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Saurabh Pandey
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Saurabh Pandey's Discussions

पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
57 Replies

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178 के आयोजन के क्रम में विषय से परे कुछ ऐसे बिन्दुओं को लेकर हुई चर्चा की सूचना मिली है, और इसी क्रम में उक्त चर्चा को आयोजन के पटल पर पढ़ा और देखा भी गया है, जिनका…Continue

Started this discussion. Last reply by Saurabh Pandey May 5.

ओबीओ परिवार के युवा साहित्यकार अरुन अनन्त की दैहिक विदाई
18 Replies

 पहले सींचा नेह से, बाद सौंप दी पीर ।निकली मेरी प्रेम में, दगाबाज तकदीर ।।अरुन अनन्त …Continue

Started this discussion. Last reply by Sushil Sarna Oct 21, 2020.

कविता की विकास यात्रा : नयी कविता, गीत और नवगीत (भाग -२) // --सौरभ
7 Replies

भाग - २=====’दूसरा सप्तक’ की भूमिका लिखते समय अज्ञेय ने कहा है, कि, ’प्रयोग का कोई वाद नहीं है । हम वादी नहीं रहे, न ही हैं, न प्रयोग अपने आप में इष्ट या साध्य है ।’ वे आगे कहते हैं - ’जो लोग प्रयोग…Continue

Started this discussion. Last reply by Saurabh Pandey Sep 6, 2016.

कविता की विकास यात्रा : नयी कविता, गीत और नवगीत (भाग -१) // --सौरभ
8 Replies

मानवीय विकासगाथा में काव्य का प्रादुर्भाव मानव के लगातार सांस्कारिक होते जाने और संप्रेषणीयता के क्रम में गहन से गहनतर तथा लगातार सुगठित होते जाने का परिणाम है । मानवीय संवेदनाओं को सार्थक अभिव्यक्ति…Continue

Started this discussion. Last reply by Kalipad Prasad Mandal Sep 26, 2016.

 

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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जय-जय"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Saurabh Pandey's blog post गजल - जा तुझे इश्क हो // -- सौरभ
"आ. सौरभ सर श्राप है या दुआ जा तुझे इश्क़ हो मुझ को तो हो गया जा तुझे इश्क़ हो..इस ग़ज़ल के लिए विशेष बधाई  "
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Saurabh Pandey's blog post खत तुम्हारे नाम का.. लिफाफा बेपता रहा // सौरभ
"आ. सौरभ सर,मोएन जो दारो की ख़ुदाई से एक प्राचीन सभ्यता के मिले अवशेष अभी देख रहा हूँ..यह ग़ज़ल कैसे चूक गयी नज़रों से ..इस ग़ज़ल के लिए बधाई  रौशनी से लिख रखा है खुश्बुओं में डूब करखत तुम्हारे नाम का.. लिफाफा बेपता रहा !... अब भेज भी दीजिये सर..…"
9 hours ago

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Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post खत तुम्हारे नाम का.. लिफाफा बेपता रहा // सौरभ
"आदरणीय, सहमति के लिए हार्दिक धन्यवाद"
10 hours ago

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Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post शिक्षक दिवस - कुण्डलिया छंद // सौरभ
"आदरणीय श्याम नारायण जी, आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद.  शुभ-शुभ"
12 hours ago

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Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post शिक्षक दिवस - कुण्डलिया छंद // सौरभ
"आदरणीय विजय शंकर जी, आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद जय-जय"
12 hours ago

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Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post शिक्षक दिवस - कुण्डलिया छंद // सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी उपस्थिति और बधाइयों के लिए हार्दिक धन्यवाद.  शुभ-शुभ"
12 hours ago

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Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post शिक्षक दिवस - कुण्डलिया छंद // सौरभ
"आदरणीय सुशील सरना जी,  छंद-रचना आपको भायी यह मेरे लिए भी आश्वस्तिकारी है.  आपकी मुखर बधाइयों और शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद. "
12 hours ago

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Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी शुभकामनाओं और बधाइयों के लिए हार्दिक धन्यवाद.  शुभ-शुभ"
12 hours ago

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Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"जय हो...  //होठों को शहद, रस, जाम आदि तो कई बार देखा सुना था लेकिन पहली बार होंठ पे गमले देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ..आगे होठों पे क्यारी, बौलेवार्ड और खेत भी देखने जल्द ही मिलेंगे..//  हा हा हा हा..  हमने तो दिल दिया हीरा समझ…"
16 hours ago

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Saurabh Pandey commented on दिनेश कुमार's blog post ग़ज़ल दिनेश कुमार -- अंधेरा चार सू फैला दमे-सहर कैसा
"बहुत खूब, आदरणीय दिनेश कुमार जी. वाह वाह  इस अच्छे प्रयास पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें  शुभ-शुभ"
yesterday

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Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"हा हा हा.. कमाल-कमाल कर जवाब दिये हैं आप, आदरणीय नीलेश भाई.  //व्यावहारिक रूप में तो चाँद तारे तोडना, आसमान झुका देना, ममोले को शाहबाज़ से लड़ा देना भी असहज है लेकिन शाइरी के रूपक शाइर को लम्बी चौड़ी फेंकने की सहूलत देते हैं. थोड़ी मैंने भी फेंक…"
Wednesday

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Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आदरणीय नीलेश नूर भाई, आपकी प्रस्तुति की रदीफ निराली है. आपने शेरों को खूब निकाला और सँभाला भी है. हार्दिक बधाई.  बहरहाल, कुछेक जगह आपके मिसरों की तार्किकता या उनका विन्यास तनिक और समय की मांग करते दीख रहे हैं.  जैसे, समुन्दर को लेकर…"
Tuesday

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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"जागृत माँ पीतांबरा, दर्शन का शुभ-काल सड़क मार्ग पर हूँ अभी, झाँसी से भोपाल  कठिन है रचना पढ़ना  और फिर.. कुछ भी कहना  आप सब दशा समझना 🙏🙏"
Sunday

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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"जी, उचित है। बहुत बढिया "
Sunday

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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण भाईजी, आपकी इस सार्थक प्रस्तुति के कई भाव-शब्द तार्किक हैं। जबकि कुछ छंदों की बुनावट को लेकर तनिक और समय दिये जाने की आवश्यकता प्रतीत हो रही है।  झलक दिखा जब मेघ भी, तरसाते दिन रात| तब सूरज का तेज भी, झुलसाता हर…"
Sunday

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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचनात्मकता पर मंच को कभी संदेह रहा ही नहीं है। बस  शिल्प और विधान को लेकर सचेष्ट हो जायँ। "
Sunday

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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"सुझावों को सम्मान देने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी."
Sunday

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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोर आ रे, सूरज आजमा, किसमें कितना जोर     मूरख मनुआ क्या तुझे इतना नहीं गुमान सूरज सम्मुख ले रहा, पानी पी-पी तान    शीत-उष्ण था देस यह, गिरी ताप की गाज सूरज का शासन हुआ, बहुत निरंकुश…"
May 18

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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी कोशिशों पर तो हम मुग्ध हैं, शिज्जू भाई ! आप नाहक ही छंदों से दूर रहा करते हैं.  किसको लगता है भला, कुदरत का यह रूप। मगर छाँव का मोल क्या, जब ना होगी धूप।।  ..... अरे  वाह. क्या बात ! छाँव और धूप के मध्य कितनी सार्थक, कितनी सटीक…"
May 18

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दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ

212 212 212 212 

 

इस तमस में सँभलना है हर हाल में 

दीप के भाव जलना है हर हाल में

  

हर अँधेरा निपट कालिमा ही नहीं

एक विश्वास पलना है हर हाल में 

   

एकपक्षीय प्रेमिल विचारों भरे

इन चरागों को जलना है हर हाल में 

   

निर्निमेषी नयन का निवेदन लिये 

मन से मन तक टहलना है हर हाल में 

   

देह को देह की भी न अनुभूति हो

मोम जैसे पिघलना है हर हाल में 

    

अल्पनाओं सजी गोद में बैठ कर

दीप को मौन बलना है…

Continue

Posted on October 29, 2024 at 9:30pm — 8 Comments

शिक्षक दिवस - कुण्डलिया छंद // सौरभ

मिट्टी के लोंदे सभी, अनगढ़ था बर्ताव
हमें सिखा कर ककहरा, शिक्षित किया स्वभाव
शिक्षित किया स्वभाव, सभी का योगदान था
निर्मल नेह-दुलार, परस्पर भाव-मान था
कड़क किंतु व्यवहार, सटकती सिट्टी-पिट्टी
शिक्षक थे सब योग्य, सभी ने गढ़ दी मिट्टी
***
सौरभ

(मौलिक और अप्रकाशित) 

Posted on September 5, 2023 at 9:30am — 8 Comments

दिल का रिश्ता : पाँच आयाम // सौरभ

यह रचना "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-146

हेतु सृजित है किंतु गलती से यहाँ पोस्ट कर दी गयी है, लेखक द्वारा अब महोत्सव में रचना पोस्ट करने के फलस्वरूप यहाँ से रचना एडमिन स्तर से हटा दी गयी है ।

Posted on December 18, 2022 at 5:00pm — 2 Comments

खत तुम्हारे नाम का.. लिफाफा बेपता रहा // सौरभ

२१२ १२१२ १२१२ १२१२ 

  

चाहता रहा उसे मगर न बोल पा रहा

उम्र बीतती रही मलाल सालता रहा

 

जिंदगी की दोपहर अगर-मगर में रह गयी

साँझ की ढलान पर किसे पुकारता रहा ?

 

बाद मुद्दतों दिखा, हवा तलक सिहर गयी  

मन गया कहाँ-कहाँ, मैं बस वहीं खड़ा रहा

 

आयी और छू गयी कि ये गयी, कि वो गयी

मैं इधर हवा-छुआ खुमार में पड़ा रहा

 

रौशनी से लिख रखा है खुश्बुओं में डूब कर

खत तुम्हारे नाम का.. लिफाफा बेपता रहा !

 

बादलो, इधर न…

Continue

Posted on June 27, 2022 at 11:00pm — 17 Comments

Comment Wall (132 comments)

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At 11:19am on January 25, 2022, Hiren Arvind Joshi said…
आदरणीय
प्रणाम!
एक गीत ब्लॉग में प्रेषित किया है। अनुमोदन करने की कृपा कीजिए।
At 1:58pm on January 24, 2022, Hiren Arvind Joshi said…
आदरणीय सौरभ जी
सादर प्रणाम!

मैंने चित्र से काव्य 129 में अपनी रचना प्रेषित की थी परन्तु रचना एवं उसके कमेंट नहीं देख पा रहा हूँ। जैसा की आपका कमेंट था की आ. अशोक जी के प्रश्न का उत्तर दूँ पर देख नहीं पा रहा हूँ। कृपया उचित मार्गदर्शन कीजिए।
At 2:28pm on December 3, 2020, लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' said…

आदरणीय बन्धु सादर अभिवादन । जन्मदिन की असीम हार्दिक शुभकामनाएँ ।

At 11:47am on December 3, 2020, TEJ VEER SINGH said…

जन्म दिन की हार्दिक बधाई आदरणीय सौरभ पांडे जी।

At 9:22am on December 3, 2019, TEJ VEER SINGH said…

आदरणीय सौरभ पांडे जी को जन्म दिवस की हार्दिक बधाई एवम असीमित शुभ कामनायें।

At 8:21pm on October 22, 2017, Ramkunwar Choudhary said…
आप को सादर प्रणाम, मैं पहली बार कुछ लिखने का प्रयास कर रहा हूँ। मैंने भुजंगप्रयात छंद के आधार पर कुछ लिखने का प्रयास किया है। भाव, सौंदर्य, मात्राओं आदि की त्रुटियां बताकर मेरा मार्गदर्शन करें। मैं आपका आभारी रहूँगा..................
जहाँ ये दिलों की दगा का अखाड़ा,
किसी ने मिलाया किसी ने पछाड़ा;
यहाँ प्यार है बेसहारा बगीचा,
किसी ने बसाया किसी ने उजाड़ा;
At 7:09pm on January 3, 2016, Sushil Sarna said…

नूतन वर्ष 2016 आपको सपरिवार मंगलमय हो। मैं प्रभु से आपकी हर मनोकामना पूर्ण करने की कामना करता हूँ।

सुशील सरना

At 5:11pm on December 3, 2015, मोहन बेगोवाल said…

आदरणीय सौरभ जी, आप जी को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई हो 

At 3:57am on December 3, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

At 9:54am on October 2, 2015, सतविन्द्र कुमार राणा said…
पूजनीय सौरभ पाण्डेय सर मैं आपके द्वारा दिए गए सुझावों एवम् मार्गदर्शन के लिए कृतार्थ हूँ।"चुप्पी" इस मञ्च पर मेरी प्रथम प्रस्तुति है।आप सब सुधिजनों के सानिध्य में आया एक नव विद्यार्थी हूँ।आपके मार्गदर्शन का सदैव आकांक्षी रहूँगा।मेरी रचना के अवलोकन एवम् समीक्षा के लिए हार्दिक आभार।
 
 
 

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Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
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"नफ़रतों की आँधियों में प्यार भी करते रहे।शांति का हर ओर से आधार भी करते रहे।१। *दुश्मनों के काल को…"
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"स्वागतम"
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Nilesh Shevgaonkar commented on Saurabh Pandey's blog post गजल - जा तुझे इश्क हो // -- सौरभ
"आ. सौरभ सर श्राप है या दुआ जा तुझे इश्क़ हो मुझ को तो हो गया जा तुझे इश्क़ हो..इस ग़ज़ल के…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. नाथ जी "
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. विजय जी "
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. अजय जी "
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. समर सर. पता नहीं मैं इस ग़ज़ल पर आई टिप्पणियाँ पढ़ ही नहीं पाया "
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. रचना जी "
9 hours ago

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