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Started by Saurabh Pandey. Last reply by PRAMOD SRIVASTAVA Sep 20, 2016.
Started by indravidyavachaspatitiwari. Last reply by KALPANA BHATT ('रौनक़') Jul 22, 2016.
Comment
आदरणीया मंजरी पाण्डेय जी, इ दू लाईन हियरा के ख़ुशी के पूरा बयान कर देत बा, बधाई रउआ के |
दू गो इ पंक्ति भोजपुरी के सुखद समाचार पर।
कहवाँ से आइल किरिनिया हो हियरा हुलसाईल
चनवा क जइसे चननिया हो अँगना अन्जोराइल।
अपनी माटी के महक जब ह्रदय में एहसास करावेला त ई मन भाव से भर जाला ,भोजपुरी प्यार दुलार त जनम-जनम का नाता बाय जे कभी ना टूट सकी।।।।।।।।।।।।
भोजपुरी में होत बा, हाटे हॉट प्रयोग|
लड़िकाई में लगत हौ, इशक,विशक क रोग|
इशक,विशक क रोग,नीम पर चढल करैला|
बुढवा हौ मदमस्त की बिगडल जात गदेला|
कईसे मरद कहावत बाट, पहिन ल चूड़ी|
कहें मनोज कुमार श्लील अब ना भोजपुरी||
आँख से लोर ढरकावाल जीन करा,
दिल के बात बतावल जीन करा|
लोग मुट्ठी मे नून लेके घूमेलन,
आपन जखम देखावल जीन करा|
अपने माटी के महक जहां रही उहवां त हम रहबे करब ।
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