मोहब्बत क आयो दिया हम जलाएँ
ये नफ़रत के सारे अंधेरे मिटाएँ
हो मंदिर कोई एक ऐसा भी आला
हो इंसानियत का जहाँ पे उजाला
दुआ मिलके माँगें सभी सब की खातिर
इबादत जहाँ की मोहब्बत सिखाएं
वो खवाबों की पारियाँ वो चाँद और सितारें
महज़ हैं कहानी के क़िरदार सारे
क़िताबों के पन्नों से बाहर निकल के
चलो हम हक़ीकत की ग़ज़ल गुनगुनाएँ
यही धर्म कहता है मज़हब सिखाता
सबक देती क़ुरान कहती है गीता
हो पैदा ये अहसास…
Added by ajay sharma on February 2, 2015 at 11:29pm — 8 Comments
मेरी गुड़िया ,मेरी बच्ची --कह कह शर्माइन बेहोश हुई जा रही थी |
विधायक शर्मा जी फोन-पर-फोन किये जा रहें थे पर अभी तक कुछ पता ना चला था|
ब्रेकिंग न्यूज के नाम से घर-घर न्यूज दिख रही थी कि "कद्दावर नेता की कुतिया किसी दुश्मन ने की गायब"
कुतिया नहीं कहो वर्ना चढ़ बैठेगें किसी ने फुसफुसाया ...|
"विधायक की गुड़िया को किसी ने किया गायब ...| " संभलते हुय पत्रकार…
Added by savitamishra on February 2, 2015 at 10:30pm — 16 Comments
युवाओं में ब्रेक अप पार्टी का चलन देख कुछ ख्यालों ने दिल पर दस्तक दी आपकी नजर करती हूँ ...
आओ मिलें ऐ दोस्त ,बिछुड़ जाने के लिए
फिर से याद करें वो यादें ,भूल जाने के लिए
आओ मिलें एक बार
लेकर यादों का वो पिटारा
इक मेरा तुम इक तेरा मैं
वापिस करें..
वो अनमोल लम्हे
जो जिए हमने संग संग
वो दुःख दर्द जो बाँटें हमने संग संग
वो आँसू जिनसे भिगोया तकिया
एक दूसरे की याद में
वापिस करें ...
जो…
ContinueAdded by Sarita Bhatia on February 2, 2015 at 10:00pm — 4 Comments
Added by Hari Prakash Dubey on February 2, 2015 at 6:30pm — 15 Comments
Added by Samar kabeer on February 2, 2015 at 4:04pm — 17 Comments
1222--1222--1222--1222
ख़ला की गोद में लाकर हमेशा छोड़ देते हैं
तसव्वुर के परिंदे साथ मेरा छोड़ देते हैं
अँधेरी रात हमने तो ब मुश्किल काट ली यारों
तुम्हारे वास्ते उजला सवेरा छोड़ देते हैं
ग़मों का साथ हमने तो निभाया है वहाँ तक भी
जहाँ अच्छे से अच्छे भी कलेजा छोड़ देते हैं
हमारा नाम लेकर अब न रुसवाई तेरी होगी
मुसफ़िर हम तो ठहरे शह्र तेरा छोड़ देते हैं
लड़कपन में जिन्हेँ चलना सिखाया थामकर…
ContinueAdded by khursheed khairadi on February 2, 2015 at 10:30am — 18 Comments
बरसात के दिन थे, शहर के एक नामी कॉलेज के छात्रों की टीम सुदूर गाँव में सोशलस्टडी हेतु आयी हुई थी. गरीब दास की झोपडी के पास टीम ज्योही पहुँची कि जोरदार बारिश प्रारम्भ हो गई और पूरी टीम बारिश से बचने के लिए झोपड़ी में घुस गयी. टिन की चादर और फूंस की बनी झोपड़ी कई जगह से टपक रही थी तथा प्लास्टिक के खाली डिब्बे और एलुमिनियम के बर्तन टपकते पानी के नीचे रखे हुए थे, यह देख टीम के सदस्य गंभीर चर्चा में लग गये, खैर बारिश रुकी और टीम वापस चली…
ContinueAdded by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 2, 2015 at 10:30am — 38 Comments
Added by Krishnasingh Pela on February 1, 2015 at 11:00pm — 17 Comments
चाय का घूंट लेते हुए उनकी नज़र अखबार की एक खबर पर चली गयी. इलाके में एक लड़की की इज़्ज़त लुटी, आरोपी फरार"|
मन ही मन में राहत की सांस लेते हुए उन्होंने बगल में बैठी पत्नी से कहा " अच्छा हुआ , हमारी लड़की नहीं हुई वर्ना हमें भी डर के रहना पड़ता "|
पत्नी ने एक गहरी सांस ली और पिछले दिन का अखबार निकाला , पहले पन्ने पर छपी हुई तस्वीर जिसमें लड़कियां गणतंत्र दिवस के परेड की अगुआई कर रहीं थीं , उनके सामने रख दिया | चाय उनके हाँथ में ठंडी हो रही थी , वो पत्नी से नज़र नहीं मिला पा रहे थे…
Added by विनय कुमार on February 1, 2015 at 7:00pm — 12 Comments
ऐ दिल ……
ऐ दिल तू क्यूँ व्यर्थ में परेशान होता है
हर किसी के आगे क्यूँ व्यर्थ में रोता है
कौन भला यहां तेरा दर्द समझ पायेगा
हर अरमान यहां अश्क के साथ सोता है
ऐ दिल तू क्यूँ व्यर्थ में परेशान होता है ……
ये सांझ नहीं अपितु सांझ का आभास है
पल पल क्षरण होते रिश्तों का आगाज़ है
भावों की कन्दराओं में बोलता सन्नाटा है
पाषाणों में कहाँ प्यार का सृजन होता है
ऐ दिल तू क्यूँ व्यर्थ में परेशान होता है…
ContinueAdded by Sushil Sarna on February 1, 2015 at 2:00pm — 12 Comments
221 2121 1221 212
जो तेरी है कहानी वही मेरी दास्ताँ
मैं भी अकेला और तू भी तन्हा है वहाँ
हर गाम मुँह चिढ़ाती हुई ज़िन्दगी हमें
हैरान मेरा दिल है परेशान तेरी जाँ
जो तेरी रहगुज़र है नहीं रास्ता मेरा
कोई खिंचाव तो है मगर अपने दरमियाँ
कुछ ख्वाब नातमाम अधूरी सी हसरतें
हो बेकरार तुम भी वहाँ और मैं यहाँ
ग़मगीन तुम उदास मैं भी हूँ “शकूर” और
खामोश ये जहान है चुप-चुप सा आसमाँ
-मौलिक…
ContinueAdded by शिज्जु "शकूर" on February 1, 2015 at 12:23pm — 8 Comments
Added by Dr. Vijai Shanker on February 1, 2015 at 11:55am — 14 Comments
“हमारी मिट्टी और जड़ों को खोद-खोदकर ये चूहे हमारे हरे-भरे टापू को उजाड़ बना देंगे और फिर कहीं और बढ़ जाएँगे I“
एक हरे-भरे पेड़ ने चिंता व्यक्त की |
“सकरात्मक सोचों ! जहाज़ के डूबने से पहले इन्होनें बहुत-कुछ खाया-पचाया है, ये हमें पौष्टिक खाद देंगे |”
प्रसन्न मुद्रा में एक अन्य पौधा बोला |
जोर का आँधी-पानी आया | कई विशालकाय वृद्ध पेड़ों की जड़े बाहर आ गईं और कुछ वहीं गिर पड़े |कुछ समय पश्चात वहाँ नई प्रजति के बीज जमने लगे, टापू पर नया बसंत आ चुका था |
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सोमेश…
ContinueAdded by somesh kumar on February 1, 2015 at 10:30am — 12 Comments
मुस्कुराते हो बहुत पछताओगे
बज़्म से तुम भी निकाले जाओगे
तुम विसाले यार को बेताब हो
उस से मिल कर भी बहुत पछताओगे
साथ तेरा मिलगया मगरूर हूँ
तुम भला क्यों गीत मेरे गाओगे
रूह को माँ बाप की तस्लीम कर
साथ अपने सब उजाले पाओगे
भूख से बच्चा बिलखता हो अगर
किस तरहा से रोटियां खा पाओगे
बात सच्ची कह रहे हो तुम मनु
इस जुबा पर तुम भी छाले पाओगे
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मौलिक एवं अप्रकाशित
विजय कुमार मनु
Added by vijay on February 1, 2015 at 8:00am — 7 Comments
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