी इक बार चखी है बाबाजी
बाप से बढ़ कर कौन सखा हो सकता है
माँ से बढ़ कर कौन सखी है बाबाजी
काम अपना जी जान से करने वालों ने
अपनी किस्मत आप लिखी है बाबाजी
पथ के…
Added by Albela Khatri on June 16, 2012 at 5:00pm — 15 Comments
तुम भी खाओ, हम भी खायें बाबाजी
आओ, मिल कर देश चबायें बाबाजी
राजनीति में किसी तरह घुस जाएँ तो
जीवन भर आनन्द मनायें बाबाजी
चोर - चोर मौसेरे भाई हैं तो फिर…
Added by Albela Khatri on June 15, 2012 at 10:22pm — 18 Comments
बोतल पर क्यों डाट लगादी बाबाजी
मखमल में क्यों टाट लगादी बाबाजी
हमने जिसको जो भी ज़िम्मेदारी…
Added by Albela Khatri on June 14, 2012 at 8:33pm — 18 Comments
करोड़ों दिलों पर राज करने वाले शहंशाह-ए-ग़ज़ल एवं लोक लाड़ले स्वर सम्राट जनाब मेहदी हसन के देहावसान से हमें बहुत दुःख पहुंचा है .
उनकी आत्मिक शान्ति के लिए परम पिता से प्रार्थना करते हुए एक ग़ज़ल के रूप में दिवंगत आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि :
आँख ग़ज़ल…
Added by Albela Khatri on June 14, 2012 at 11:30am — 12 Comments
ओ बी ओ परिवार के समस्त स्वजनों को अलबेला खत्री का विनम्र प्रणाम .
एक शो और एक शूटिंग के चलते मैं तीन दिन सूरत से बाहर रहा . इसलिए यहाँ हाज़िरी नहीं दे पाया . परन्तु अच्छा ये रहा कि महा उत्सव में एक कुंडलिया और एक घनाक्षरी मैंने टी वी पर भी सुनाई तो लोगों ने ख़ूब सराहा . बाबाजी वाली एक ग़ज़ल भी …
Added by Albela Khatri on June 13, 2012 at 7:27pm — 24 Comments
रामदेव से मिल गये अन्ना बाबाजी
राहुल की माँ रह गई भन्ना बाबाजी
काला धन यदि सचमुच वापिस आया तो…
Added by Albela Khatri on June 9, 2012 at 12:00pm — 19 Comments
जिधर देखिये, जल ही जल है बाबाजी
यहाँ सभी की आँख सजल है बाबाजी
लोग जिसे गंगाजल कह कर पीते हैं
वह गंगा का अश्रुजल है …
Added by Albela Khatri on June 8, 2012 at 8:50pm — 16 Comments
कितना झूठा, कितना साचा बाबाजी
हमने सब का चेहरा बांचा बाबाजी
अग्निपथ टू देख के दर्शक चौंक उठे
विजय से ज़्यादा हॉट है कांचा बाबाजी
जुहू तट पर अपनी अपनी आयटम संग…
Added by Albela Khatri on June 7, 2012 at 9:22am — 22 Comments
यह जो शहरीकरण हो रहा बाबाजी
हरियाली का हरण हो रहा बाबाजी
चीलें, कौए, चिड़ियाँ, तोते, तीतर संग
वनजीवन का…
Added by Albela Khatri on June 6, 2012 at 12:00pm — 20 Comments
तेज़ हवा और एक ही तीली बाबाजी
फिर भी हमने बीड़ी पी ली बाबाजी
घर की सादी छोड़ के बाहर मत ढूंढो
रंग-रंगीली, छैल-छबीली बाबाजी…
Added by Albela Khatri on June 5, 2012 at 8:00pm — 13 Comments
दहशत-वहशत, ख़ूनखराबा बाबाजी
गुंडई ने है अमन को चाबा बाबाजी
काम से ज़्यादा संसद में अब होता है
हल्ला-गुल्ला, शोर-शराबा बाबाजी
मैक्डोनाल्ड में…
Added by Albela Khatri on June 4, 2012 at 11:30pm — 25 Comments
पाने को कुछ सीख, ग़ज़ल की कक्षा में
हम भी हुए शरीक़, ग़ज़ल की कक्षा में
पकड़ ही लेंगे तिलकराजजी चूकों को
बड़ी हों या बारीक, ग़ज़ल की कक्षा में
भूल-भुलैया भूलों की जब देखेंगे
कर देंगे वे ठीक, ग़ज़ल की कक्षा में
ढूंढ रहे थे कहाँ कहाँ हम रहबर को
मिले यहाँ नज़दीक, ग़ज़ल की कक्षा में
"अलबेला" ने त्याग दिया टेढ़ा रस्ता
चलेंगे सीधी लीक, ग़ज़ल की कक्षा में …
Added by Albela Khatri on June 3, 2012 at 8:30pm — 30 Comments
फ़िल्म : सी आई डी
तर्ज़ : सौ साल पहले......
दो साल पहले मैं बेरोज़गार था, बेरोज़गार था,
आज भी हूँ और कल भी रहूँगा
दोस्तों-पड़ोसियों का कल भी कर्ज़दार…
Added by Albela Khatri on June 2, 2012 at 7:30am — 24 Comments
पप्पू ने पूछा पापा,
ये भारत बन्द क्या होता है ?
पापा मुस्कुराया
पप्पू को बताया -
बेटा,
मेरा भारत महान में लोकतान्त्रिक सरकार है
और भारत बन्द हमारा राजनैतिक त्यौहार है
जो विपक्ष द्वारा मनाया…
Added by Albela Khatri on June 1, 2012 at 9:30am — 13 Comments
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