1. समारू - भारतीय क्रिकेट टीम में श्रीकांत ने अपने बेटे का चयन किया है।
पहारू - बाप भए चयनकर्ता तो जुगाड़ कैसे न जमे।
2. समारू - मध्यप्रदेश में चिटफंड कंपनियों पर गाज गिरी।
पहारू - छग में भी ऐसा हो, तब तो।
3. समारू - केरल के मंदिर में एक लाख करोड़ का खजाना मिला है।
पहारू - यहां तो चवन्नी भी नसीब नहीं है।
4. समारू - छग में पीएमटी की परीक्षा तीसरी बार होने वाली है।
पहारू - देखना होगा, इस बार पेपर लीक कहां से होता है ?
5. समारू -…
Added by rajkumar sahu on July 6, 2011 at 12:31am — No Comments
चाँद से पुछो बेबसी चीज है क्या
रात भर यूँ जागना ठीक है क्या
उन लम्हो को सम्भाल कर रक्खा है
अश्क जो बहे आँखो से मीत है क्या
जाने वालो ने कभी मुडके ना देखा
दिलमे है आग जलता दीप है क्या
दर्दो जहाँ मे कदम बढा के चले
हार का हो यकिन तो जीत है क्या
Added by kalpana on July 5, 2011 at 8:00pm — No Comments
Added by Vasudha Nigam on July 5, 2011 at 1:00pm — 1 Comment
एक दिन ,
भावनाओ की पोटली बांध
निकल पड़ी घर से ,
सोचा,
समुद्र की गहराईयों में दफ़न कर दूंगी इन्हें ..
कमबख्तों की वजह से ..
हमेशा कमजोर पड़ जाती हूँ ..
फेक भी आई उन्हें ..
दूर , बहुत दूर
पर ये लहरें भी 'न' .--
कहाँ मेरा कहा मानती हैं ..
हर लहर ....
उसे उठा कर किनारे पर पटक जाती ,
और वो दुष्ट पोटली ..
दौड़ती भागती मेरे ही …
ContinueAdded by Anita Maurya on July 4, 2011 at 3:46pm — 15 Comments
Added by Rash Bihari Ravi on July 4, 2011 at 12:00pm — 12 Comments
Added by Yogyata Mishra on July 4, 2011 at 11:14am — 2 Comments
Added by rajkumar sahu on July 4, 2011 at 12:28am — No Comments
Added by rajkumar sahu on July 3, 2011 at 11:14pm — 1 Comment
Added by sanjiv verma 'salil' on July 3, 2011 at 8:30pm — No Comments
अब ये नही होगा.......... कल मुझसे मेरे छोटे भाई ने कहा की दीदी अब तुझसे ये कोई नही कभी कहेगा की आज स्कूल क्यो नही आई या क्या तुम आज स्कूल आओगी? बात बिल्कुल साधारण सी थी पर मे सारा दिन सोचती रही की ये बात कितनी सच हे . बचपन के साथ साथ ये सारे पल भी तो बीत गये जब सारी सहेलिया साथ स्कूल जाती और हर दिन एक दूसरे से पूछती थी की क्या कल स्कूल आओगी?
हमारी वो दुनिया ही…
ContinueAdded by monika on July 3, 2011 at 2:39am — 2 Comments
Added by shalini kaushik on July 2, 2011 at 12:43am — 2 Comments
Added by baban pandey on July 1, 2011 at 11:59am — No Comments
Added by Lata R.Ojha on July 1, 2011 at 12:30am — 8 Comments
तुझे बाहों मे भर लेने का,
तेरे कंधे रख के सर रोने का,
तुझसे मॅन का दर्द कह देने का,
माँ बड़ा दिल करता है!
तेरी उंगली पकड़ फिर चलने का,
तेरे साए मे बैठे रहने का,
तेरी लॉरी सुन कर सोने का,
माँ बड़ा दिल करता है!
दूर है तू मुझसे,या छुपी हुई है मुझमे ही,
ढूंडती हून तुझको हर कही,
तेरे आँचल मे छुप जाने का,
माँ बड़ा दिल करता…
ContinueAdded by Vasudha Nigam on June 30, 2011 at 1:40pm — No Comments
क्या कहूँ की वो क्या हैं?
माँ तो बस होती माँ हैं,
खिलाकर बच्चें को खाना ख़ुद खाती हैं,
देख कर हमें सोता हुआ कहीं वो सो पाती हैं.
याद हैं आज भी आपका मुझे लोरी सुनाना,
बचाने को बुरी नज़र से बार-बार काला टीका लगाना.
सच में कितनी सीधी और सच्ची होती हैं…
ContinueAdded by Jaimangal Singh,Ek Aur Shayar on June 30, 2011 at 12:57pm — No Comments
क्या भरोसा जिन्दगी का कल रहे या ना रहे।
क्या पता यह बुलबुला कुछ पल रहे या ना रहे।।
है भयंकर इक समन्दर ये जहाँ उठ्ठे तूफां,
तैरती कागज की कश्ती तेज मौजों में यहाँ।
है किसे मालूम कब ये गल रहे या ना रहे।।
पूरी हो पायेंगी शायद ही खुशी ओ ख्वाहिशें,
मिट्टी के इस ढेले पे होतीं गमों की बारिशें।
क्या पता पानी में कब ये घुल रहे या ना रहे ।।
हो गई मुश्किल न कम है जिन्दगी अब बोझ से,
मौत रूपी माशूका की गोद में सब…
ContinueAdded by आचार्य संदीप कुमार त्यागी on June 30, 2011 at 8:00am — No Comments
Added by rajkumar sahu on June 30, 2011 at 12:57am — No Comments
Added by rajkumar sahu on June 29, 2011 at 11:17pm — No Comments
सच्ची प्रीति में पगी जो प्रार्थना की रीति ये तो
नेह नीति में विरह की गाँठ न लगाइए
जब भी प्रेम भाव से बुलाया जाय आपको तो
भक्तों के काज आप बनाने चले आइये
आप मूर्तिमान हैं निधान हैं दया के…
ContinueAdded by Dr.Brijesh Kumar Tripathi on June 29, 2011 at 10:54pm — No Comments
Added by Rash Bihari Ravi on June 29, 2011 at 7:00pm — No Comments
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