कभी मेरी नज़रों से देखो ,
Added by Veerendra Jain on February 28, 2011 at 11:30pm — 13 Comments
Added by rashmi prabha on February 28, 2011 at 7:30pm — 18 Comments
Added by Bhasker Agrawal on February 28, 2011 at 12:36am — 7 Comments
Added by R N Tiwari on February 27, 2011 at 8:30pm — 7 Comments
Added by Abhinav Arun on February 27, 2011 at 7:00pm — 4 Comments
Added by rashmi prabha on February 27, 2011 at 4:00pm — 10 Comments
Added by ASHVANI KUMAR SHARMA on February 27, 2011 at 1:00pm — 5 Comments
ओ. बी. ओ. परिवार के सम्मानित सदस्यों को सहर्ष सूचित किया जाता है की इस ब्लॉग के जरिये बह्र को सीखने समझने का नव प्रयास किया जा रहा है| इस ब्लॉग के अंतर्गत सप्ताह के प्रत्येक रविवार को प्रातःएक गीत के बोल अथवा गज़ल दी जायेगी, उपलब्ध हुआ तो वीडियो भी लगाया जायेगा, आपको उस गीत अथवा गज़ल की बह्र को पहचानना है और कमेन्ट करना है अगर हो सके तो और जानकारी भी देनी है, यदि उसी बहर पर कोई दूसरा गीत/ग़ज़ल मिले तो वह भी बता सकते है। पाठक एक दुसरे के कमेन्ट से प्रभावित न हो सकें…
ContinueAdded by Rana Pratap Singh on February 27, 2011 at 10:30am — 1 Comment
मैं अक्सर निकल जाता हूँ भीडभाड गलियों से
रौशनी से जगमग दुकाने मुझे परेशान करती हैं
मुझे परेशां करती है उन लोगों की बकबक
जो बोलना नहीं जानते
मै भीड़ नहीं बनना चाहता बाज़ार का
मैं ग्लैमर का चापलूस भी नहीं बनना चाहता
मुझे पसंद नहीं विस्फोटक ठहाके
मै दूर रहता हूँ पहले से तय फैसलों से
क्योंकि एकदिन गुजरा था मै भी लोगों के चहेते रास्ते से
और यह देखकर ठगा रह गया की
मेरा पसंदीदा व्यक्ति बदल चूका था
बदल चुकी थी उसकी…
Added by Akhileshwar Pandey on February 27, 2011 at 1:28am — 3 Comments
Added by ASHVANI KUMAR SHARMA on February 26, 2011 at 10:52pm — 3 Comments
है दिए जो जख्म आपने दिल को,
भर दे उसे कोई किसी में है ओ प्रीत कहाँ,
बहते मेरे लावारिस अश्को को कोई थामले,
एक तेरे सिवा दूसरा ओ मन्मित कहाँ,
आप ने किये जो घोर अँधेरा मेरे जीवन में,
आक़े अब कोई रोशन करे है यैसी तक़दीर कहाँ,
जब ह्रदय की आशाएं बंद हो चली…
ContinueAdded by Sanjay Rajendraprasad Yadav on February 26, 2011 at 7:00pm — 2 Comments
प्रीतम की गली.........
हर किसी के ज़िन्दगी में बसता है किसी के ख्वाबो का कारवां,
दूरियाँ मित जाती है मीट जाते है सारे शिकवे गीले,
हर किसी के धड़कन में होती है किसी की मुहब्बत जवां,
चाहतो का सैलाब लिए जब दो बदन हो एक मीले,
अपने प्रियवर के ख्वाब,को रोशन करे ऐ दिल की समां
उड़ चला जाता है ये मन इस दुनिया से दूर बहुत,
जहां प्रिय मिलन के मदहोश…
ContinueAdded by Sanjay Rajendraprasad Yadav on February 26, 2011 at 6:30pm — 2 Comments
कविता :- छोड़ दूं सच साथ तेरा
हर अनुभव हर चोट के बाद
अक्सर ऐसा सोचता हूँ
छोड़ दूं सच साथ तेरा
चल पडूँ ज़माने की राह
जो चिकनी है और दूर तक जाती है
जिस राह पर चलकर
किसी को शायद नहीं रहेगी
शिकायत मुझसे
अच्छा…
ContinueAdded by Abhinav Arun on February 26, 2011 at 1:30pm — 11 Comments
Added by rajendra kumar on February 25, 2011 at 11:00pm — 1 Comment
Added by ASHVANI KUMAR SHARMA on February 25, 2011 at 10:00pm — 3 Comments
गज़ल : झूठ से इसको नफरत सी है
झूठ से इसको नफरत सी है सच्चाई को प्यार कहे ,
मेरा दिल तो जब भी बोले दो…
ContinueAdded by Abhinav Arun on February 25, 2011 at 9:00pm — 5 Comments
नाम नहीं कोई पता नहीं है....
कोई भी पहचान नहीं है....
जाने किस एक शख्स ने अपने,
सहमें सहमें जज्बातों को,
बंद लिफाफे में रखकर के,
मेरे नाम से लिख भेजा है....
काश के ऐसा कोई लिफाफा
आज से पंद्रह बरसों पहले,
तुमने मुझको भेजा होता...
Added by Sudhir Sharma on February 24, 2011 at 11:30pm — 1 Comment
मौत सच्ची मनमित
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on February 24, 2011 at 9:38am — 1 Comment
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद राज्य सरकार ने शिवरीनारायण में हर वर्ष माघी पूर्णिमा से प्रारंभ होने वाले मेले…
ContinueAdded by rajendra kumar on February 24, 2011 at 9:30am — 1 Comment
2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
2011
2010
1999
1970
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |