For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Abhinav Arun
  • Male
  • Varanasi,Uttar Pradesh
  • India
Share on Facebook MySpace

Abhinav Arun's Friends

  • Ravi Shukla
  • जयनित कुमार मेहता
  • Hari Prakash Dubey
  • gumnaam pithoragarhi
  • शकील समर
  • ARVIND BHATNAGAR
  • गिरिराज भंडारी
  • Saarthi Baidyanath
  • CHANDRA SHEKHAR PANDEY
  • Madan Mohan saxena
  • शुभांगना सिद्धि
  • Priyanka Tripathi
  • जितेन्द्र पस्टारिया
  • शिज्जु "शकूर"
  • Priyanka singh

Abhinav Arun's Discussions

नवोदित रचनाकारों की उपेक्षा क्यों ?
96 Replies

            साथियों यह सच है कि लेखन का आरम्भ स्वान्तः सुखाय होता है | रचनाकार की साहित्यिक अभिव्यक्ति वास्तव में उसका भोगा हुआ यथार्थ होता है जो एक सुनिश्चित स्वरुप और शिल्प में सामने आता है | यह…Continue

Tags: फोरम

Started this discussion. Last reply by aashukavi neeraj awasthi Mar 14, 2012.

 

Abhinav Arun's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Varanasi,Uttar Pradesh
Native Place
Ghazipur (U.P.)
Profession
Senior Announcer, All India Radio, Writer ,Broadcaster, Journalist
About me
विसंगतियां ख़ामोश रहने नहीं देतीं | सो कहने और लिखने को ध्येय बनाया | अभिनव अरुण नाम से सक्रिय सकारात्मक बदलाव हेतु लेखन | मंचों , पत्र - पत्रिकाओं , आकाशवाणी - दूरदर्शन और नेट पर ब्लॉग रूप में रचनाएँ प्रशंसित | आरंभिक शिक्षा लौह नगरी जमशेदपुर में | मूल निवास गाजीपुर \ बनारस (उत्तर प्रदेश , भारत) | बचपन से ही लेखन की विविध विधाओं में सक्रियता | साहित्य कला संगीत संस्कृति और पत्रकारिता से लगाव आकाशवाणी तक ले आया | अन्य अख़बारों और पत्रिकाओं में छिटपुट सेवा और दैनिक "आज " जमशेदपुर में १९८९ से १९९६ तक उप-संपादक पद पर कार्य के उपरान्त सम्प्रति करीब दो दशक से इसी रेडियो में रोज़ी | आकाशवाणी के जमशेदपुर , ओबरा और विविध भारती मुंबई केन्द्रों पर सेवा के पश्चात अभी आकाशवाणी वाराणसी में वरिष्ठ उदघोषक |बनारस की विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं से जुड़ाव | " कथ्य - शिल्प "और " परिवर्तन " के सक्रिय रचनाकार | प्रगतिवादी ग़ज़ल लेखन के लिए २००९ में " परिवर्तन के प्रतीक " सम्मान से विभूषित | आगमन साहित्य सम्मान २०१४ |ग़ज़ल लेखन हेतु दुष्यंत कुमार स्मृति सम्मान २०१५ (‘संभाव्य’संस्था एवं त्रैमासिक पत्रिका भागलपुर की और से )| अखिल भारतीय नागरिक कल्याण परिषद् द्वारा भी साहित्यिक पत्रकारिता के लिए सम्मानित , विश्विद्यालय अनुदान आयोग के सहयोग से श्री बलदेव पी .जी. कालेज , वाराणसी और विद्याश्री न्यास के संयुक्त तत्वावधान में १४ से १६ जनवरी २०१२ तक वाराणसी में आयोजित भारतीय लेखक शिविर एवं " इतिहास परंपरा और आधुनिकता " पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के अंतर्गत आयोजित काव्य प्रतियोगिता में कविताओं की प्रस्तुति को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ | विश्व फोटोग्राफी दिवस १९ अगस्त २०१३ के अवसर पर दैनिक ''अमर उजाला''समूह नॉएडा द्वारा आयोजित फोटोग्राफी प्रतियोगिता के प्रथम उप - विजेता का पुरस्कार दिनांक २३अक्टूबर २०१३ को समारोहपूर्वक प्राप्त हुआ | आकाशवाणी वाराणसी के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रस्तोता | भारत के राष्ट्रपति माननीय डॉ प्रणव मुखर्जी एवं नेपाल के राष्ट्रपति डॉ राम बरन यादव की उपस्थिति में 25 दिसंबर 2012 को महामना मालवीय की 150 वी जयंती के उपलक्ष्य में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह का आकाशवाणी के राष्ट्रीय नेटवर्क पर आँखों देखा हाल \ सजीव प्रसारण सायं 04-30 से 06-30 तक मेरे द्वारा (कमेंट्री) किया गया । मंचों के चर्चित रचनाकार | प्रकाशित कृतियाँ - ''सच का परचम '' ( ग़ज़ल संग्रह ) |

Abhinav Arun's Photos

  • Add Photos
  • View All

Abhinav Arun's Videos

  • Add Videos
  • View All

Abhinav Arun's Blog

तरही ग़ज़ल //अभिनव अरुण- बारिशों का ख्व़ाब था..

ग़ज़ल -

फाइलातुन फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन

२१२२ २१२२ २१२२ २१२

 

मौत का आना है तय उससे बचा कोई नहीं |

काम आ पायेगी अब शायद दुआ कोई नहीं |…

Continue

Posted on June 23, 2014 at 7:30am — 22 Comments

तरही ग़ज़ल- आयेंगे कब अच्छे दिन तू ही बता !

ग़ज़ल –

फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन

२१२२ २१२२ २१२



एक रत्ती कम न ज़्यादा चाहिए |

मांगते हैं हक़ हमारा चाहिए |





कौन कहता है कि राजा चाहिए |

इस सियासत को पियादा चाहिए |





आयेंगे कब अच्छे दिन तू ही बता ,

कब तलक रखना भरोसा चाहिए |





वो मदारी हम जमूरे हैं फकत ,

हम मरें उनको ये वादा चाहिए |





वायदों के गीत गाये पांच साल ,

खेलने को वो खिलौना चाहिए |





उनकी आँखों ने मुझे बतला… Continue

Posted on June 22, 2014 at 7:15am — 25 Comments

ग़ज़ल – द्रौपदी नोच डाली गयी घर से सीता निकाली गयी (अभिनव अरुण)

ग़ज़ल –

फाइलुन फाइलुन फाइलुन फाइलुन फाइलुन फाइलुन

२१२ २१२ २१२ २१२ २१२ २१२



द्रौपदी नोच डाली गयी घर से सीता निकाली गयी |

आज या कल के उस दौर में मैं कहाँ कब संभाली गयी |



सब्र तक मुझको मोहलत मिली कब कली अपनी मर्ज़ी खिली ,

एक सिक्का निकाला गया मेरी इज्ज़त उछाली गयी |



लड़का लूला या लंगड़ा हुआ गूंगा बहरा या काला हुआ ,

मुझसे पूछा बताया नहीं सबको मैं ही दिखा ली गयी |



दौर कैसा अजब आ गया एक सबको नशा छा गया ,

सब हैं पैसे के पीछे गए सबकी… Continue

Posted on June 10, 2014 at 5:53pm — 23 Comments

ग़ज़ल – फूल की ख़ुशबू को हम यूं भी लुटा देते हैं

ग़ज़ल



फाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फैलुन 

२१२२   ११२२    ११२२   २२ 



फूल की ख़ुशबू को हम यूं भी लुटा देते हैं |

करते हैं इश्क़ ज़माने को बता देते है |



एक चिंगारी है सीने में हवा देते हैं |

हम ग़ज़ल कहते हुए ख़ुद को सज़ा देते हैं |



जिसकी शाखों पे घरौंदों में मुहब्बत ज़िंदा ,

ऐसे पेड़ों को परिंदे भी दुआ देते हैं |



इश्क़ लहरों से अगर है तो क़िला गढ़ना क्या ,

रेत के घर को बनाते हैं मिटा देते हैं |…



Continue

Posted on March 22, 2014 at 7:30am — 20 Comments

Comment Wall (83 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 10:29am on January 17, 2014, जितेन्द्र पस्टारिया said…

जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें आपको आदरणीय अभिनव अरुण जी

At 11:10am on January 11, 2014, अरुन 'अनन्त' said…

हार्दिक आभार आदरणीय अरुण अभिनव भाई जी

At 10:26pm on January 7, 2014, अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव said…

आदरणीय  अभिनव अरुण भाई  , 

हार्दिक धन्यवाद , आभार और आपके पूरे  परिवार के लिए मंगलमय नव वर्ष की शुभकामनायें ॥ 

At 9:54pm on November 18, 2013,
सदस्य कार्यकारिणी
sharadindu mukerji
said…

आदरणीय अभिनव अरुण जी, पुरस्कार के लिये बधाई हेतु आपका हार्दिक आभार. कृपया स्नेह बनाए रखें. सादर, शरदिंदु.

At 2:30pm on October 6, 2013, शकील समर said…

इस जुड़ाव की वजह क्या है? क्या आप भी जमशेदपुर से है?

At 10:26am on October 6, 2013, D.K.Nagaich 'Roshan' said…

बहुत बहुत  दिली शुक्रिया, आदरणीय  अभिनव  अरुण  जी ..ये आप सभी की हौसला अफज़ाई और मुहब्बतों का असर है जो आज इस मुकाम पे आ पाया हूँ ... एक बार फिर दिली शुक्रिया..

At 10:52am on October 2, 2013,
सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी
said…

आदरणीय अभिनव भाई , आपका बहुत बहुत आभार !!!!

At 12:29pm on September 27, 2013, CHANDRA SHEKHAR PANDEY said…

अग्रजवत आशीर्वाद व मित्रवत प्रेम के लिए नमन।

At 8:08am on September 27, 2013, CHANDRA SHEKHAR PANDEY said…

अपनी मित्रता का उपहार प्रदान करने के लिए, आपका कोटिश: आभार, आदरणीय। आपका मित्र होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। सादर अभिनंदन।

At 7:43pm on September 23, 2013, Lata R.Ojha said…

धन्यवाद आदरणीय अभिनव जी  :)

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"शुक्रिया आदरणीय चेतन जी इस हौसला अफ़ज़ाई के लिए तीसरे का सानी स्पष्ट करने की कोशिश जारी है ताज में…"
1 hour ago
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"संवेदनाहीन और क्रूरता का बखान भी कविता हो सकती है, पहली बार जाना !  औचित्य काव्य  / कविता…"
6 hours ago
Chetan Prakash commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"अच्छी ग़ज़ल हुई, भाई  आज़ी तमाम! लेकिन तीसरे शे'र के सानी का भाव  स्पष्ट  नहीं…"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेद्र इन्सान जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई।  मतला प्रभावी हुआ है. अलबत्ता,…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
yesterday
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
Wednesday
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
Wednesday
Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"एकदम अलग अंदाज़ में धामी सर कमाल की रचना हुई है बहुत ख़ूब बधाई बस महल को तिजोरी रहा खोल सिक्के लाइन…"
Tuesday
surender insan posted a blog post

जो समझता रहा कि है रब वो।

2122 1212 221देख लो महज़ ख़ाक है अब वो। जो समझता रहा कि है रब वो।।2हो जरूरत तो खोलता लब वो। बात करता…See More
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service