Added by rajendra kumar on February 25, 2011 at 11:00pm — 1 Comment
Added by ASHVANI KUMAR SHARMA on February 25, 2011 at 10:00pm — 3 Comments
गज़ल : झूठ से इसको नफरत सी है
झूठ से इसको नफरत सी है सच्चाई को प्यार कहे ,
मेरा दिल तो जब भी बोले दो…
ContinueAdded by Abhinav Arun on February 25, 2011 at 9:00pm — 5 Comments
नाम नहीं कोई पता नहीं है....
कोई भी पहचान नहीं है....
जाने किस एक शख्स ने अपने,
सहमें सहमें जज्बातों को,
बंद लिफाफे में रखकर के,
मेरे नाम से लिख भेजा है....
काश के ऐसा कोई लिफाफा
आज से पंद्रह बरसों पहले,
तुमने मुझको भेजा होता...
Added by Sudhir Sharma on February 24, 2011 at 11:30pm — 1 Comment
मौत सच्ची मनमित
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on February 24, 2011 at 9:38am — 1 Comment
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद राज्य सरकार ने शिवरीनारायण में हर वर्ष माघी पूर्णिमा से प्रारंभ होने वाले मेले…
ContinueAdded by rajendra kumar on February 24, 2011 at 9:30am — 1 Comment
तुम्हारी याद में.........
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on February 24, 2011 at 9:30am — 1 Comment
(आज देश की हालत ये है कि हर नुक्कड़ पर के आवारा दोपाये अपने आपको नेता समझ बैठे हैं, देश के शीर्ष भवन में बैठ ये विभिन्न सुरों में भौंकते हैं | इस तस्वीर को देश समझें और टूटते झोपडी को देश का संसद...
Added by Shashi Ranjan Mishra on February 24, 2011 at 8:50am — No Comments
जब जी चाहे तब गा लेना ,एक गीत अनोखा लायी हूँ..
Added by Lata R.Ojha on February 24, 2011 at 2:33am — 19 Comments
Added by Bhasker Agrawal on February 23, 2011 at 7:00pm — 2 Comments
Added by neeraj tripathi on February 23, 2011 at 3:40pm — 2 Comments
देख दुर्दशा देश की
संजीव 'सलिल'
*
देख दुर्दशा देश की, चले गये जो दूर.
उनसे केवल यह कहूँ, आँखें रहते सूर..
देश छोड़ वे भी गये, जिन्हें प्रगति की चाह.
वाह मिली उनको बहुत, फिर भी भरते आह..
वसुधा जिन्हें कुटुंब…
Added by sanjiv verma 'salil' on February 23, 2011 at 12:28pm — 3 Comments
Added by ASHVANI KUMAR SHARMA on February 22, 2011 at 10:18pm — 1 Comment
Added by rajendra kumar on February 22, 2011 at 8:30pm — No Comments
Added by rajendra kumar on February 22, 2011 at 9:30am — 1 Comment
मालिकों के मलाईदार जूठे को खाया है
भौंक-भौंक कर किया कपालभाति
कभी लेट कर किया वज्रासन…
ContinueAdded by Shashi Ranjan Mishra on February 22, 2011 at 8:00am — 9 Comments
दोहा सलिला मुग्ध ***संजीव 'सलिल***
दोहा सलिला मुग्ध है, देख बसंती रूप.
शुक प्रणयी भिक्षुक हुआ, हुई सारिका भूप..
चंदन चंपा चमेली, अर्चित कंचन-देह.
शराच्चन्द्रिका चुलबुली, चपला करे विदेह..
नख-शिख, शिख-नख मक्खनी, महुआ सा पीताभ.
पाटलवत रत्नाभ तन, पौ फटता अरुणाभ..
सलिल-बिंदु से सुशोभित, कृष्ण…
ContinueAdded by sanjiv verma 'salil' on February 21, 2011 at 9:30am — 4 Comments
नारी तुम केवल श्रद्धा …
Added by Dr. Anupma Singh on February 21, 2011 at 7:18am — 1 Comment
(1) समारू - छत्तीसगढ़ सरकार ने 250 शराब दुकानें बंद करने का निर्णय लिया है ।
पहारू - क्या फर्क पड़ता है, गांवों की गलियों में अवैध शराब दुकानें तो हैं।
2. समारू - केन्द्र की यूपीए सरकार जेपीसी गठन को तैयार हो गई है।
पहारू - सरकार को शीतकालीन सत्र में सद ्बुद्धि क्यों नहीं आई।
3. समारू - छत्तीसगढ़ सरकार ने मार्च से गरीबों को 5 रूपये किलो में देशी चना देने का निर्णय लिया है।
पहारू - शराब तो है, चलो घर बैठे ‘चखना’ की व्यवस्था हो…
Added by rajkumar sahu on February 21, 2011 at 12:11am — 1 Comment
Added by अमि तेष on February 20, 2011 at 11:38pm — 2 Comments
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