हिंदी सीखे : वार्ताकार - आचार्य श्री संजीव वर्मा "सलिल"
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Latest Activity: Dec 31, 2022
ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के सम्मानित सदस्यों,
सादर अभिवादन,
मुझे यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि आदरणीय आचार्य श्री संजीव वर्मा "सलिल" द्वारा हिंदी विषय पर कक्षा प्रारंभ की जा रही है | आप के द्वारा शीघ्र ही भारतीय शास्त्रीय छन्द पर विशेष आलेख प्रस्तुत किया जायेगा । आप सब से अनुरोध है कि आचार्य श्री संजीव वर्मा "सलिल" जी के अनुभवों से लाभ उठाये,
धन्यवाद |
हिंदी लेखन में बड़े लोग भी शुद्ध-अशुद्ध के विचार में प्रायशः चूक जाते हैं i नये लेखकों के तो लेखन का निकष भी यही होना चाहिए की वे कितना शुद्ध या अशुद्ध लिख रहे है I कम्प्यूटर का मंगल फांट तो अशुद्धियों से भरा है और उसमे बार-बार संशोधन करने के बाद भी…Continue
Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव. Last reply by Sachidanand Singh May 14, 2021.
एक समय था जब हिन्दी साहित्य पर पाश्चात्य साहित्य के प्रभाव को लेकर विद्वानों में बड़ी बहस हुयी I यह माना गया कि हिन्दी में छायावाद अंग्रेजी साहित्य से आया I नए प्रतीक, लाक्षणिकता, बिम्ब, चित्रोपमता आदि प्रभाव इंग्लिश साहित्य की देन…Continue
Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव. Last reply by Dr Ashutosh Mishra Nov 24, 2015.
हिंदी शब्द सागर के अनुसार- व्याकरण में संज्ञा या सर्वनाम की उस व्यवस्था को कारक कहते है, जिसके द्वारा वाक्य में उसका क्रिया के साथ सम्बन्ध प्रकट होता है I यह अंग्रेजी व्याकरण के CASE की भांति है I CASE को अंग्रेजी में निम्न…Continue
Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव. Last reply by kanta roy Jan 27, 2016.
भाषा- मानव-समाज के लिए भाषा बहुत महत्वपूर्ण तत्व है। इसके माध्यम से ही मनुष्य विचारों और भावों का आदान-प्रदान करता है। भाषा संप्रेषण का मुख्य साधन होती है। वैसे तो संप्रेषण संकेतों के माध्यम से भी हो सकता है लेकिन सांकेतिक क्रिया-कलापों को भाषा नहीं…Continue
Started by बृजेश नीरज. Last reply by kanta roy Sep 4, 2015.
संस्कृत है अंगरेजी का मूल :संजीव वर्मा 'सलिल'* भारत में अ-मृत वाणी संस्कृत को मृत, हिंदी को स्थानीय तथा अंगरेजी को विश्व भाष मानने की भ्रामक धारणा व्याप्त है। इसका मूल कारण यह है कि अंगरेजी विदेशी शासकों की भाषा रही है और हिंदी…Continue
Tags: verma, 'salil', sanjiv, bhasha, hindi
Started by sanjiv verma 'salil'. Last reply by kanta roy Sep 4, 2015.
अनुनासिक - अनुस्वार समझ मात्र गिनिये मीत: संजीव 'सलिल', दीप्ति गुप्ता …Continue
Tags: matra, anunasik, anuswar, hindi
Started by sanjiv verma 'salil'. Last reply by kanta roy Sep 4, 2015.
संयुक्त अक्षरों की मात्रा गणना: (आदरणीय संजीव वर्मा 'सलिल' जी से वार्तालाप के आधार पर )•जब दो अक्षर मिलकर संयुक्त अक्षर बनाते हैं तो जिस अक्षर की आधी ध्वनि होती है उसकी गणना पूर्व अक्षर के साथ होती है. यथा: अर्ध = (अ + आधा र) + ध = २ + १ = ३ मार्ग…Continue
Started by Dr.Prachi Singh. Last reply by Dr.Prachi Singh Sep 5, 2015.
विशेष लेखमाला: जगवाणी हिंदी का वैशिष्टय् व्याकरण और छंद विधान - 2 जन-मन को भायी चौपाई छंद पर इस महत्वपूर्ण लेख माला की प्रथम श्रंखला में आपने जाना कि वेद के 6 अंगों 1. छंद, 2. कल्प, 3. ज्योतिऽष , 4. निरुक्त, 5. शिक्षा तथा 6. व्याकरण में छंद का…Continue
Started by sanjiv verma 'salil'. Last reply by Saurabh Pandey Feb 5, 2016.
आत्मीय!वन्दे मातरम. इस विषय पर कुछ सामग्री पहले प्रेषित की थी. उसे संशोधित-परिवर्तित कर पुनः भेज रहा हूँ. कृपया पूर्व सामग्री को निरस्त कर उपयुक्त प्रतीत होने पर इसे प्रयोग करें. लेखमाला: जगवाणी हिंदी का वैशिऽष्टय् छंद और छंद विधान:…Continue
Tags: छंद_विधान
Started by sanjiv verma 'salil'. Last reply by KALPANA BHATT ('रौनक़') Apr 20, 2016.
Comment
बहुत सुन्दर और सराहनीय प्रयास है आप का , हम बच्चों को शुद्ध हिंदी , छंद , रस आदि की जानकारी मिलेगी इससे सुन्दर और क्या होगा ... हिंदी साहित्य के उत्तरोत्तर प्रगति के लिए ये बहुत जरुरी भी है , आचार्य सलिल जी का तथा और विद्वद जनों का सानिध्य और स्नेह भी मिलेगा -जय श्री राधे !
भाई राजीव जी दोनों ही सही शब्द हैं ......
हलकान†वि० [हिं० हलका ( = हिलना, कंपन ?) अ० हलाकत या हैरान] दे० 'हैरान' । उ०—गिरह माँहि धंधा घना, भेस माँहि हलकान । जन दरिया कैसे भजूँ, पूरन ब्रह्म निदान ।—दरिया० बानी, पृ० ४० ।
हलाकान‡वि० [अ० हलाकत या हैरान + ई] परेशान । हैरान । तंग । उ०—क्यों निर्दोषियों के हलाकान करने की ठान ठानते हो ।—प्रेमघन०, भाग २, पृ० ४६७ । क्रि० प्र०—करना ।—ह
मैंने खबरों में कई बार ' हलकान ' और कई बार 'हलाकान' शब्द पढ़ा है. इसका सही शब्द क्या है .....
मातृभाषा हिन्दी को गहराई से सीखने का सुनहरा अवसर मिला है |धन्यवाद
मैं भी उपस्थित हूँ कक्षा में।
ओ बी ओ का एक और महत्वपूर्ण पहल...
निश्चित ही यह मुझ जैसे विद्यार्थी के लिए बहुत लाभप्रद होने जा रहा है...
सादर आभार ओ बी ओ ...
क्या बात हैं, मुझे तो ये बहुत अच्छा लगा । मेरा हिन्दी अच्छा नहीं हैं । अब हमको हिंन्दी सीखने के लिए एक अच्छा मैदान मिलगया । सुक्रियां ।
सभी कितने सौभाग्यशाली हैं..!!.
आभार.
इस कक्षा में आने से हिन्दी की कुछ गहराइयों से परिचय हो सकेगा..हिन्दी सीखने वालों से भी परिचय होगा
बहुत अच्छा प्रयास है.
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